3 कारण क्यों मरात ग्रिगोरियन को हराकर बड़ा उलटफेर कर सकते हैं चिंगिज़ अलाज़ोव
जब ONE फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड ग्रां प्री के लिए चिंगिज़ “चिंगा” अलाज़ोव का नाम सामने आया था तो ज्यादातर लोगों को उनसे कम ही उम्मीदें थीं, लेकिन सैमी “AK47” सना पर आई रिकॉर्डतोड़ जीत ने उन्हें टूर्नामेंट जीतने के प्रबल दावेदारों में लाकर खड़ा कर दिया।
अब शुक्रवार, 28 जनवरी को ONE: ONLY THE BRAVE में #4 रैंक के कंटेंडर का सामना #1 रैंक के मरात ग्रिगोरियन से होगा। अगर वो दुनिया के सबसे बेहतरीन पाउंड-फोर-पाउंड स्ट्राइकर्स में से एक को हरा पाए तो उनकी ग्रां प्री जीत की संभावनाएं बहुत बढ़ जाएंगी।
अज़रबैजानी-बेलारूसी एथलीट बड़ा उलटफेर करने की काबिलियत रखते हैं और वो सिंगापुर इंडोर स्टेडियम में मुकाबले करने के लिए उतरने के दौरान ग्रिगोरियन को हराने में अपनी इन्हीं स्किल्स का इस्तेमाल करने उतरेंगे।
“चिंगा” की सर्कल में वापसी से पहले जानते हैं उन तीन कारणों के बारे में कि क्यों वो सभी को हैरान करते हुए टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश कर सकते हैं।
#1 स्टांस और पोजिशन बदलने के महारथी
जहां एक तरफ ग्रिगोरियन को लगातार आगे बढ़ते रहने वाले स्टाइल के लिए जाना जाता है, वहीं अलाज़ोव का तरीका उनसे बिल्कुल जुदा है और उनके अटैक्स को भांपना किसी के लिए भी आसान नहीं रहता।
Gridin Gym के अपने साथी, ONE लाइट हेवीवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन रोमन क्रीकलिआ, की तरह ही “चिंगा” अपने फुटवर्क का इस्तेमाल करते हुए अटैक करने के मौके तलाशते हैं। वो लगातार और आसानी के साथ अपना स्टांस बदलने के कारण सभी पोजिशंस में खतरनाक होते हैं।
खासतौर पर, वो ऑर्थोडॉक्स से साउथपॉ (बाएं हाथ के) स्टांस में जल्दी से आकर दूसरी को कम कर देते हैं और उसी दौरान दोनों तरफ से दमदार अटैक लगाने में महारत रखते हैं।
इस तरह से स्टांस बदलने के कारण उनके विरोधी भी असमंजस में पड़ जाते हैं और उन्हें अटैक करने के शानदार मौके हासिल हो जाते हैं।
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#2 तेज-तर्रार हाई किक्स
मिंस्क निवासी एथलीट के अटैकिंग गेम का एक और खास पहलू है उनकी तेजी और वो भी उनकी किक्स में।
अलाज़ोव बहुत तेजी के साथ किक्स लगाते हैं, जिनसे बच पाना उनके प्रतिद्वंदियों के लिए बहुत ही मुश्किल होता है।
ये स्ट्राइक्स ना सिर्फ तेज़ बल्कि सटीक भी होती हैं। दो बार के K-1 किकबॉक्सिंग चैंपियन आसानी के साथ सही निशाने पर किक्स लैंड करवा सकते हैं, जिसका मतलब ये है कि अगर किक्स में ताकत कम भी हुई तो वो सही जगह पर लगने की वजह से गहरा असर करती हैं।
सना को इस बात का अहसास ONE: FIRST STRIKE के क्वार्टरफाइनल मैच में हुआ था, जब “चिंगा” की किक उनके जबड़े पर जाकर लगी और फिर उसके बाद हुए अटैक के कारण उनको हार का सामना करना पड़ा।
#3 ताकतवर घुटनों का वार
ग्रिगोरियन आगे बढ़ते हुए तेज-तर्रार पंच लगाते हैं और फिर उसके बाद दूरी कम कर ओवरहैंड्स और हुक्स का इस्तेमाल करते हैं।
हालांकि, “चिंगा” द्वारा किया जाने वाला घुटनों का वार अर्मेनियाई एथलीट की इस तरह की रणनीति को बिगाड़ सकता है क्योंकि किसी भी बॉक्सिंग कॉम्बिनेशन के बीच में इन अटैक को अंजाम दिया जा सकता है।
वो अपने बेहतरीन लचीलेपन के कारण विरोधी के सिर को आसानी से ढूंढ़कर अटैक को अंजाम दे सकते हैं, लेकिन उन्हें शरीर पर वार करना भी पसंद हैं, जो आगे बढ़ते हुए प्रतिद्वंदी के लिए बहुत ही घातक साबित हो सकता है।
181 सेंटीमीटर लंबे एथलीट के घुटने ग्रिगोरियन की ठोड़ी और मिडसेक्शन पर अटैक करने के मौके तलाशेंगे।
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