MMA के लिए बलिदान करने वाले गुस्तावो बलार्ट को उम्मीद कि वो इस खेल की मदद से फिर परिवार के साथ होंगे
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में शोहरत हासिल करने के लिए गुस्तावो बलार्ट ने एक कठिन रास्ता चुना है।
शुक्रवार, 22 अप्रैल को ONE: Eersel vs. Sadikovic में योसूके सारूटा का सामना करने वाले क्यूबन रेसलर ने अपने परिवार और गृहनगर को पीछे छोड़कर खुद को शिखर तक पहुंचने का मौका दिया है।
ONE Championship में अपनी पहली जीत दर्ज करने के बाद अब “एल ग्लैडीएडर” के पास वो सुनहरा मौका है, जब वो पूर्व ONE स्ट्रॉवेट चैंपियन के साथ मुकाबला करके ऊंचे पायदान पर जा सकते हैं। साथ ही उम्मीद है कि सर्कल में मिलने वाली सफलता उन्हें काफी समय से इंतजार में चल रही रीयूनियन तक ले जाएगी।
ऐसे में सिंगापुर इंडोर स्टेडियम में कदम रखने से पहले 35 साल के एथलीट ने अपनी उस यात्रा के बारे में बताया, जिसके चलते वो अपने MMA करियर में इस मुकाम तक पहुंचे हैं।
क्यूबा में बीता खुशियों भरा बचपन
बलार्ट का जन्म 1987 में सैंटियागो डी क्यूबा में हुआ था। हालांकि, जब उनकी उम्र काफी कम थी, तभी उनके माता-पिता अलग हो गए थे, लेकिन इसके बावजूद दोनों से उनके रिश्ते अच्छे बने रहे।
उनका पालन-पोषण पिता ने एक बड़े भाई के साथ किया था। ऐसे में वो अपने आप को खुशकिस्मत मानते हैं कि उनके पास दो परिवार हैं।
“एल ग्लैडीएडर” ने कहा:
“जब मैं 5 साल का था तो मेरे माता-पिता अलग हो गए थे। वो बहुत मुश्किल समय था, लेकिन सच तो ये है कि मेरे माता-पिता दोनों ही मेरे काफी करीब रहे हैं। मेरी मां क्यूबा के दूसरे प्रांत में चली गईं और फिर मैं अपने पिता के साथ आ गया।
“मां के साथ मेरा बहुत करीबी रिश्ता बना रहा। ऐसे में मैं ये कह सकता हूं कि मेरे पास दो मां हैं क्योंकि जिनके साथ मेरे पिता पिछले 20 साल से रह रहे हैं, वो मुझे बेटे की तरह ही प्यार करती हैं। ऐसे में मुझे दोनों से ही प्यार और लगाव मिला।”
बलार्ट अपने स्कूल टाइम और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज से भी खुश रहे हैं। इससे उन्हें एथलेटिक्स में आगे बढ़ने को मौका मिला, जिससे बाकी चीजों में भी उनकी रुचि बढ़ती गई।
क्यूबन एथलीट ने बताया:
“मैं बहुत अच्छा बच्चा था इसलिए मेरे कई सारे दोस्त थे और क्योंकि मैं हमेशा से स्पोर्ट्स में था तो उनमें से कई में बहुत अच्छा था। यहां तक कि एक एथलीट होने के नाते मुझे लीडर के रूप में चुना गया था।
“मैं काफी लोकप्रिय बच्चा था। सबको पता था कि मैं ओलंपिक में रेसलिंग के लिए प्रैक्टिस करता था इसलिए वो मेरा सम्मान करते थे। इस वजह से कह सकता हूं कि मैं एक कमाल का स्टूडेंट था और स्मार्ट भी।”
रेसलिंग से मिली सफलता
भले ही बलार्ट केवल 4 फुट और 11 इंच लंबे हैं, लेकिन एक रेसलर बनना ही उनकी किस्मत में लिखा था। ये खेल उनकी रगों में शामिल था और इसका असर काफी कम उम्र में दिखाई देने लगा था।
