अर्जन भुल्लर Vs. एनातोली मालिकिन: ONE Friday Fights 22 के हेवीवेट वर्ल्ड चैंपियनशिप मैच में जीत के 4 तरीके

Arjan Bhullar Anatoly Malykhin 1200X800

अर्जन “सिंह” भुल्लर और एनातोली “स्लेदकी” मालिकिन का हेवीवेट MMA मुकाबला एक बार फिर बुक कर दिया गया है, जिसका सबको बेसब्री से इंतज़ार था।

चोट और अन्य कारणों से इस ONE हेवीवेट वर्ल्ड टाइटल यूनिफिकेशन बाउट को कई बार स्थगित किया गया, लेकिन अब शुक्रवार, 23 जून को ONE Friday Fights 22 में आखिरकार उनका आमना-सामना होने वाला है।

ONE हेवीवेट वर्ल्ड चैंपियन भुल्लर और ONE अंतरिम हेवीवेट वर्ल्ड चैंपियन मालिकिन डिविजन के अनडिस्प्यूटेड चैंपियन बनना चाहते हैं। उनकी अभी तक जुबानी जंग को देखते हुए फैंस को उनके मैच में खतरनाक एक्शन देखे जाने की उम्मीद रखनी चाहिए।

दोनों फाइटर्स की MMA स्किल्स शानदार हैं। इसलिए आइए ONE हेवीवेट वर्ल्ड टाइटल यूनिफिकेशन बाउट में जीत के 4 तरीकों के बारे में जानते हैं।

#1 मालिकिन की नॉकआउट पावर

मालिकिन और भुल्लर का बॉक्सिंग गेम जबरदस्त है, लेकिन उनके बीच सबसे बड़ा अंतर “स्लेदकी” की पावर है, जिसका उन्होंने ONE को जॉइन करने के बाद पूरा फायदा उठाया है।

अपराजित रूसी एथलीट मौजूदा ONE लाइट हेवीवेट वर्ल्ड चैंपियन हैं, जिनके पावरफुल मूव्स उनके विरोधियों पर काफी अधिक प्रभाव डालते हैं। कुछ हालिया मुकाबलों में देखा गया है कि वो अपनी पावर पर काफी निर्भर रहते हैं। उन्होंने स्टैंड-अप गेम में नॉकआउट स्कोर किए हैं, लेकिन ऐसा वो अपने करियर के शुरुआती दिनों में नहीं करते थे।

ये पहलू उन्हें “सिंह” के लिए बड़ा खतरा साबित कर रहा है, मगर उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि वो भारतीय-कनाडाई एथलीट को अटैक का मौका ना देते हुए उन्हें क्षति पहुंचाएं।

एक टॉप-लेवल के अपोनेंट के खिलाफ लापरवाही से फ्रंट-फुट पर आना उन्हें भारी पड़ सकता है। अगर मालिकिन, भुल्लर को दबाव में ला पाए तो वो क्लीन स्ट्राइक्स लैंड करवा पाएंगे।

“स्लेदकी” ने अपनी हेड मूवमेंट को बेहतर बनाया है। वो अपने विरोधी के स्ट्रेट शॉट्स से बचते हुए पंच लगाना जानते हैं। उदाहरण के तौर पर, वो जैब से बचकर ओवरहैंड राइट लगाते हैं और क्रॉस से बचते हुए लेफ्ट हुक लगाते हैं। इन दोनों स्ट्राइक्स में जबरदस्त नॉकआउट पावर होती है।

#2 भुल्लर का सब्र से काम लेकर जैब लगाना

अपने विरोधी की पावर को देखते हुए भुल्लर को धैर्य से काम लेकर सुनिश्चित करना होगा कि वो सुरक्षित रहते हुए फाइट का कंट्रोल अपने हाथ में रखें।

