पूर्व ONE वर्ल्ड चैंपियन मरात गफूरोव से जुड़ी 7 रोचक बातें
कई सालों तक मरात “कोबरा” गफूरोव ONE Championship के फेदरवेट डिविजन के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में से एक रहे हैं। लेकिन अब वो लाइटवेट डिविजन में भी उसी तरह की सफलता प्राप्त करना चाहते हैं।
2020 में ही नए डिविजन में डेब्यू करने के बाद शुक्रवार, 18 दिसंबर को ONE: COLLISION COURSE में उनका सामना #5 रैंक के लाइटवेट कंटेंडर लोवेन टायनानेस से होगा।
फैंस जानते हैं कि गफूरोव क्या करने में सक्षम हैं और अगर वो टायनानेस को हराने में सफल रहे तो जरूर लाइटवेट डिविजन के टॉप एथलीट्स में शामिल हो सकते हैं।
गफूरोव के अगले मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स मुकाबले से पहले यहां आप पूर्व ONE फेदरवेट वर्ल्ड चैंपियन से जुड़े 7 रोचक तथ्यों के बारे में जान सकते हैं।
#1 शरारती तत्वों पर विजय पाई
गफूरोव काफी खतरनाक एथलीट हैं इसलिए ये सोच पाना भी मुश्किल है कि बचपन में उन्हें शरारती बच्चे परेशान करते थे।
जब वो इशकार्ती नाम के गांव को छोड़ दागेस्तान की राजधानी माखाछकाला शिफ्ट हुए तो भी उनकी मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही थीं।
लेकिन उनका सब्र का बांध अब टूट चुका था इसलिए “कोबरा” ने शरारती तत्वों का डटकर सामना किया। खुद अपनी मदद करने के बाद उन्होंने अन्य लोगों की भी मदद करनी शुरू की।
#2 फिल्में देखकर मार्शल आर्ट्स से लगाव हुआ
कई अन्य ONE एथलीट्स की तरह गफूरोव को भी फिल्में देखने के बाद मार्शल आर्ट्स से लगाव हुआ था।
उनके पसंदीदा एक्टर्स ब्रूस ली और जैकी चैन रहे और उनकी फिल्मों को वो अपने दोस्तों के साथ नजदीकी सिनेमाघर में देखने जाते थे।
गफूरोव ने कहा, “जब मैं छोटा था तो मार्शल आर्ट्स से जुड़ी फिल्मों को सबसे ज्यादा लोग देखने आते थे। वहीं से मुझे इस खेल में आने की प्रेरणा मिली।”
#3 दागेस्तानी एथलीट से प्रेरणा मिली
फिल्मी सितारों के अलावा “कोबरा” को दागेस्तानी मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स स्टार मागोमेडखान “वॉक हैन” गमज़तखानोव से भी प्रेरणा मिली।
“वॉक हैन” 1990 और 2000 के दशक में एक लोकप्रिय रेसलर और सैम्बो स्टाइलिस्ट हुआ करते थे। गफूरोव को अपने हमवतन एथलीट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर परफ़ॉर्म करते देख प्रोत्साहन मिला इसलिए उन्होंने भी इस खेल में आने का प्लान तैयार किया।
गफूरोव ने बताया, “वो मेरे आदर्श रहे हैं। उस समय हमारे देश का एथलीट जापान में जाकर भी सफलता प्राप्त करते हुए टॉप लेवल का एथलीट बन सकता था।”
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#4 देरी से हुई शुरुआत के बाद भी सफलता प्राप्त की
बचपन की समस्याओं और मार्शल आर्ट्स के प्रति प्यार को देखते हुए ये तो तय हो चला था कि गफूरोव जरूर किसी ना किसी जिम को जॉइन करेंगे। लेकिन देश के अन्य रेसलर्स की तुलना में उनके करियर की शुरुआत थोड़ी देरी से हुई।
“कोबरा” ने 15 साल की उम्र में पहली बार Amanat Fight Club में कदम रखा। शुरू में उन्होंने वुशु और सांडा में स्ट्राइकिंग के गुर सीखे।
उन्हें स्टैंड-अप स्किल्स सीखने में काफी मजा आ रहा था, इस बीच गफूरोव ने अन्य स्किल्स में भी हाथ आजमाया। इसी प्रक्रिया के दौरान उनका लगाव ब्राजीलियन जिउ-जित्सु से भी बढ़ने लगा और इसी की मदद से खतरनाक सबमिशन आर्टिस्ट बने।
#5 अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल कीं
ग्रैपलिंग के साथ कई अन्य स्किल्स को सीखने के बाद गफूरोव को सफलता मिलनी शुरू हुई।
“कोबरा” ने आगे चलकर ग्रैपलिंग में FILA वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती, कई बार रूस में ADCC स्वर्ण पदक विजेता बने, दागेस्तान नेशनल BJJ चैंपियनशिप और M-1 ग्लोबल फेदरवेट टाइटल भी जीता।
उन्होंने सबसे बड़ी उपलब्धि तब प्राप्त की, जब सितंबर 2015 में उन्होंने मार्टिन “द सीटू-एशियन” गुयेन को केवल 41 सेकंड में हराकर अंतरिम ONE फेदरवेट वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती और उसके बाद नवंबर में नारनतुंगलाग “तुंगा” जदंबा को हराकर अनडिस्प्यूटेड चैंपियन भी बने।
#6 ONE में कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए
ONE में मिली सफलता के बाद गफूरोव ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं, उनमें से कई अभी भी उनके नाम हैं।
ONE के इतिहास में सबसे ज्यादा (7) सबमिशन फिनिश के मामले में वो संयुक्त रूप से पहले स्थान पर हैं, सबसे ज्यादा वर्ल्ड टाइटल बाउट्स (5) का हिस्सा रहे हैं और ONE फेदरवेट डिविजन में सबसे ज्यादा वर्ल्ड टाइटल डिफेंस (3) का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है।
गफूरोव के 6 मैचों में लगातार रीयर-नेकेड चोक से आई जीत के रिकॉर्ड को भी अभी तक कोई नहीं तोड़ सका है।
#7 नई पीढ़ी के स्टार को तैयार कर रहे हैं
36 वर्षीय स्टार अभी भी मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के टॉप एथलीट्स में से एक हैं और अभी से उन्होंने अगली पीढ़ी के स्तर को तैयार करना शुरू कर दिया है।
गफूरोव के बेटे ने अभी से अपना जूडो, रेसलिंग और पैंक्रेशन का सफर शुरू कर दिया है। “कोबरा” का मानना है कि अभी की गई ट्रेनिंग उन्हें भविष्य में बहुत मदद करेगी, फिर चाहे वो मार्शल आर्ट्स में करियर बना पाएं या ना।
गफूरोव ने कहा, “मैं उन्हें जीवन का एक सिद्धांत सिखा रहा हूं। मार्शल आर्ट्स ने मुझे मेहनती और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ना सिखाया है। इस खेल से बहुत कुछ सीखा जा सकता है और मैं अपने बेटे को कभी किसी चीज के लिए मजबूर नहीं करना चाहता।”
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