अर्जन भुल्लर एक गौरवान्वित करने वाली भारतीय मार्शल आर्ट्स परम्परा से आते हैं
अर्जन “सिंह” भुल्लर इस शुक्रवार 2 अगस्त को अपने बहुप्रतीक्षित पदार्पण करते हुए एक नये दावेदार के रूप में ONE हैवीवेट विश्व चैम्पियनशिप में एक लक्ष्य के लिए दौड़ में शामिल होगा।
यह ओलंपिक पहलवान पहली बार मनीला, फिलीपींस में ONE चैंपियनशिप में ONE: डाउन ऑफ हीरोज में माउरो “द हैमर” सेरिली से मुकाबला करेगा।
भुल्लर ने पहले से ही अपने इस नए खेल में एक पेशेवर के रूप में प्रभावशाली तालमेल रखा है लेकिन अब वह दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट संगठन का हिस्सा है। उसकी नजर सबसे बड़े पुरस्कार पर है। साथ ही यह उसे अपनी मातृभूमि पर इस खेल के विस्तार में भी मदद करेगा।
मॉल ऑफ एशिया एरिना में भुल्लर की शुरुआत से पहले इस 33 वर्षीय ने बताया कि उनकी अद्वितीय परवरिश ने उन्हें वैश्विक स्तर पर कैसे पहुंचाया।
भारतीय जड़ें
भुल्लर का पूरा परिवार- उसके माता-पिता से लेकर चाची-चाचा और दादा-दादी उसके जन्म से पहले भारत से कनाडा में स्थानांतरित हो गए थे। उसने अपने सभी शुरुआत साल प्रियजनों से घिरे हुए ही बिताए।
भुल्लर बताते हैं कि “मेरी परवरिश बहुत पारंपरिक थी। हम सभी 20 लोग एक बड़े पुराने फार्महाउस में एक ही छत के नीचे रहते थे। इस भीड़ के बीच वह किसी तरफ आगे बढ़ने की कल्पना नहीं कर सकता था क्योंकि वह लगातार परिवार से घिरा हुआ था। भुल्लर हंसते हुए कहते हैं कि खुद के पास कभी खाली पल नहीं था। आप हमेशा परिवार पर भरोसा कर सकते हैं। क्योंकि सभी ने हमेशा एक-दूसरे के लिए त्याग करने के लिए तैयार रहते थे।”
“मैं परिवार की अनुमति के कारण एथलेटिक्स पर पूरी तरह से अपना ध्यान केंद्रित करने में सक्षम रहा हूं। सिर्फ एक पूर्णकालिक पहलवान और एक पूर्णकालिक मिक्सड मार्शल कलाकार होने के नाते। मैं वास्तव में इसके लिए सौभाग्यशाली रहा हूं।
परिवार का व्यवसाय
भुल्लर का मार्शल आर्ट्स से परिचय कुश्ती के माध्यम से हुआ। जिसमें उसके पिता ने भारत में रहने के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था। वहां विश्व स्तर के पहलवानों को तैयार करने की परंपरा है। भुल्लर के पिता को अपने बच्चों के साथ अपने ज्ञान को बांटने से पहले उस पद्धति में आगे बढ़ने पर गर्व था।
भुल्लर कहते हैं कि “सभी ने कुश्ती की है। मेरे पिताजी भारत में पहले पहलवान थे। वह कई वर्षों तक हाई स्कूल में हमारे कुश्ती के कोच थे। मेरे पिताजी के अभ्यास के दौरान जिम में पहले के लंगोट में मेरे कई वीडियो हैं। आप अपनी पद्धति के अंदर गहराई के साथ आगे बढ़ते हैं। यह बड़ा होने का एक अनूठा तरीका है। ”
पिता की सफलता ने उनके बेटे के कंधों पर बहुत बोझ डाला दिया। इसलिए उन्होंने उनके प्रशिक्षण को बहुत गंभीरता से लिया। ताकि वह उनकी उम्मीदों पर खरा उतर सके।