पूर्व ओलंपिक रेसलर पहले भी इस तरीके को आजमा चुके हैं, जिसकी मदद से उन्होंने अपने MMA करियर में 7 जीत निर्णय से दर्ज की हैं। वहीं मालिकिन को आज तक कोई दूसरे राउंड तक फाइट करने पर मजबूर नहीं कर सका है।

अगर “सिंह” अपने जैब, मूवमेंट की मदद से गेम प्लान को अमल में ला पाए तो उन्हें ज्यादा प्रभावशाली स्ट्राइक्स लगाने का मौका मिल सकता है।

भुल्लर जानते हैं कि उनकी कंडीशनिंग अच्छी है और तेजी से लगाए गए स्ट्रेट पंच उन्हें सामने से आ रहे खतरनाक शॉट्स से बचा सकते हैं। वो ये भी परखना चाहेंगे कि क्षति पहुंचने पर मालिकिन की क्या प्रतिक्रिया रहती है।

जल्दबाजी करना भुल्लर के लिए नुकसानदेह रह सकता है, वहीं सब्र से काम लेकर जैब लगाने का मौका ढूंढना उन्हें ज्यादा फायदा दिला सकता है।

#3 मालिकिन अपने विरोधी को फेक मूव्स का झांसा दें

भुल्लर का बॉक्सिंग डिफेंस शानदार है और उनकी हेड मूवमेंट भी जबरदस्त है, लेकिन मालिकिन एक मूव का झांसा देकर भारतीय-कनाडाई फाइटर पर बढ़त हासिल कर सकते हैं।

रूसी एथलीट फेक मूव्स से अपने विरोधी की प्रतिक्रिया को परख पाएंगे। वो बहुत आक्रामक तरीके से लेफ्ट हुक या ओवरहैंड राइट लगाने के लिए आगे आ सकते हैं।

“सिंह” पीछे की ओर झुकते हैं। ऐसी स्थिति में मालिकिन फेक मूव लगाएं, जिसके खिलाफ भुल्लर प्रतिक्रिया देंगे और तभी वो ओवरहैंड राइट को लैंड करा सकते हैं।

जब भुल्लर को मॉरो सेरिली ने पंचों के दम पर क्षति पहुंचाई थी, तब उन्होंने रेसलिंग की राह चुनी थी और वो अपने हाथों को फैलाकर ऐसा करते हैं। अगर ऐसा हुआ तो “स्लेदकी” के लिए लगातार अटैक करना और नॉकआउट पंच को लैंड कराना मुश्किल हो जाएगा।

#4 भुल्लर की दमदार रेसलिंग और क्लिंच गेम

दोनों एथलीट्स के करियर की शुरुआत रेसलिंग से हुई थी, लेकिन पूर्व ओलंपियन और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता ने इस खेल में ज्यादा सफलता प्राप्त की। उनका रेसलिंग और बॉक्सिंग का मिश्रण भी शानदार होता है।

दूसरी ओर मालिकिन का नॉकआउट्स के प्रति लगाव बढ़ता जा रहा है इसलिए वो स्टैंड-अप गेम पर निर्भर रह सकते हैं। इसलिए रेसलिंग होने पर “सिंह” के लिए बढ़त बनाना आसान हो जाएगा।

भुल्लर कई स्ट्राइक्स लगाते हुए तेजी से सिंगल-लेग-टेकडाउन लगाते हैं और बॉटम पोजिशन में होना “स्लेदकी” की मुश्किलें बढ़ा सकता है।

इसके बावजूद अंतरिम चैंपियन के रेसलिंग बैकग्राउंड को देखते हुए उन्हें टेकडाउन करना आसान नहीं होगा। मगर भुल्लर के पास रेसलिंग ही बढ़त बनाने का एकमात्र तरीका नहीं है।

अगर भारतीय-कनाडाई एथलीट क्लिंच कर पाए तो भी वो मालिकिन को अपने खतरनाक बॉक्सिंग गेम की मदद से क्षति पहुंचा सकते हैं।

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