अल्मा जुनिकु की परवरिश ने उन्हें वर्ल्ड चैंपियन बनने में मदद की
अल्मा जुनिकु ONE: FIRE & FURY में अपने वर्चस्व का अभियान जारी रखना चाहेंगी।
वो शुक्रवार, 31 जनवरी को फिलीपींस के मनीला में ONE Super Series एटमवेट मॉय थाई मैच में ऐनी “निंजा लाइन” लाइन होगस्टैड से बाउट करेंगी। ऑस्ट्रेलियाई एथलीट अपनी प्रभावशाली फॉर्म को इस मैच में भी जारी रखना चाहती हैं।
महज 19 साल की उम्र में ही जुनिकु पहले ही WBC और IPCC मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल जीत चुकी हैं। अब वो दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में एटमवेट डिविजन में अपना प्रभाव छोड़ना चाहती हैं।
मॉल ऑफ एशिया एरीना में ग्लोबल स्टेज पर कदम रखने से पहले Modern Warrior Muay Thai प्रतिनिधि ने बताया कि कैसे उन्होंने इसके लिए बेहतरीन कौशल और आत्मविश्वास हासिल किया।
सफलता पाने के लिए सीखे शुरुआती सबक
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Posted by ONE Championship on Saturday, June 1, 2019
जुनिकु के माता-पिता उन्हें और उनके भाई-बहनों को पालने-पोसने के लिए अलबेनिया छोड़कर ऑस्ट्रेलिया के साउथईस्ट क्वींसलैंड में ब्रिसबेन के दक्षिण में स्थित लोगन सिटी ले आए थे।
उन्होंने बताया, “लोगन सिटी हिंसा और क्राइम की वजह से थोड़ा कम बेहतर क्षेत्र था।”
“हालांकि, मैं एक अच्छी जगह पली-बढ़ी हूं इसलिए ये इतना भी बुरा नहीं था। थोड़ा कम बेहतर था लेकिन इसने मुझे टफ बना दिया, जो आज मैं हूं।”
उनके पेरेंट्स बेहद स्ट्रिक्ट थे लेकिन उन्होंने बच्चों की जरूरतों और परवरिश के लिए बहुत मेहनत की। भले ही जुनिकु ने एक एनर्जेटिक यंगस्टर के रूप में खुद को बंदिशों से बाहर निकालने की कोशिश की हो। फिर भी उन्होंने अपने पेरेंट्स से आदर और वर्क एथिक्स अच्छी तरह से सीखे हैं।
वो याद करते हुए कहती हैं, “बचपन में मैं थोड़ी शैतान और जिद्दी थी। मुझे हमेशा मजे करना पसंद था।”
“मेरे पेरेंट्स सख्त और बेहद मेहनती थे क्योंकि जब वो यहां आए थे, तो उनके पास कुछ नहीं था। उन्होंने मुझे सिखाया है कि जो कुछ हम चाहते हैं, उसे पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।”
चुना एक अलग रास्ता
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Posted by ONE Championship on Tuesday, May 28, 2019
जुनिकु के पिता एक प्रोफेशनल सॉकर (फुटबॉल) प्लेयर थे। उन्होंने कोशिश की थी कि बच्चे भी उनकी राह पर चलें। शुरुआत में उन्होंने इसके लिए मजबूर किया लेकिन बाद में जैसे ही वो मार्शल आर्ट्स की तरफ गए, वैसे ही उनकी सोच बदल गई।
उनके पड़ोस में रहने वाले एक एक दोस्त ने मॉय थाई की ट्रेनिंग लेनी शुरू की थी। उन्होंने जुनिकु को भी इसके साथ जुड़ने की राय दी थी।
19 वर्षीय एथलीट ने बताया, “उन्होंने हमसे कहा कि आपको भी इसे ट्राई करना चाहिए। मैंने कोशिश की और मुझे बहुत मजा आया।”
“पहले मेरे भाई ने कोशिश की थी, मैं और मेरी बहन इंतजार कर रहे थे। हमें बिल्कुल भी नहीं पता था कि ये खेल लड़कियों के लिए भी था। उन्होंने कहा था कि ये मजेदार है इसलिए हम उनके साथ जुड़ गए और तब से मुझे इससे ऐसा प्यार हुआ कि मैंने इसका साथ नहीं छोड़ा।”
जुनिकु जब 8 साल की थीं, तभी से उन्होंने मॉडर्न वॉरियर मॉय थाई में ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी। अब भी वो जिम उन्हें घर की याद दिलाता रहता है। वो जब 8 साल की थीं, तभी से उन्होंने अपने भाई-बहनों के साथ “आठ अंगों की कला” में प्रतिस्पर्धा करनी शुरू कर दी थी।
