ONE Friday Fights 2 में मैरी रूमेट की फाइट से पहले उनसे जुड़ी 5 दिलचस्प बातें
मैरी रूमेट ने ONE Championship में कुछ प्रभावशाली और साहसिक प्रदर्शन करके अपने फैंस बनाने में जरूर कामयाबी पाई है।
ये एथलीट बोलने से ज्यादा मुकाबला के जरिए अपनी ताकत दिखाने पर यकीन रखती हैं और 27 जनवरी को ONE Friday Fights 2 में थाई-नान ली के खिलाफ अपनी एटमवेट मॉय थाई बाउट में भी वो ऐसा ही करने वाली हैं।
हालांकि, अभी रूमेट के बार में बहुत कुछ जानना बाकी है। ऐसे में हम Marrok Force की प्रतिनिधि के थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में लौटने से पहले 5 दिलचस्प बातें जान लेते हैं।
#1 एस्टोनिया की एकमात्र ONE फाइटर
रूमेट का जन्म एस्टोनिया के एक छोटे से शहर सिंडी में हुआ था, जहां करीब 4000 लोग रहते हैं।
वो बचपन में बहुत सक्रिय थीं, जिसकी वजह से स्विमिंग, हॉर्स राइडिंग, टेबल टेनिस और हिप-हॉप डांस का भी हिस्सा बना करती थीं। हालांकि, 15 साल की उम्र में अपनी फिटनेस के लिए उन्होंने एक बार मॉय थाई आजमाया और यहीं से उन्हें पता चल गया था कि उनके जीवन का असली मकसद क्या है।
2 साल से भी कम समय के बाद “स्नो लैपर्ड” ने फैसला कर लिया था कि वो “द आर्ट ऑफ 8 लिम्ब्स” में करियर बनाना चाहती हैं।
#2 फुल टाइम फाइटर बनने के लिए छोड़ दिया स्कूल
आमतौर पर रूमेट का देश कॉम्बैट स्पोर्ट्स के एथलीट्स के लिए नहीं जाना जाता है, लेकिन जब उन्होंने 17 साल की उम्र में स्कूल छोड़ा और थाइलैंड चली गईं तो उन्होंने इस धारणा को तोड़कर रख दिया।
“स्नो लैपर्ड” 2017 से थाइलैंड में हैं। ऐसे में मॉय थाई के जरिए वो दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन तक पहुंचने वाली एस्टोनिया की एकमात्र एथलीट हैं।
पहले से ही दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकर्स का सामना करने के बाद रूमेट ये साबित कर रही हैं कि वो दिग्गज फाइटर्स के बराबर ही हैं और इसमें उनके आगे बढ़ने की बहुत अधिक संभावनाएं हैं।
#3 कैसे मिला ‘स्नो लैपर्ड’ का उपनाम
ONE के साथ करार करने के दौरान रूमेट थाइलैंड के चियांग माई में प्रशिक्षण ले रही थीं। वहीं उनकी टीम ने फैसला किया था कि उन्हें ग्लोबल स्टेज पर अपने नाम को आगे बढ़ाने के लिए एक उपनाम की जरूरत पड़ेगी।
काफी सोच-विचार के बाद एस्टोनिया की उभरती हुई स्टार ने बिल्लियों के प्रति अपने प्यार का खुलासा किया इसलिए उससे मिलते-जुलते उपनामों का सुझाव दिया गया लेकिन कोई फिट नहीं बैठा।
इसके बाद जिम का एक दोस्त इस मंत्रणा में शामिल हुआ और उसने “स्नो लैपर्ड” नाम का सुझाव दिया, जो तुरंत ही पूरे समूह में बैठे लोगों को अच्छा और वहीं से उनका उपनाम तय कर दिया गया।
#4 प्रकृति प्रेमी
रूमेट चियांग माई से बैंकॉक चली गई थीं, जहां उन्होंने पिछले साल Marrok Force में ट्रेनिंग ली थी, लेकिन बड़े शहर में उनके जीवन के लिए एक नकारात्मक पहलू भी छिपा था।
“स्नो लैपर्ड” एक प्रकृति प्रेमी एथलीट हैं और जब आप बड़े शहरों में रहते हो तो आपका साक्षात्कार प्रकृति की खूबसूरती से इतना नहीं हो पाता है।
उन्होंने इसके बारे में बतायाः
“एस्टोनिया में बहुत सारे जंगल हैं। वहां असल में प्रकृति निवास करती है। चियांग माई में मैं अक्सर पहाड़ों पर चढ़ा करती थी। वहां प्रकृति ने अपने रास्ते बनाए हैं, जहां आप जा सकते हैं। सच में वो बहुत अच्छे हैं। यही कमी मैं बैंकॉक में महसूस करती हूं।”
#5 किताबें पढ़ने की शौकीन
रूमेट के लिए सारी चीजें यहीं आकर खत्म नहीं होतीं क्योंकि मॉय थाई की दुनिया के अलावा उनका एक शौक और है। वो है किताबें पढ़ना।
आमतौर पर अकेले रहना पसंद करने वाली 23 साल की फाइटर खुद को एक रोमांचक फिक्शन नॉवेल में पूरी तरह डुबो लेना पसंद करती हैं।
उन्होंने कहाः
“मुझे क्राइम स्टोरीज पढ़ना पसंद है। साथ ही एडवेंचर भी पसंद है। ये मेरा ऐसा शौक है, जिससे मैं खुद को रोज़मर्रा की दुनिया से कुछ देर के लिए अलग कर लेती हूं।”