भुल्लर बताते हैं कि “हमारे समुदाय और हमारे खेल में मेरे पिता की सफलता के कारण मुझे हमेशा उनके नाम से जाना जाता था। इस कारण मुझ पर बहुत दबाव और बहुत जिम्मेदारी भी थी।”
किसी और के लिए जीना
भुल्लर की कड़ी मेहनत उसे फल मिला। उन्होंने एक पहलवान के रूप में शानदार सफलता हासिल की। उन्हें अपनी स्वदेशी जमीन पर 2009 का रेसलर ऑफ द ईयर चुना गया। फिर दिल्ली में 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने और लंदन, इंग्लैंड में 2012 ओलंपिक खेलों में प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिए चुना गया।
2014 में इस हेवीवेट एथलीट ने अपनी प्रतिभा को मिक्सड मार्शल आर्ट में बदल दिया। यह नया खेल उसके लिए पानी में डूबने जैसा था। हालांकि उसे जल्द ही घर की एक जिम्मेदारी का सामना करना पड़ा। उन्होंने स्वीकार किया कि प्रशिक्षण के लिए उनके पास पैसे की व्यवस्था नहीं थी।
भुल्लर कहते हैं कि “मेरी सबसे बड़ी परेशानी खेल के बाहर है। मैंने शादी कर ली और बच्चा भी हो गया। मैं पूरी ज़िंदगी कुश्ती करता रहा हूं। मैं प्रतिस्पर्धा करना जानता हूं। मुझे पता है कि कैसे अभ्यास करना है। मैंने वही तरीका मिक्सड मार्शल आर्ट के लिए लागू किया। ”
वह कहता है कि “शादी के बाद वह इस बात से डर गया था कि अब उसके साथ ऐसे लोग हैं जो उस पर निर्भर हैं। ऐसे में वह अपने एथलेटिक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकता है जो उसे चाहिए था। सौभाग्य से उनका परिवार उन्हें अपने करियर की दिशा में बने रहने के लिए आवश्यक सहयोग देने के लिए वहां था।“
भुल्लर बताते हैं कि “मैंने हमेशा प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्धा की है। एक एथलीट होने के नाते मैं स्वार्थी बन गया। अब आपको किसी और के लिए जीना सीखना होगा और पहले उनके बारे में सोचना होगा। मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरे लिए पूरा परिवार एक साथ आया।”
एक अरब की मजबूती
भुल्लर द होम ऑफ मार्शल आर्ट्स में एक प्रभावशाली 9-1 रिकॉर्ड के साथ प्रवेश किया और अब ONE हैवीवेट वर्ल्ड खिताब की कल्पना करने वाला है लेकिन यह सब कुछ नहीं है। एक गौरवान्वित भारतीय के रूप में “सिंह” अपने देश की कुछ अरब मजबूत आबादी के लिए एक मार्ग प्रशस्त करना चाहता है। देश में एक लंबी और समृद्ध मार्शल आर्ट संस्कृति है। वो वैश्विक मंच पर इसे दिखाना चाहते हैं।
भुल्लर कहते हैं कि ” जब मैं खेल में उतरा तो मेरा लक्ष्य विश्व चैंपियन बनना था। भारत में बाजार खोलने और देश में खेल को चैंपियन बनाने की एक विरासत है, जो मुझे पता है कि मैं कर सकता हूं।
ONE ने भारत में एक बड़ी टीवी डील पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि वे 2020 में भारत में विस्तार करने की उम्मीद करते हैं। उन्हें एक नायक की जरूरत है। अगर भुल्लर, सेरिली जैसे खतरनाक पूर्व ONE हैवीवेट वर्ल्ड टाइटल चैलेंजर के खिलाफ जीत के साथ शुरुआत कर सकते हैं, तो वह उन जगह को भरना शुरू कर देंगे।