कैसे अर्जन भुल्लर के बच्चे उन्हें सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं – ‘एक अलग तरह की प्रेरणा’
अर्जन “सिंह” भुल्लर ने कॉम्बैट स्पोर्ट्स में बहुत कुछ हासिल किया है, लेकिन इन सब उपलब्धियों से कहीं बढ़कर है एक पिता होना।
पूर्व ONE हेवीवेट MMA वर्ल्ड चैंपियन, जो कि शुक्रवार, 1 मार्च को होने वाले ONE 166: Qatar में वापसी करते हुए ईरानी पावरहाउस अमीर अलीअकबरी का सामना करेंगे, ने अपने जीवन में तीसरे बच्चे का स्वागत किया।
पहले से ही दो बेटियों के पिता भुल्लर की पत्नी नीनू ने अक्टूबर 2023 में बेटे को जन्म दिया। उन्होंने अपने बच्चे का नाम “हीरा” रखा है।
कनाडाई-भारतीय सुपरस्टार ने onefc.com से बात करते हुए बताया:
“एक बेटे का पिता बनना बहुत ही शानदार अनुभव है। ये पूर्ण होने के अलावा धन्य होने का अहसास कराता है। उनकी पहले से दो बहनें हैं तो अब हमारा परिवार पूरा हो गया है। एक स्वस्थ बच्चे का जन्म और उनकी बहनों द्वारा उनका स्वागत करना मेरे और पत्नी के लिए बहुत ही खास लम्हा था।
“वो हमारा हीरा है और ये नाम उन पर फिट बैठता है।”
भुल्लर इन दिनों लुसैल स्पोर्ट्स एरीना में अलीअकबरी के खिलाफ होने वाले अहम हेवीवेट MMA मैच के लिए तैयारी कर रहे हैं और परिवार में आया नया सदस्य उन्हें कड़ी ट्रेनिंग के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
इन दिनों वो एक फाइटर के तौर पर खुद के लिए फाइट नहीं कर रहे बल्कि “सिंह” अपने बच्चों के लिए उतर रहे हैं:
“एक एथलीट के तौर पर आपको स्वार्थी बनना पड़ता है। जब आप अकेले होते हैं, खुद रहते हैं तब ये आसान होता है।
“लेकिन जब जीवन में बच्चे आ जाते हैं तो सब कुछ बदल जाता है। अब तीन बच्चों के बाद उनके लिए मेरी आकांक्षा बढ़ गई है। अब सब कुछ उनके लिए है। ये एक अलग तरह का नजरिया है, अलग तरह की प्रेरणा, मतलब और जीवन का उद्देश्य है।
“जब चीजें कठिन होती हैं तो मैं सोचता हूं, ‘अगर मुझे इस हाल में मेरे बच्चे देखेंगे तो वो क्या सोचेंगे?’ मुझे इससे पार पाना ही होगा। मुझे इसका डटकर सामना करना होगा।”
अर्जन भुल्लर अपने बच्चों के लिए आदर्श बनना चाहते हैं
करियर और परिवार के बीच संतुलन बनाना मुश्किल काम होता है और ये काम तब अधिक मुश्किल हो जाता है, जब कोई अर्जन भुल्लर जैसा नामी एथलीट हो।
वो ट्रेनिंग करने के लिए बच्चों से दूर अपने गृहनगर वैंकूवर, कनाडा से अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित American Kickboxing Academy जाते हैं।
भुल्लर ने इस बारे में कहा:
“ट्रेनिंग कैंप काफी मुश्किल होते हैं। मेरी पार्टनर बहुत अच्छी हैं, जब भी मुझे ट्रेनिंग के लिए बाहर होना पड़ता है तो मैं उनकी वजह से ऐसा कर पाता हूं। लेकिन ये चुनौती भरा होता है क्योंकि ट्रेनिंग कैंप के दौरान आप बच्चों को नहीं देख पाते। मैं जब ट्रेनिंग कैंप में नहीं होता तो उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करता हूं।
“अच्छे माता-पिता वो होते हैं जो अपने बच्चों के लिए हमेशा मौजूद रहें और मैं भी अच्छा पेरेंट बनने की पूरी कोशिश करता हूं।”
एक बात जो भुल्लर को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है, वो ये कि उनके बच्चे उनके द्वारा की गई मेहनत को देखकर अपने जीवन में भी इन बातों को अमल में लाएंगे।
“सिंह” अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए रेसलिंग में आए और फिर MMA फाइटर बने। ऐसे में वो जानते हैं कि एक पिता का जीवन पर कितना प्रभाव पड़ सकता है।
वो अपने बच्चों को दिखाना चाहते हैं कि अगर कड़ी मेहनत करें तो जीवन में कुछ भी हासिल किया जा सकता है, फिर चाहे वो मार्शल आर्ट्स में हो या किसी दूसरे क्षेत्र में।
भुल्लर ने बताया:
“ये इस बारे में नहीं है कि मैं क्या चाहता हूं। मैं उन्हें अच्छी जिंदगी देकर गौरवान्वित महसूस करवाकर उदाहरण बनना चाहता हूं। सबसे जरूरी चीज है कि मैं जिस तरह से उन्हें शिक्षा देना चाहता हूं वो दे पाऊं। अगर वो मेरे जीवन को देखें तो उन्हें पता रहे कि उनके पिता ने क्या किया है।
“मैं उन्हें किसी सीमा में बांधना नहीं चाहता। मैं उन्हें हमेशा खुश देखना चाहता हूं। ये सबसे महत्वपूर्ण है। इसके बाद वो जीवन में चाहे कुछ भी चुनें, मैं उनका साथ दूंगा। मेरी इच्छा और सपने मायने नहीं रखते।
“लोग कहते हैं कि उनके पीछे कई कामयाब लोग हैं (अर्जन और उनके पिता मशहूर रेसलर रहे हैं), लेकिन उन पर कोई बोझ नहीं होना चाहिए। उनकी खुद की अपनी जिंदगी है।”