कड़ी मेहनत, त्याग और हौसले की वजह से ऐनी लाइन होगस्टैड ने खुद का नाम बनाया
नॉर्वे के कुछ ही मार्शल आर्टिस्ट्स को ग्लोबल स्टेज पर बड़ा स्टार बनने का मौका मिल सका है लेकिन ऐनी “निंजा” लाइन होगस्टैड की कड़ी मेहनत, समर्पण और सफलता ने उन्हें टॉप पर पहुंचने में बहुत मदद की है।
शुक्रवार, 31 जनवरी को फिलीपींस की राजधानी मनीला में होने वाले ONE: FIRE AND FURY में अल्मा जुनिकु के साथ रिंग साझा करने के साथ ही वो ONE Championship डेब्यू करने वाली नॉर्वे की पहली एथलीट बन जाएंगी।
इस ONE Super Series मॉय थाई मुकाबले से पहले 32 वर्षीय एथलीट ने बताया कि किस तरह उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के बीच आई मुश्किलों का सामना किया।
मां से मिली प्रेरणा
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होगस्टैड का जन्म नॉर्वे के बर्गेन शहर में हुआ था लेकिन उनके पिता फिनीश (फिनलैंड) आर्मी में कार्यरत रहे इसलिए जब वो बड़ी हो रही थीं तो उनके परिवार को समय-समय पर शिफ्ट होना पड़ता था।
उन्होंने बताया, “मेरे पिता आर्मी में काम कर रहे थे इसलिए पहले पहले 5 या 6 साल हमने बर्गेन के बजाय ट्रोम्सो में बिताए और उसके बाद होर्टन में भी कुछ समय बिताया क्योंकि आर्मी बेस वहीं हुआ करता था।”
“हमने होर्टन में काफी समय गुजारा लेकिन तभी मेरे माता और पिता का तलाक हो गया। मैं ज्यादा समय अपनी माँ के साथ ही रही और जब मेरे पिता ओस्लो में शिफ्ट हुए तो हमने कुछ समय वहाँ भी बिताया और वहाँ अच्छी शॉपिंग भी कर सकते हैं।”
“निंजा लाइन” जितनी अपनी माँ के करीब रही हैं उतनी ही अपने पिता के भी रही हैं लेकिन उनकी माँ ने ही उन्हें स्पोर्ट्स की तरफ जाने के लिए प्रेरित किया था क्योंकि वो खुद एक अच्छी एथलीट और काफी ट्रेवल किया करती थीं।
उन्होंने बताया, “मैं अपनी माँ की तरह हूँ। उन्होंने करीब 30 साल तक डांस और एरोबिक्स किया है और मैंने, मेरी माँ और भाई ने कई साल तक जिम्नास्टिक्स भी किया है।”
“हमें एक्सट्रीम स्पोर्ट्स/एडवेंचर स्पोर्ट्स भी बहुत पसंद रहे हैं। वो पहाड़ों पर मेरी क्लास ट्रिप्स के साथ भी मेरे साथ आती थीं और बड़ी जंप करने वाली वो पहली हुआ करती थीं। उन्होंने ये सब बहुत पसंद है और हम भी कुछ वैसे ही हैं।”
नए सफर की शुरुआत
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जब होगस्टैड के भाई ने उनका जिउ-जित्सु से परिचय करावा तो उन्हें खुद को शारीरिक रूप से खुद को आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिली। हालांकि, उन्होंने शुरुआत देरी से की क्योंकि इस समय तक वो 20 साल की हो चुकी थीं लेकिन जिम्नास्टिक्स की ट्रेनिंग ने उन्हें जल्दी सीखने में काफी मदद की।
उन्होंने कहा, “मैं जिम्नास्टिक्स से थक चुकी थी वो बहुत कठिन हो सकता है और लड़कियां एक-दूसरे के प्रति मतलबी भी होती हैं इसलिए मैं कुछ नया करना चाहती थी।”
“मेरे बड़े भाई ने मेरा परिचय जिउ-जित्सु से कराया और करीब एक साल तक हमने इसकी ट्रेनिंग ली और उसके बाद मुझे मैच मिलने शुरू हो गए। वो ऑरेंज बेल्ट हासिल कर बहुत खुश थे लेकिन मुझे रिंग में उतरकर अच्छा लगता था और वहाँ मुझे मजा आ रहा था।”
32 वर्षीय स्टार जानती थीं कि उन्हें मार्शल आर्ट्स में अच्छी शुरुआत मिल चुकी है और इस दौरान उन्होंने Norway’s Best Fighter नामक मार्शल आर्ट्स रियलिटी शो के साथ साइन भी किया। होगस्टैड हालांकि अपनी प्रतिद्वंदियों की तुलना में कम अनुभवी थीं लेकिन वो आत्मविश्वास से भरी हुई थीं।
उन्होंने कहा, “मेरे पास उस कॉम्पिटिशन का हिस्सा बनने के लिए अच्छी स्किल्स नहीं थीं लेकिन विश्वास जरूर था। एक अन्य लड़की ने चोट के कारण अपना नाम वापस ले लिया और उसके बाद मुझे अपने देश के कुछ सबसे बेहतरीन मार्शल आर्टिस्ट्स के साथ थाईलैंड जाने का मौका मिला।”
हालांकि उन्हें एक मॉय थाई स्टाइल वाली एथलीट के खिलाफ हार मिली थी और इस हार के साथ ही होगस्टैड की मॉय थाई के लिए रुचि बढ़ने लगी।