उन्होंने बताया:
“मैं रेसलिंग की प्रैक्टिस तब से कर रहा हूं, जब मैं काफी छोटा बच्चा था और इसका पूरा श्रेय मेरे पिता को जाता है। वो क्यूबन नेशनल टीम के सदस्य थे। ये मेरे खून में शामिल है और जब से मैं पैदा हुआ हूं, ये तब से मेरे जीवन का हिस्सा है। मैं 9 साल की उम्र से 25 साल की उम्र तक रेसलिंग की।”
अपने पिता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए “एल ग्लैडीएडर” ने जल्द ही मैट्स पर महारत हासिल कर ली।
इसके चलते क्यूबन एथलीट ने कई सारे नेशनल टाइटल्स अपने नाम किए और वो तीन बार के पैन अमरीकन ग्रीको रोमन रेसलिंग चैंपियन बन गए।
बलार्ट ने कहा:
“सच है कि ये मेरी रगों में दौड़ता है, जो कि स्वाभाविक है। मैं अपने पिता को निराश नहीं करना चाहता था। मुझे मैट पर जाकर फाइट करने में गर्व महसूस होता था। मैं चाहता था कि उन्हें मुझ पर गर्व महसूस हो सके और भगवान की कृपा है कि मैं ऐसा कर पाया।”
साल 2012 में बलार्ट ने रेसलिंग में सबसे बड़ा मुकाम हासिल करते हुए इंग्लैंड के लंदन में आयोजित समर ओलंपिक्स में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया था।
भले ही वो इस सबसे बड़े मंच पर मुकाबला करके जोश से भरे हुए थे, लेकिन साथ में उन्होंने इसे प्रोफेशनल मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की तरफ ध्यान देने का सही मौका भी समझा।
उन्होंने बताया:
“(ओलंपिक में मुकाबला करना) हर एथलीट का सपना होता है। कई सारे लोग इस सपने को देखते हैं, लेकिन कुछ ही इसे पूरा कर पाते हैं
“MMA में शामिल होना हमेशा से मेरा सपना रहा था। मैं क्यूबा में (बड़े MMA प्रोमोशन के वीडियो) प्ले किया करता था। हमेशा कहा करता था कि मैं भी यही करना चाहता हूं। मैंने देखा (ONE Championship की फ्लाइवेट ग्रां प्री) में ड्रिमिट्रियस जॉनसन को चैंपियन बनते हुए।
“तब मैंने खुद से कहा कि अब मेरा समय भी आ गया है। फिर मैंने भी MMA की सभी विधाओं की ट्रेनिंग लेनी और संयुक्त राज्य अमेरिका जाने की तैयारी शुरू कर दी।”
अमेरिका की सबक भरी यात्रा
अमेरिका जाना उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था, लेकिन बलार्ट अपने परिवार को बेहतर सुख-सुविधाएं देना चाहते थे। ऐसे में उन्हें उन लोगों से दूर जाना पड़ा, जो उनके जीवन में सबसे ज्यादा मायने रखते हैं।
उन्होंने याद करते हुए बताया:
“वो बहुत मुश्किल समय था। मैंने जब क्यूबा छोड़ा तो मेरी एक पांच साल की बच्ची, एक तीन साल की और तीन महीने की गर्भवती पत्नी वहां थीं।
“मेरे लिए ये फैसला करना बहुत कठिन था, लेकिन ये बहुत जरूरी भी था क्योंकि आज मैं यहां से उन्हें हर तरह की मदद दे सकता हूं। वो चीजें भी जो मेरे पास क्यूबा में होते हुए भी नहीं थीं।”
“लेकिन हर चीज की कीमत चुकानी पड़ती है। आज मैं उन्हें कई तरह की चीजें दे सकता हूं, लेकिन मैं उन्हें अपना प्यार नहीं दे पाता हूं। उन्हें चीजें नहीं सिखा पाता हूं।”
