अगिलान थानी की टॉप 3 प्रेरणादायक फिल्में
मलेशियाई स्टार अगिलान “एलीगेटर” थानी को फिल्मों से कई काफी प्रेरणा मिली है।
इस एथलीट को मुश्किलों का सामना करने वाली प्रेरणादायक फिल्में पसंद हैं। इन कहानियों ने उन्हें सिखाया है कि हर किसी को सफलता हासिल करने के लिए अलग-अलग रास्तों का चुनाव करना पड़ता है और शीर्ष पर पहुंचने के लिए दृढ़ता और हार न मानने वाले स्वभाव के साथ आगे बढ़ना पड़ता है।
उन्होंने भी ग्लोबल स्टेज पर नाम कमाने के लिए अपने जीवन की मुश्किल परिस्थितियों को पछाड़ा है और इन 3 फिल्मों ने उनपर काफी प्रभाव छोड़ा है और मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करियर में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।
जानें 3 फिल्मों के बारे में जो थानी को प्रेरणा प्रदान करती हैं।
फॉरेस्ट गंप (1994)
जब थानी ने बचपन में 1994 की लोकप्रिय फॉरेस्ट गंप को पहली बार देखा था तो उन्हें ये कॉमेडी-ड्रामा फिल्म ज्यादा पसंद नहीं आई थी।
इस फिल्म को कई बार देखने के बाद Monarchy MMA के एथलीट को मुख्य कैरेक्टर के संघर्ष की कहानी के बारे में समझ आया क्योंकि उनका सफर भी एक मोटे टीनेजर से देश के सबसे बड़े मार्शल आर्टिस्ट बनने तक का रहा था।
थानी ने कहा, “जब मैं छोटा था तो फिल्म के संदेश को समझ पाना मेरे लिए कठिन था लेकिन फिल्म को बार-बार देखने के बाद मैं आखिर इस फिल्म के बारे में सब कुछ समझ गया।”
“जब आपको किसी चीज़ की सख्त जरूरत होती है तो आप अपना पूरा ध्यान उसपर लगा देते हैं। इसके साथ ही आपको फिर सफलता हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता है।”
इस फिल्म ने 6 एकेडमी अवॉर्ड्स जीते थे। फॉरेस्ट गंप एक जवान लड़के की कहानी है जिसके पैरों में ब्रेसेस लगे हुए थे और वो मुड़ी हुई कमर की वजह से सही तरह से चल नहीं पाता था।
उन्हें उनकी माँ ने आगे बढ़ने की प्रेरणा दी और बताया कि वो किसी अन्य व्यक्ति से अलग नहीं है। एक दिन कुछ बदमाश उनका पीछा कर रहे थे और उनके लेग ब्रेसेस गिर गए और फिर गंप ने अपनी एक अनोखी क्षमता का पता लगाया।
इस किस्से ने उनका जीवन देखने का नजरिया बदल दिया। गंप ने हाई स्कूल की फुटबॉल टीम को जॉइन किया और फुटबॉल स्कॉलरशिप की मदद से उन्हें यूनिवर्सटी ऑफ अलाबामा में जगह मिली और ग्रेजुएशन के बाद वो US आर्मी का हिस्सा बने।
फिल्म के दौरान गंप की दूसरे खेलों की ओर रुचि भी बढ़ी। जब उनकी गर्लफ्रेंड जैनी ने शादी के प्रस्ताव को ठुकराया तब वो साढ़े तीन साल तक पूरे देश में घूमते रहे।
थानी ने कहा, “अंत ने आपको खुद पर विश्वास रखना होगा। मेरे अनुसार ये इतना आसान है।”
“वो बिना किसी लक्ष्य के आर्मी, फुटबॉल या टेबल टेनिस के चैंपियन को हरा रहे थे। वो सर्वश्रेष्ठ थे क्योंकि उन्होंने इसमें सब कुछ झोंक दिया।”
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द टर्मिनल (2004)
थानी ने हँसते हुए बताया कि वो टॉम हैंक्स के बड़े प्रशंसक हैं और कहा, “मैंने इसे सिर्फ इसलिए देखा क्योंकि ये टॉम हैंक्स की फिल्म थी।”