होगस्टैड ने आगे कहा, “मुझे एक मॉय थाई फाइटर के खिलाफ हार मिली थी इसलिए मैं खुद से बहुत निराश थी और मुझे बुरा भी महसूस हो रहा था।”
मेरी माँ ने मुझसे कहा, “शायद तुम फुल-कॉन्टेक्ट फाइटर नहीं हो? इसलिए शायद तुम्हें सेमी-कॉन्टेक्ट के साथ ही बने रहना चाहिए। इस बात को सुनकर मुझे बहुत बुरा लगा और इसी ने मुझे सोचने पर मजबूर किया कि मैं जरूर आपको गलत साबित करूंगी।”
अपने सपनों की तरफ बढ़ाया कदम
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उन बातों ने होगस्टैड को प्रेरित किया और उन्हें जल्द ही एहसास होने लगा कि अगर उन्हें मार्शल आर्ट्स में सफलता हासिल करनी है तो उन्हें खुद में सुधार करना होगा।
उन्होंने अपनी जिउ-जित्सु की ट्रेनिंग में स्ट्राइकिंग पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया और जिम्नास्टिक्स ने उन्हें स्टैंड-अप स्किल्स को बेहतर करने में मदद की। सुधार महसूस करने के बाद उन्होंने मॉय थाई पर अपना ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया।
Kristiansand में उन्होंने एक लोकल जिम जॉइन किया, जहाँ उन्होंने कुछ सालों तक अपने भाई के साथ ट्रेनिंग ली। लेकिन वो जानती थीं कि यदि उन्हें टॉप पर पहुंचना है तो उनका ओस्लो जाना बहुत जरूरी है।
“निंजा लाइन” ने कहा, “24 साल की उम्र में मैं मॉय थाई में सुधार करने और ज्यादा फाइट हासिल करने के लिए ओस्लो शिफ्ट हो गई।”
“वहाँ ज्यादा जिम थे और ज्यादा मौके भी और उनका ज्यादा लोगों के साथ संपर्क भी था। जब मैंने Frontline Academy को जॉइन किया तो उससे मुझे ज्यादा मौके नजर आने लगे थे।”
नए जिम में उन्होंने ट्रेनिंग शुरू कर दी और उनकी ऐसे लोगों से मुलाकात हुई जो उन्हीं की तरह बड़ी मार्शल आर्टिस्ट बनने की ओर आगे बढ़ रही थीं और यहाँ से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
होगस्टैड ने कहा, “आपको जल्द ही इससे लगाव हो जाता है क्योंकि इससे हम प्यार ही इतना करते हैं। हमने कड़ी ट्रेनिंग की और एक-दूसरे को हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखते थे।”
कड़ी मेहनत रंग लाई
हालांकि ओस्लो में उन्हें ज्यादा मौके मिल सकते थे, उनके देश के नियमों की वजह से होगस्टैड एमेच्योर लेवल से आगे नहीं बढ़ पाएंगी। प्रोफेशनल बनने के लिए उन्हें विदेश जाना पड़ा।
होगस्टैड ने खुद ही दुनिया से अच्छे मार्शल आर्ट्स के साथ मैच होने के प्रयास शुरू कर दिए और ये मुकाबले उन्हें टॉप पर पहुंचने में मदद कर सकते थे। उनका समर्पण रंग लाया और उन्होंने 2 ISKA मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल अपने नाम किए।
उन्होंने कहा, “वो कठिन दौर था। मैं इंटरनेट पर लगातार सर्च कर रही थी और लोगों से संपर्क कर रही थी। मैंने उन फाइट्स के लिए कड़ी मेहनत की और अब मैं नॉर्वे से पहली लड़की हूँ जो ग्लोबल स्टेज पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने वाली है।”
इस बार होगस्टैड एक और बड़ा कदम आगे ले रही हैं लेकिन इस बार उन्हें ONE के मैचमेकर्स ने उनके टैलेंट के आधार पर मौका दिया है।
31 जनवरी को वो अपना प्रोमोशनल डेब्यू करने वाली हैं, ये ना केवल उनके करियर के लिए बेहद अहम पड़ाव है बल्कि उन्हें उम्मीद है कि वो ONE में सफल साबित होंगी जिससे अगली जनरेशन के एथलीट्स को वो प्रेरित कर सकें इसलिए वो इस शुरुआत का इंतज़ार नहीं कर पा रही हैं।
उन्होंने आगे कहा, “जब ONE ने मुझे पहले कॉन्टेक्ट किया तो कुछ समय के लिए मैं कुछ बोल ही नहीं पाई और उसके बाद मुझे बहुत खुशी हुई।”
“मुझे उम्मीद है कि मैं नॉर्वे के अन्य एथलीट्स के लिए एक उदाहरण स्थापित कर रही हूँ।”
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मनीला | 31 जनवरी | ONE: FIRE & FURY | टिकेट्स: यहां क्लिक करें
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