भारतीय MMA फाइटर राहुल राजू से जुड़ी 5 बेहद रोचक बातें
पिछले कुछ मैचों की निराशा को पीछे छोड़ राहुल “द केरल क्रशर” राजू अब जीत हासिल करने को लेकर उत्साहित हैं।
शुक्रवार, 13 अगस्त को सिंगापुर में रहने वाले भारतीय MMA फाइटर का सामना प्री-रिकॉर्डेड इवेंट ONE: BATTLEGROUND II के लाइटवेट मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स मुकाबले में मंगोलियाई फाइटर ओट्गोनबाटर नेरगुई से होगा।
इस मुकाबले में राजू को जीत से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा और वो फाइट को पहले या दूसरे राउंड में सबमिशन से खत्म होते देख रहे हैं।
आइए भारतीय MMA स्टार की इस महत्वपूर्ण बाउट से पहले उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें जानते हैं।
ब्रूस ली से मिली मार्शल आर्ट्स की प्रेरणा
दुनिया के हजारों-लाखों फैंस की तरह ही ब्रूस ली की फिल्में देखकर राजू की मार्शल आर्ट्स में दिलचस्पी पैदा हुई।
उन्हें बचपन में एक्शन फिल्में देखने का बहुत शौक था। उन्हें जैकी चैन, जेट ली और ब्रूस ली की फिल्में काफी अच्छी लगती थी।
उन्होंने बताया, “मेरे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा ब्रूस ली हैं। मैंने फिल्में देखकर उनके बारे में बहुत कुछ जाना।”
“मैं डीवीडी खरीदकर बार-बार उनकी फिल्में देखता था। मुझे उनका स्टाइल बहुत पसंद है और कुछ किक्स को अपने मार्शल आर्ट्स करियर में भी शामिल किया है।”
स्कूल में हुए झगड़े ने जिंदगी बदली
ब्रूस ली और उनकी एक्शन फिल्मों से प्रेरित होकर राजू मार्शल आर्ट्स करना चाहते थे, लेकिन उनके माता-पिता चाहते थे कि वो मार्शल आर्ट्स की बजाय पढ़ाई पर ध्यान लगाएं।
मगर 14 साल की उम्र में कहानी में नया मोड़ आया। स्कूल में हुए एक झगड़े में युवा राजू को मार खानी पड़ी।
इस घटना के बाद परिवारवालों ने उन्हें और उनके भाई को कुंग फू स्कूल में दाखिला दिलाया और यहीं से उनका मार्शल आर्ट्स सफर शुरु हुआ।
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इंजीनियरिंग छोड़कर MMA करियर पर ध्यान लगाया
मूल रूप से केरल के रहने वाले राजू ने 2011 में सिंगापुर जाकर आगे की पढ़ाई करने का फैसला लिया। उन्होंने टेमासैक यूनिवर्सिटी से मेकाट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
“द केरल क्रशर” ने यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन हासिल करने के बाद सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में काम किया। फुल टाइम जॉब के कारण वो ट्रेनिंग को पूरा समय नहीं दे पा रहे थे।
इस वजह से उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए जॉब छोड़ी और एक एथलीट के तौर पर सफलता हासिल करने के लिए पूरी तरह से खुद को ट्रेनिंग में झोंक दिया।
ब्राजीलियन जिउ-जित्सु और कुंग फू में ब्राउन बेल्ट
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स जैसे जटिल खेल में कामयाब बनने के लिए एक फाइटर को स्टैंड-अप के साथ-साथ ग्राउंड गेम में भी महारत हासिल करना होता है।
वो सिंगापुर स्थित Juggernaut Fight Club के हेड कोच अरविंद ललवानी की निगरानी में लगातार अपनी स्ट्राइकिंग और ग्राउंड गेम को बेहतर कर रहे हैं।
“द केरल क्रशर” कुंग फू और ब्राजीलियन जिउ-जित्सु (BJJ) में ब्राउन बेल्ट होल्डर हैं। BJJ में ब्राउन बेल्ट हासिल करने के लिए सालों की मेहनत लगती है और अब उनका फोकस ब्लैक बेल्ट हासिल करने पर होगा।
सबसे बड़ा डर
हर शख्स की जिंदगी में कोई ना कोई ऐसी चीज होती है, जो वो चाहता है कि उसके साथ कभी ना हो।
हम इस बात से वाकिफ हैं कि राजू ने इंजीनियरिंग की अच्छी जॉब छोड़कर अपने जुनून को करियर में तब्दील किया। राजू का सबसे बड़ा डर चोट लगना है।
उन्होंने बताया, “मेरे सबसे बड़ा डर चोट है। अगर मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहा तो मैं अपने जूनून को फॉलो नहीं कर पाऊंगा। मैं बाकी चीज़ों के बारे में इतनी चिंता नहीं करता क्योंकि मैं नकारात्मक नहीं बनना चाहता।”
“ट्रेनिंग ऐसी चीज़ है जो मुझे उम्मीद, खुशी और खुद पर नियंत्रण रखने में मदद करती है। अगर मेरा मन सही नहीं है तो ट्रेनिंग करता हूं। मुझे चोट की वजह से ट्रेनिंग ना कर पाने का डर रहता है।”
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