5 चीजें जो हमें ONE: EDGE OF GREATNESS से सीखने को मिलीं
बीते शुक्रवार यानी 22 नवंबर को आयोजित हुए ONE: EDGE OF GREATNESS में दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट्स ने शिरकत की जहाँ काफी संख्या में धमाकेदार बाउट्स देखने को मिलीं।
सिंगापुर इंडोर स्टेडियम में वर्ल्ड टाइटल डिफेंड हुए तो उलटफेर भी देखने को मिले। यहाँ हम चर्चा करने वाले हैं उन 5 सबक के बारे में जो ONE: EDGE OF GREATNESS से हमें सीखने को मिले।
#1 नोंग-ओ ने बताया कि उन्हें महान क्यों कहा जाता है
सैमापेच फेयरटेक्स के खिलाफ ONE बेंटमवेट मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल का बचाव करने रिंग में उतरे नोंग-ओ ग्यांगडाओ पहले राउंड में ज़रूर कुछ हद तक संघर्ष करते दिखाई दे रहे थे। मगर दूसरे राउंड में उन्होंने वापसी की जहाँ उन्होंने लगातार जोरदार पंच लगाते हुए सैमापेच को बैकफुट पर धकेल दिया था।
नोंग-ओ को दूसरे राउंड में जीतने के कई मौके मिले लेकिन सैमापेच कड़ा संघर्ष करते हुए खुद को तीसरे राउंड तक पहुंचाने में सफल रहे। एक ऐसा भी समय आया जब नोंग-ओ कमजोर पड़ते दिखाई देने लगे थे और इसी का फायदा उठाते हुए सैमापेच ने बाउट पर अपना प्रभुत्व कायम कर लिया था।
आखिर में चाहे नोंग-ओ टाइटल डिफेंड करने में सफल रहे हों लेकिन सैमापेच फेयरटेक्स ने भी दर्शा दिया कि उन्हें टैकल करना इतना आसान नहीं है। मगर आखिर में नोंग-ओ ने भी बता दिया है कि उन्हें ऐसे ही महान मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट का दर्जा हासिल नहीं हुआ है।
#2 ट्रॉय वर्थेन से दूरी बनाए रखने में ही समझदारी
ट्रॉय वर्थेन “प्रीटी बॉय” जब अपनी रैसलिंग स्किल्स का प्रयोग करना शुरू करते हैं तो बड़े-बड़े मार्शल आर्टिस्ट भी उनके सामने कमजोर पड़ते दिखाई देते हैं और ONE: EDGE OF GREATNESS में भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया है।
अधिकतर समय ट्रॉय, चीन के चेन लेई पर हावी रहे और ऐसा बहुत ही कम देखने को मिला जब चेन लेई अपने पैरों पर खड़े रहे हों। इस बात से पता चलता है कि वर्थेन के करीब से फाइट करने की रणनीति कभी भी सफल नहीं हो सकती और यही गलती चेन लेई से भी हुई और बाउट गंवा बैठे।
#3 राहुल राजू ने खुद में काफी सुधार किया है
राहुल राजू “द केरल क्रशर” का प्रोफेशनल करियर काफी मुश्किलों भरा रहा है लेकिन अब धीरे-धीरे वो अपनी तकनीक में भी सुधार कर रहे हैं और इसी का नतीजा रहा कि ONE: EDGE OF GREATNESS में उन्हें फुरकान चीमा “द लॉयन” पर एकतरफा अंदाज में जीत मिली है।
इससे पहले उन्हें रिचर्ड कॉर्मिनल “नोटोरियस” पर पहले ही राउंड में सब्मिशन से जीत मिली थी लेकिन यह भी सच है कि आने वाले समय में उन्हें कड़ी चुनौतियों से पार पाना होगा।
28 वर्षीय राहुल को अभी केवल 10 मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स फाइट का अनुभव है लेकिन समय के साथ उन्होंने खुद की तकनीक में सुधार कर दर्शा दिया है कि वो आने वाले कुछ सालों में लाइटवेट डिवीजन के स्टार एथलीट बन सकते हैं।
#4 एलेक्स सिल्वा को ब्राजीलियन जिउ-जित्सु का इस्तेमाल नहीं करने देना चाहिए
एक समय पेंग ज़ू वेन ने एलेक्स सिल्वा “लिटल रॉक” को अपनी बेहतरीन स्ट्राइकिंग स्किल्स से कमजोर स्थिति में ला खड़ा किया था लेकिन इस चीज का उन्हें हमेशा मलाल रहेगा कि वो एलेक्स पर जीत हासिल नहीं कर पाए।
खराब शुरुआत के बाद पूर्व ONE स्ट्रॉवेट वर्ल्ड चैंपियन एलेक्स ने अच्छी वापसी की, हालांकि वो पहले टेकडाउन के प्रयास में सफल नहीं हो पाए थे लेकिन अंत में उन्हें अच्छी ग्रैपलिंग के सहारे चीन के योद्धा पर दूसरे राउंड में जीत मिली।
एलेक्स को अंत में सब्मिशन के जरिए जीत हासिल हुई लेकिन उन्होंने दर्शा दिया है कि वो अभी भी ब्राजीलियन जिउ-जित्सु को भूले नहीं हैं जिसने उन्हें करियर में एक स्टार का औदा दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।
#5 शुया कामिकुबो के पास वो सभी स्किल्स हैं जो उन्हें टॉप स्टार बना सकती हैं
ONE: EDGE OF GREATNESS में एक चीज तो साफ हो गई है कि शुया कामिकुबो को ब्रूनो पुची “पुचीबुल” जैसे वर्ल्ड क्लास सब्मिशन स्पेशलिस्ट भी नहीं रोक पाए।
कामिकुबो ने अपने रैसलिंग मूव्स का बेहद सटीकता से प्रयोग किया और अब उनका ONE रिकॉर्ड अब 3-0 का हो गया है। रैसलिंग स्किल्स होने के कारण कामिकुबो अधिकतर मौकों पर टेकडाउन करने में सफल हुए और इसके तुरंत बाद जोरदार नी और एल्बोस के सहारे अपने प्रतिद्वंदी को हराने में सफल भी रहे।
शुया कामिकुबो जिस राह पर चल रहे हैं उससे साफ पता चलता है कि वो जल्द ही वर्ल्ड टाइटल के लिए चुनौती पेश कर सकते हैं।
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