“जब टॉम हैंक्स (फिल्म में विक्टर नवोर्स्की) अपना पासपोर्ट खो देते हैं तब चीज़ें रोचक बनती है। मुझे ये कहानी पसंद आई और इसके बाद से फिल्म काफी सिंपल रही लेकिन यहां से कई सारी बातें सीखी जा सकती थीं।”
स्टीवन स्पीलबर्ग के द्वारा डायरेक्ट की गई कॉमेडी-ड्रामा फिल्म में नवोर्स्की, क्रकोजहिया के एक नागरिक है जो न्यूयॉर्क के जॉन एफ. कैनेडी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फंस गए। उनका पासपोर्ट अब वैध नहीं है क्योंकि यूनाइटेड स्टेट्स सिविल वॉर के बाद क्रकोजहिया को एक स्वतंत्र देश नहीं मानता।
इस वजह से वो एक ऐसे व्यक्ति बन गए जिन्हें अपने देश में जाने की अनुमति नहीं है इसलिए नवोर्स्की को एक मुश्किल जीवन बिताना पड़ा और वो एयरपोर्ट पर नए लोगों से मिले और इस परिस्थिति के सुलझने का इंतजार करते रहे।
उन्होंने बताया, “पूरी फिल्म में नजर आया कि हमें जीवन में किसी न किसी की जरूरत होती है भले ही वो एक दोस्त हो या एक साथी। उन्होंने एक लड़की को झूठ बोलकर प्रभावित किया और ये एक आकर्षक चीज़ रही।”
“फिल्म के अंत में उन्हें अपने घर वापस जाने का मौका मिला और इससे आपको शिक्षा मिलती है कि कभी-कभी जब चीज़ें अपने नियंत्रण में नहीं होती है तो हमें शांत रहना पड़ता है।”
एडी द ईगल (2016)
थानी की सूची में अंतिम फिल्म एडी द ईगल है जो 2016 में आई थी।
टैरोन एगर्टन ने फिल्म में माइकल एडवर्ड्स का किरदार निभाया था और ये फिल्म एक असल घटना पर आधारित थी। एडी द ईगल के नाम से प्रसिद्ध एडवर्ड्स ने मुश्किल परिस्थितियों को हराकर 1988 के कैलगरी विंटर ओलंपिक्स में जगह बनाई।
अन्य एथलीट्स द्वारा मजाक बन जाने और हीट्स में अंतिम स्थान पर आने के बाद भी एडवर्ड्स अपने साहस और दृढ़ निश्चय की वजह से अपने देश के नेशनल हीरो बनकर लौटे।
थानी को ये कहानी पसंद आई क्योंकि उनकी कहानी भी कुछ इसी प्रकार की रही, जब 2017 में ONE वेल्टरवेट वर्ल्ड टाइटल के लिए उनका सामना बेन “फंकी” एस्क्रेन से हुआ।
उन्होंने कहा, “मुझे इस फिल्म में मेरी झलक नजर आती है, खासकर उस समय जब मैं बेन एस्क्रेन के खिलाफ मेरी फाइट पर अब नजर डालता हूँ।”
इस मलेशियाई स्टार के सामने कई सारे सवाल आए लेकिन एडी द ईगल की वजह से उन्होंने सीखा कि हर एथलीट को अपने करियर के एक समय पर आलोचकों का सामना करना पड़ता है।
थानी ने बताया, “मेरा ट्रेनिंग कैम्प अच्छा नहीं गया था और मेरे मुख्य कोच (ब्रूनो, मेहदी और कोको) दूसरे कार्यों में व्यस्त थे। बहुत सारे लोग पूछ रहे थे कि क्या मैं वहां रहना डिजर्व करता हूँ।”
“हालांकि, मैं हार नहीं मानना चाहता था। मैंने खुद से कहा कि मैं इस शॉट को लेना चाहूंगा। कभी-कभी आप बेस्ट बनने के लिए इंतजार नहीं करना चाहते हैं लेकिन जब सामने मौका हो तो खुद के लिए अच्छा करना बेस्ट रहता है।”
“मेरी किताबों में इसे जीत कहा जाता है। अगर एडवर्ड्स अपने सपनों को पूरा करने में हार मान लेते तो उनकी टीम में हिस्सा बनने की मेहनत पूरी तरह खराब हो जाती।”
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