इन 5 कारणों से ONE के सबसे खतरनाक वेल्टरवेट फाइटर हैं कियामरियन अबासोव
कियामरियन अबासोव अपनी स्किल्स और काबिलियत के दम पर ONE वेल्टरवेट वर्ल्ड चैंपियन बने हैं।
अब ONE Fight Night 4 में उन्हें अभी तक अपने सबसे कठिन प्रतिद्वंदी, ONE लाइटवेट वर्ल्ड चैंपियन क्रिश्चियन ली, के खिलाफ अपने वेल्टरवेट टाइटल को डिफेंड करना है।
उनकी भिड़ंत अमेरिकी प्राइमटाइम पर शुक्रवार, 18 नवंबर (भारत में शनिवार, 19 नवंबर) को होगी, जिसमें ली डबल चैंपियन बनने की कोशिश करेंगे।
“ब्रेज़ेन” के लिए ये चुनौती बिल्कुल आसान नहीं है।
उस फाइट के शुरू होने से पहले यहां जानिए उन 5 कारणों के बारे में, जो बताते हैं कि अबासोव इस समय ONE के सबसे खतरनाक MMA वेल्टरवेट फाइटर हैं।
#1 एक बेहतरीन ग्रैपलर
अबासोव ने बहुत छोटी उम्र में अपने अंकल की निगरानी में रेसलिंग सीखनी शुरू की थी, जो आज उनके MMA गेम का अभिन्न अंग है।
29 वर्षीय स्टार के डबल-लेग टेकडाउन, ट्रिप्स और क्लिंच गेम शानदार होता है, जिससे उन्हें अपने विरोधियों को मैट पर गिराने में आसानी होती है। वहीं उनका ग्राउंड-एंड-पाउंड और सबमिशन गेम भी खतरनाक है।
“ब्रेज़ेन” के पास खतरनाक ग्राउंड-एंड-पाउंड और सबमिशन स्किल्स भी हैं, जो उन्हें ग्राउंड फाइटिंग में पिछड़ने से बचाती हैं।
वो अगर पंचों के जरिए अपने प्रतिद्वंदी को फिनिश नहीं कर पाते तो उन्हें सबमिशन में फंसाने की कोशिश करते हैं और वो इन्हीं स्किल्स का मिश्रण करते हुए अपने विरोधी की बुरी हालत कर देते हैं।
#2 स्टैंड-अप गेम भी जबरदस्त
हालांकि अबासोव एक रेसलर हैं, लेकिन उनकी स्ट्राइकिंग स्किल्स भी उन्हें जीत दिलाती आई हैं।
उन्होंने युशिन ओकामी को नॉकआउट कर दिखाया था कि उनके पंच कितने प्रभावशाली हैं। वहीं उन्होंने जेम्स नाकाशीमा को नी स्ट्राइक्स लगाकर खूब क्षति पहुंचाते हुए अपने ONE वेल्टरवेट वर्ल्ड टाइटल को डिफेंड किया था।
उनके पास फिनिशिंग मूव्स की भरमार है इसलिए उनके करियर की 15 में से 11 जीत स्ट्राइक्स से आई हैं और उन 11 में से 8 जीत पहले राउंड में आईं।
उनका स्टैंड-अप गेम खतरनाक है। वो स्ट्राइकिंग और रेसलिंग का मिश्रण करते हुए अपने विरोधी पर मैच फिनिशिंग स्ट्राइक लगाने के मौके तलाशते रहते हैं।
#3 स्थिति के अनुसार अपने गेम में बदलाव ला सकते हैं
अबासोव सभी रेंज में रहकर अटैक कर सकते हैं, इस वजह से उनके खिलाफ बढ़त बनाना बहुत मुश्किल काम है।
ONE Championship के कई एथलीट्स वर्ल्ड-क्लास स्किल्स से सुसज्जित हैं और उनमें से कुछ ही सभी रेंज में फाइट कर पाते हैं। इसलिए “ब्रेज़ेन” फाइट के दौरान भी अपने विरोधी की कमजोरी को ढूंढकर उसका फायदा उठा सकते हैं।
वो स्टैंड-अप गेम में स्ट्राइक लगाने के मौके को खाली नहीं छोड़ते। अगर उन्हें बदलाव की जरूरत महसूस होती है तो वो क्लिंच या रेसलिंग करते हुए फाइट को ग्राउंड पर ला सकते हैं।
उन्हें अपने प्रतिद्वंदी को संदेह में लाना पसंद है और फेक मूव्स का झांसा देकर स्ट्राइकर्स, रेसलर्स और सबमिशन स्पेशलिस्ट्स की कमजोरियों का फायदा उठाते आए हैं।
#4 कभी हार नहीं मानते
अबासोव के पास वर्ल्ड-क्लास स्किल्स हैं, लेकिन इसके अलावा वो ONE के सबसे दृढ़ फाइटर्स में से एक भी हैं। वो शारीरिक रूप से बहुत तगड़े हैं और मानसिक तौर पर बहुत मजबूत हैं।
उन्हें अपने विरोधियों को चौंकाते हुए जबरदस्त वापसी करना बहुत पसंद है।
उदाहरण दें तो ओकामी के खिलाफ मैच में “ब्रेज़ेन” पहले राउंड में पिछड़ रहे थे, लेकिन उन्होंने दूसरे राउंड में वापसी कर यादगार नॉकआउट जीत दर्ज की थी।
नाकाशीमा के खिलाफ मैच में भी अबासोव के लिए परिस्थिति मुश्किल हो गई थी क्योंकि उन्होंने टूटी हुई नाक के साथ फाइट की। वो स्कोरकार्ड्स में पिछड़ रहे थे, लेकिन उन्होंने सब्र से काम लिया और चौथे राउंड में मौका मिलते ही अमेरिकी स्टार को फिनिश किया।
अबासोव स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्हें हराना बहुत मुश्किल है। अगर आप उन्हें फिनिश नहीं कर पाए तो वो जरूर आपको झकझोर सकते हैं।
#5 उनकी कंडीशनिंग शानदार है
अगर अबासोव अपने प्रतिद्वंदी को फिनिश नहीं कर पाते तो भी वो जीत दर्ज करने की काबिलियत रखते हैं।
उनके करियर के 9 मैच आखिरी राउंड तक चले हैं, जिनमें उनका रिकॉर्ड 8-1 का रहा है।
ये शानदार रिकॉर्ड बताता है कि उनका स्टैमिना शानदार है, जिसकी मदद से वो आखिरी राउंड तक फाइट जारी रख सकते हैं। इसी तरह उन्होंने ज़ेबज़्टियन कडेस्टम को हराकर वेल्टरवेट वर्ल्ड टाइटल अपने नाम किया था।
अबासोव एक ही दिन 7 राउंड्स तक फाइट कर चुके हैं। उन्होंने 2 बार जजों के फैसले और एक बार पहले राउंड में सबमिशन से जीत दर्ज कर रूस में एक वन-नाइट टूर्नामेंट अपने नाम किया था इसलिए उनके स्टैमिना पर संदेह नहीं किया जा सकता।