COVID-19 महामारी में भी अपने गांव की मदद करने में जुटे हैं अर्जन भुल्लर
अर्जन “सिंह” भुल्लर की नजरें भले ही ONE हेवीवेट वर्ल्ड चैंपियन ब्रेंडन “द ट्रुथ” वेरा पर लगी हों लेकिन वो अपने जीवन की सबसे जरूरी चीजें नहीं भूलते हैं।
सर्कल के बाहर 34 साल के एथलीट काफी समय से भारत में अपने परिवार के मूल गांव बिल्ली भुल्लर को सपोर्ट करने पर ध्यान दे रहे हैं। उनका ये प्रयास पिछले कुछ महीनों से COVID-19 महामारी के बीच भी जारी रहा।
उन्होंने कहा, “बचपन से ही मैं अक्सर इंडिया जाता रहा हूं। हमने गांव में महिलाओं के जमा होने के लिए एक खास जगह बनाई है क्योंकि पुरुषों की तरह वो कहीं भी जाकर अपना समय नहीं बिता सकती हैं।”
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हाल ही के महीनों में कॉमनवेल्थ गेम्स में रेसलिंग गोल्ड मेडलिस्ट और उनके परिवार ने महिलाओं को मास्क बनाने के लिए सिलाई मशीन और जरूरी सामान दिलाये थे।
भुल्लर ने कहा, “महिलाओं का समय वहां अच्छे से कट जाता है। महामारी के दौरान वे उन सिलाई मशीनों से मास्क बना रही हैं, जिन्हें मैंने उनके लिए खरीदा है।”
“आज ये महिलाएं न केवल सक्षम हैं बल्कि पूरे गांव व आसपास के इलाकों की मदद करने और बढ़ावा देने का काम कर रही हैं।”
कनाडा में जन्मे भुल्लर ने हमेशा ही अपनी भारतीय विरासत पर बहुत गर्व किया है।
जब भी ONE हेवीवेट वर्ल्ड टाइटल दावेदार सर्कल में जाते हैं तो वो रैंप से उतरते हुए स्पेशल गदा अपने साथ ले जाते हैं। ये वही गदा है, जो उनको भारतीय कुश्ती के दिग्गज पहलवान दारा सिंह ने दिया था।
सिंह को 2018 में WWE हॉल ऑफ फेम का सदस्य बनाया गया था। वो 1968 में लोउ थीस को हराकर वर्ल्ड चैंपियन बने थे। भुल्लर की इच्छा उनकी तरह नेशलन आइकॉन बनने की है।
कनाडाई-भारतीय ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि मैं अपने करियर से शानदार विरासत बना सकूंगा।”
जब भी बात विरासत बनाने की आती है तो “सिंह” मानवता दर्शाते हुए काफी समय से अपने मूल गांव में लोगों की मदद करते आ रहे हैं।
उन्होंने कहा, “2010 कॉमनवेल्थ के कुछ समय के बाद ही हमने युवाओं के लिए एक जिम भी बनाया था।”
“वो एक लोकल स्कूल से जुड़ा हुआ है और आसपास के गांवों से भी बच्चे वहां स्पोर्ट्स की प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं। बच्चों ने स्पोर्ट्स को प्रफेशनल तरीके से लिया है और ये उन्हें फोकस्ड रखता है।”
अब जब भुल्लर 2020 के अंत में वेरा के खिलाफ बेहतरीन मौके की तैयारी कर रहे हैं तो उनको उम्मीद है कि वो इस प्लेटफॉर्म के जरिए अपने गांव व देशभर से अगली पीढ़ी के युवाओं को प्रेरित करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “मैं अपने गांव को आदर्श गांव बनाना चाहता हूं और ये संदेश देना चाहता हूं कि अगर आपका इरादा सही है तो इंडिया में कुछ भी संभव है।”
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