एलेक्स सिल्वा अपनी कामयाबी के जरिए दूसरों की मदद के लिए हैं समर्पित
भले ही एलेक्स “लिटल रॉक” सिल्वा की परवरिश ब्राजील के उबातुबा में एक अच्छे और प्यार करने वाले परिवार में हुई लेकिन उन्होंने जिस असमानता और पीड़ा को अपने चारों ओर देखा है, वो उनके दिल में अपनी गहरी छाप छोड़ गया।
अब 37 वर्षीय एथलीट ONE स्ट्रॉवेट वर्ल्ड टाइटल को फिर से हासिल करने के लिए जोशुआ “द पैशन” पैचीओ के खिलाफ ONE: FIRE AND FURY के मेन इवेंट में बाउट करेंगे। देखा जाए तो एलेक्स मार्शल आर्ट्स की दुनिया के शीर्ष एथलीटों में से एक बन गए हैं। उनके अनुभवों ने उन्हें दुनिया को बेहतर जगह बनाने का प्रयास करने के लिए प्रेरित किया है।
सिल्वा ने युवावस्था में ब्राजीलियन जिउ-जित्सु से शुरुआत की थी। उन्होंने वो सफलता हासिल की, जिसके बारे में कभी सोचा भी नहीं होगा।
उन्होंने Copa do Mundo BJJ वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती। सिंगापुर की Evolve MMA में रहकर मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के टॉप प्राइज़ अपने नाम किए।
“लिटिल रॉक” इस बात के लिए कहीं ना कहीं आभारी हैं कि वो जिस चीज़ से सबसे ज्यादा प्यार करते थे, जिसका अभ्यास करना चाहते थे, उसे कर रहे हैं और इसके जरिए ब्राजील में अपने परिवार को सहारा दे रहे हैं। ऐसे में उनके परिवार को उन कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ा, जो उन्होंने बड़े होने के दौरान देखी थीं।
वो उस पल को याद करते हुए कहते हैं, “मैं जब पहली बार सिंगापुर गया तो मैं खुद को बहुत खुशनसीब महसूस कर रहा था क्योंकि वहां सबकुछ बहुत अच्छा था।”
“ब्राजील से यहां आने के बाद मुझे इस बात का अहसास और आश्चर्य हुआ कि कम भाग्याशाली या मुश्किलों में जीवन गुजारने वाले बच्चों के पास भी मोबाइल फोन हैं।”
सबसे पहले, वो अपनी जन्मभूमि से विपरीत वहां के माहौल को देखकर बेहद प्रभावित थे। हालांकि, बाद में उन्हें ये समझ में आया कि वहां भी बाहर से आए लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। फिर वो लोगों के जीवन में थोड़ा सा उजाला लाने वाले रास्ते को खोजने की तलाश में लग गए।
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उन्होंने कहा, “ब्राजील में मैंने कई बच्चों को देखा, जिनके पास बहुत कुछ नहीं था लेकिन उसके बावजूद वे हमेशा खुश नजर आते थे।”
“कई बार आपके पास बहुत कुछ होता है लेकिन तब भी आप खुश नहीं रहते हैं। कभी-कभी हम ये भी सोच सकते हैं कि हमारे पास कुछ नहीं है और हम दूसरों की मदद भी नहीं कर सकते हैं। मेरे पास बहुत कुछ नहीं था लेकिन मैं इस जीवन के लिए खुद को धन्य महसूस करता हूं। मुझे हमेशा ये सोचना और इसकी कोशिश करना ज्यादा महत्वपूर्ण लगता है कि खुद की जरूरतों की बजाय दूसरों की मदद के लिए क्या किया जाए। ”
सिल्वा ने लोगों की मदद करने के तरीके तलाशने शुरू कर दिए थे। जल्द ही जिम में उन्होंने एक ट्रेनी होने के जरिए अपने नए समुदाय में चैरिटेबल संगठनों की मदद करने के मौकों के बारे में जाना।
सिल्वा ने इस बारे में बताया, “मेरे स्टूडेंट्स में से एक पापा रिच ने कुछ संगठनों से मेरा परिचय करवाया, जहां जाकर देखा कि मैं उनकी किस तरह मदद कर सकता हूं।”
“मैं उन बच्चों के लिए पल्स लर्निंग सेंटर सीसीएफ गया, जो कैंसर से पीड़ित हैं। वहां पापा रिच ने मुझे उन बच्चों को दिखाया। उस वक्त मुझे एहसास हुआ और ये समझ में आया कि बच्चों से मिलने और उनके साथ एक्टिविटी में भाग लेने के दौरान क्या करना चाहिए।”
इन सबके बावजूद सिल्वा दावा करते हैं कि वो लोगों की मदद के लिए बहुत कुछ नहीं कर पाते हैं। फिर भी उन्हें इस बात का गर्व है कि वो कम समय के बावजूद उन जगहों पर रहकर लोगों पर जो प्रभाव डाल पाते हैं, वो उन्हें बेहद संतुष्ट करता है। खासकर कि जहां पर सब युवा हों।