क्यूबा से अमेरिका की यात्रा करने वाले कई अन्य लोगों की तरह अपने देश को छोड़ना ही सबसे कठिन हिस्सा नहीं था।
अपनी चार महीनों की कठिन यात्रा के दौरान “एल ग्लैडीएडर” और उनके पिता को स्मगलरों, तस्करों और यहां तक कि भ्रष्ट पुलिसवालों का सामना करना पड़ा था। इस दौरान कोलंबिया, पनामा, कोस्टा रिका और मैक्सिको की यात्रा करते हुए उन्हें कठिन परिस्थितियों में रहने को मिला।
बलार्ट ने कहा:
“मैंने अमेरिका जाने के लिए 28 नवंबर 2015 को क्यूबा छोड़ा था। मैं फ्लाइट से कोलंबिया गया और उसके कुछ महीने बाद 8 मार्च 2016 को यूएस पहुंचा।
“वो पूरी यात्रा बहुत ही ज्यादा खतरनाक थी। वहां बहुत सारे अपराधी थे। उन्हें पता था कि हम क्यूबा वाले अमेरिका जाना चाहते हैं और उन्हें ये भी पता था कि हम काफी सारा पैसा लाए हैं, लेकिन अच्छी बात ये रही कि हमें कुछ हुआ नहीं।
“आप कभी नहीं जानते कि आप ठगे जा रहे हैं। अधिकारियों ने हमें रोक लिया क्योंकि हम कानूनी रूप से एक टूरिस्ट वीजा पर आए थे तो पुलिस ने हम पर दबाव बनाकर, डरा-धमकाकर पैसे ऐंठने की कोशिश भी की थी।”
ONE की सफलता के साथ परिवार को साथ लाने की कोशिश
अपने परिवार से दूर रहना बलार्ट के लिए आसान नहीं था, लेकिन अमेरिका में फ्लोरिडा के जाने-माने American Top Team जिम में ट्रेनिंग करना उनके सपने की शुरुआत भर थी।
स्थानीय प्रोमोशंस में 8-1 का शानदार रिकॉर्ड बनाने के बाद प्रतिभाशाली एथलीट ने ONE Championship में मुकाबला करने का कॉन्ट्रैक्ट हासिल कर लिया। इसका मतलब ये हुआ कि अब सुरक्षा उनकी मुट्ठी में थी।
बलार्ट ने कहा:
“मुझे हमेशा से पता था कि MMA ही मेरा रास्ता है क्योंकि इसमें अच्छा मेहनताना मिलता है, शोहरत मिलती है और ये क्यूबा से निकलने का मेरा टिकट भी था।
“ये मेरे लिए चुनौती भरा था। बहुत सारे लोग मेरा समर्थन नहीं करते थे। उन्हें नहीं लगता था कि मेरे जैसे स्तर वाले एथलीट को MMA में मुकाबला करना चाहिए, लेकिन जो लोग मुझ पर विश्वास करते थे, वो मेरे साथ अमेरिका आए जैसे कि मेरे पिता।”
अब 22 अप्रैल को पूर्व स्ट्रॉवेट किंग और वर्तमान #3 रैंक के कंटेंडर योसूके सारूटा को हराने के मौके के साथ अंतिम लक्ष्य उनकी नजरों में चढ़ गया है।
वो “द निंजा” को प्रभावशाली तरीके से रोककर 50,000 यूएस डॉलर का परफॉर्मेंस बोनस हासिल करना चाहते हैं। और सबसे जरूरी अपने परिवार के साथ अमेरिका में फिर एक हो जाना चाहते हैं।
बलार्ट ने कहा,:
“जितनी जल्दी हो सके मैं अपने परिवार को यहां लाने पर ध्यान लगा रहा हूं। मैं चाहता हूं कि मेरी बेटियां मेरे पास हों।
“मैं फाइट करने के लिए बहुत उत्सुक और खुश हूं। मैं अपने विरोधी को जितना जल्दी हो सके फिनिश करना चाहता हूं। साथ ही हो सके तो वो बोनस भी हासिल करना चाहता हूं। मेरे लिए जीत हासिल करके और पैसे जमा करके अपने परिवार को यूएस लाना बहुत जरूरी है।”