ONE वर्ल्ड टाइटल चैलेंजर ने कहा, “ये मेरी लाइफ में एक आशीर्वाद के रूप में आया था।”
“मैं सच में खुश हूं कि मैं और मेरे भाई-बहन सब साथ में ही ट्रेनिंग लेते हैं। हम पेशेवेर एथलीट की तरह एक-दूसरे से लड़ते हैं क्योंकि हमें इसके जरिए एक-दूसरे से सलाह लेने का मौका मिल जाता है।”
पिता की इच्छाओं के खिलाफ गईं
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Posted by ONE Championship on Thursday, May 30, 2019
भाई-बहन के साथ जुनिकु ने भी कॉम्बैट स्पोर्ट्स में अपनी राह तलाश ली थी। इससे उनके माता-पिता खुश नहीं थे खासकर कि जुनिकु के पिता क्योंकि उनका खुद दिल एक दूसरे खेल में लगता था।
उनके पिता ने पहली बार में उनकी पसंद का विरोध किया था लेकिन जब उन्होंने देखा कि वे अपने पैशन के प्रति कितने समर्पित थे तो वो समझने लगे।
उन्होंने कहा, “शुरुआत में मेरे पिता का दिल टूट गया था क्योंकि हम सभी ने फुटबॉल छोड़ दिया था। ये उनका पसंदीदा खेल था और वो उम्मीद करते थे कि हम भी उसमें अपना करियर बना सकते हैं। मैं जब बड़ी हुई और मुझे सफलता मिली तो पापा समझ गए और वो मेरे द्वारा उठाए गए कदम से बेहद खुश थे।”
“मैं जब छोटी थी तो मां मेरे घायल होने या बुरी तरह से चोटिल होने से डर गई थीं लेकिन उन्हें इस बात का एहसास हो गया था कि ये बुरा नहीं है।”
जुनिकु के पेरेंट्स ने जब देखा कि उनके बच्चों ने खुद को एक खेल में सफल बनाने में पूरी तरह से लगा दिया है, जिससे वे बेहद प्यार करते हैं तो उन्होंने वो सब कुछ किया, जिससे उनकी प्रतिभा निखारी जा सकती थी।
जुनिकु कहती हैं, “मेरे पेरेंट्स बहुत कुछ नहीं दे सकते थे लेकिन उन्होंने ट्रेनिंग के लिए वो सबकुछ दिया, जिसमें वो सक्षम थे। उन्होंने हमारा भरपूर सपोर्ट किया।”
उच्च स्तर की सफलता हासिल की
उनका पहला ही कॉन्टेस्ट महज 9 साल की उम्र में था। 18 तक उन्होंने वर्ल्ड टाइटल की सफलता हासिल की और दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में 2019 में वर्ल्ड टाइटल के लिए मैच हासिल किया। जुनिकु का रिंग में पूरा करियर अद्भुत सफलता वाला रहा है।
जब से उन्होंने रिंग में कदम रखा तो महान एथलीट बनने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए अपने पैर कभी पीछे नहीं किए। इस तरह उन्होंने प्रभावशाली 24-5 का प्रोफेशनल रिकॉर्ड कायम कर लिया है।
उन्हें रिंग में मैच करना बेहद पसंद है। साथ ही इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उन्होंने कई मार्शल आर्टिस्ट्स से ज्यादा जीत दर्ज की हैं।
वो बताती हैं, “मैच के दौरान शारीरिक व मानसिक दबाव, दर्शक, वहां के मौहाल के बीच मुझे पहले मैच से ही रहना बहुत रास आ गया था।”
“मैं अपनी स्किल्स दिखाने और जीत हासिल करने के लिए भूखी थी। इससे साफ होता है कि मैं बहुत ज्यादा ही इस खेल में सक्रिय थी। मैं ज्यादा जीत हासिल करने, मैच खेलने और खुद को बेहतर बनाने में लगी रहती थी।”
दिसंबर 2018 में उन्होंने WBC मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल के लिए जाजा सोर एरी को हराया और ONE Super Series के मॉय थाई वर्ल्ड एलीट ग्रुप में अपना स्थान बनाया।
अब ऑस्ट्रेलियाई एथलीट आगे आने वाली चुनौती का पूरा फायदा उठाने के लिए तैयार होंगी। वो 31 जनवरी को होगस्टैड के खिलाफ रिंग में उतरेंगी।
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मनीला | 31 जनवरी | ONE: FIRE & FURY | टिकेट्स: यहां क्लिक करें
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