उन्होंने बताया, “सच में, मैं जो कुछ भी करता हूं, वो किसी के लिए कुछ करने को बहुत थोड़ा है। कभी-कभी अपने टीचिंग के शेड्यूल से उनके लिए लंबा वक्त निकालने का वादा करना बेहद मुश्किल होता है। इस वजह से जब भी मुमकिन हो, हर बार उनके पास जाने की कोशिश करता हूं।”
“मैं अभी एक अनाथालय गया था और मेरे लिए ये बेहद यादगार पल था। वहां बहुत सारे बच्चे थे और मुझे बच्चों के साथ रहना पसंद है। हम कभी-कभी बच्चों के लिए बाहर से खाना ऑर्डर करते या फिर उन सबको साथ में बाहर ले जाकर फिल्म दिखाते। ये छोटी-छोटी चीजें ज्यादा नहीं होतीं लेकिन उनके लिए ये बहुत मायने रखती हैं।”
“वे जानते हैं कि मैं एक एथलीट हूं और ONE Championship का हिस्सा हूं। वो कभी-कभी मैच में इस्तेमाल किए जाने वाले मूव्स दिखाने के लिए मुझसे कहते हैं या फिर मेरे साथ रेसलिंग करना चाहते हैं। ये देखना बेहद खास होता है कि वे आप पर कितना गौर करते हैं। यही चीजें हैं, जो मुझे एहसास कराती हैं कि मैं कितना भाग्यशाली हूं।”
सिल्वा अपनी मार्शल आर्ट्स की कोचिंग वर्क के जरिए भी सभी क्षेत्रों के लोगों की मदद करने और उन्हें बेहतर बनाने की कोशिश करते रहते हैं, जिसमें उन्हें काफी खुशी मिलती है।
Evolve में एक कोच की भूमिका में सिल्वा अपने स्टूडेंट्स को न केवल मार्शल आर्ट्स के हुनर बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी बेहतर बनाने के प्रयास करते हैं।
“लिटिल रॉक” को ये बेहद अच्छा लगता है कि वो दूसरों की मार्शल आर्ट्स स्किल्स को बेहतर कर सकें। इस स्पोर्ट्स के बारे में उन्होंने जो सीखा है, वो वापस उसे देना चाहते हैं और इससे ज्यादा और कोई चीज उन्हें संतोष नहीं देती है।
ये उनके लिए एक और अच्छा माध्यम है, जिसके जरिए वह दुनिया को बेहतर जगह बनाने की कोशिश करते हैं।
सिल्वा बताते हैं, “मेरे कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जो बहुत शर्मीले हैं। मैंने उन्हें शुरुआती ट्रेनिंग के दौरान ये नोटिस किया। वे बहुत मुश्किल से आंखों से आंखें मिला पाते हैं।”
“एक कोच और संरक्षक के रूप में मैं उन्हें चुनौती देने और प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित करता रहता हूं, जो मेरी टीचिंग का एक हिस्सा है। उदाहरण के तौर पर मैं पूरी क्लास के सामने उनसे उनके उद्देश्य को लेकर बात करता हूं। ऐसे में पहले वे बहुत टेंस और असहज हो जाते हैं लेकिन समय के साथ धीरे-धीरे उनमें बदलाव आता है। वे और अधिक फ्रेंडली होते हैं और दूसरें स्टूडेंट्स से मिलना और बातचीत करना शुरू कर देते हैं।
“ये देखकर मुझे खुशी महसूस होती है। मैं हमेशा उनसे खुद की तुलना करने के लिए कहता हूं कि जब उन्होंने पहली बार इसे शुरू किया था, तब वो कहां थे और अब वो कहां हैं। मैं चाहता हूं कि उन्हें ये पता चले कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके पास कितना कुछ है। आप जितना दे सकते हैं, हमेशा उससे ज्यादा देना होता है। बिल्कुल ऐसा ही तब होता है, जब आपको उसे वापस करना पड़ता है।
“किसी को असलियत में किसी तरह की मदद करना वो होता है, जो आपके पास हो ही नहीं। उदाहरण के तौर पर कह सकता हूं कि मैं जो कुछ भी कर रहा हूं, वो बहुत है। हालांकि, जो कुछ भी मैं मदद करने के लिए कर सकता हूं, वो मैं करता हूं। ऐसा ही मेरे स्टूडेंट्स या कम भाग्यशाली लोगों के लिए हो। मेरा मानना है कि अगर हर कोई अंत में थोड़ा बहुत करता है, तो इसका मतलब बहुत होगा।”
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मनीला | 31 जनवरी | ONE: FIRE & FURY | टिकेट्स: यहां क्लिक करें
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