BJJ सुपरस्टार जेसा खान का ब्लैक बेल्ट से लेकर ONE वर्ल्ड टाइटल मैच पाने तक का संघर्षपूर्ण सफर
2023 IBJJF वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने के बाद ब्राजीलियन जिउ-जित्सु (BJJ) स्टार जेसा खान अपना ONE डेब्यू करने के लिए तैयार हैं।
30 सितंबर को ONE Fight Night 14: Stamp vs. Ham में 21 वर्षीय ब्लैक बेल्ट होल्डर का सामना सबसे पहले ONE एटमवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप मैच में अपनी पूर्व प्रतिद्वंदी डेनियल केली से होगा, जिसके बारे में फैंस के बीच काफी चर्चा चल रही है।
खान को अपनी शानदार BJJ तकनीक और आक्रामक सबमिशन स्टाइल के लिए जाना जाता है और ONE के ग्रैपलिंग रोस्टर से जुड़ीं बेहद दिलचस्प एथलीट हैं।
सिंगापुर इंडोर स्टेडियम से यूएस प्राइमटाइम पर लाइव प्रसारित होने वाले मैच से पूर्व यहां जानिए जेसा खान के ONE में आने तक के सफर के बारे में।
उनका परिवार लगातार नई जगहों पर शिफ्ट होता रहता था
खान के लिए किसी एक जगह को अपना घर कहना मुश्किल था।
उनके पिता नेवी में थे और मिलिट्री से जुड़े अन्य परिवारों की तरह उनका परिवार भी किसी एक जगह पर कम समय के लिए ही रुक पाता था।
उन्होंने ONEFC.com से कहा:
“मेरा जन्म टेक्सास में हुआ, जिसके बाद हम कैलिफोर्निया आ गए। यहां आने के बाद मैंने कराटे की ट्रेनिंग शुरू की, लेकिन कुछ समय बाद हवाई चले गए और यहां मैंने जिउ-जित्सु में दिलचस्पी दिखाई।”
खान ने याद करते हुए बताया कि वो बचपन में खेलों से घिरी हुई थीं। चूंकि उनका परिवार लगातार घर बदलता रहता था।
उन्होंने कहा:
“मैं हमेशा से खेलों से जुड़ी रही हूं। मेरे परिवार को खेलों से काफी लगाव है। मैंने बैले, टी-बॉल, सॉकर, जिउ-जित्सु, मॉय थाई, रेसलिंग और जूडो भी किया।”
BJJ से लगाव महसूस हुआ
खान को अंततः जिउ-जित्सु से सबसे ज्यादा लगाव महसूस हुआ।
हालांकि उन्होंने कराटे के रूप में एक स्ट्राइकिंग आर्ट के साथ ट्रेनिंग शुरू की थी, लेकिन परिवार के हवाई आने के बाद उन्होंने जूडो जिम जॉइन किया, जहां वो अच्छा महसूस नहीं कर पा रही थीं।
खान ने याद करते हुए कहा:
“मैंने पहले दोबारा कराटे करने के बारे में सोचा था, लेकिन मेरे अंदर डर की भावना आने लगी थी क्योंकि कराटे में लोग काफी जल्दी ब्लैक बेल्ट पा लेते हैं।
“मैं उस समय शायद येलो बेल्ट होल्डर थी। मुझे डर लगने लगा था क्योंकि स्कूल में काफी बच्चे ब्लैक बेल्ट पा चुके थे। इसलिए मैंने अपने पिता से जिउ-जित्सु एकेडमी जॉइन करने के लिए कहा।”
अपनी उम्र के बच्चों का साथ पाकर खान को जिउ-जित्सु से लगाव महसूस हुआ।
वो अब कैलिफोर्निया में स्थित Art of Jiu-Jitsu Academy में बच्चों को इस खेल की ट्रेनिंग देती हैं। वो अन्य लोगों के लिए भी उसी तरह का माहौल और वातावरण बनाने की कोशिश करती हैं, जिसने सालों पहले उन्हें BJJ में आगे बढ़ने में मदद की थी।
खान ने कहा:
“मैं 5 से 7 साल और 8 से 13 साल की उम्र के बच्चों को ट्रेनिंग देती हूं। मैं समझती हूं कि युवा इस खेल में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं और आमतौर पर मैं ही उन्हें ट्रेनिंग करवाती हूं।
“हमारा सबसे पहला लक्ष्य यही होता है कि उन्हें जिम का माहौल पसंद आए। मेरे पुराने ट्रेनर ने मुझे वातावरण में ढलने में मदद की थी, जिससे मुझे ट्रेनिंग करने में आसानी हुई।”
ब्लैक बेल्ट बनने के बाद कठिनाइयों से सामना हुआ
अपने युवा दिनों में खान ज्यादा फाइट्स करते हुए खुद को उभरती हुई स्टार्स में से एक बनाने में सफल रही थीं।
उन्होंने लगभग हर एक स्किल लेवल पर चैंपियनशिप्स जीतीं। वो कई बार IBJJF वर्ल्ड चैंपियन बनीं, पर्पल और ब्राउन बेल्ट वर्ल्ड टाइटल के अलावा यूरोपियन चैंपियनशिप भी जीती।
साल 2020 के अंतिम महीनों में वो 19 साल की उम्र में BJJ ब्लैक बेल्ट होल्डर बनीं। उन्होंने आगे भी उसी तरह की सफलता हासिल करने की उम्मीद की थी, जैसे उन्होंने अन्य स्किल लेवल पर हासिल की थी।
मगर टॉप लेवल पर आने के बाद खान के लिए ग्रैपलिंग में पहला साल संघर्षपूर्ण रहा, जहां उन्हें ऐसा महसूस होने लगा था जैसे वो अन्य फाइटर्स से कमजोर हैं।
उन्होंने कहा:
“ब्लू बेल्ट, पर्पल और ब्राउन बेल्ट लेवल पर हासिल की गई सफलता के बाद ब्लैक बेल्ट बनना मेरे लिए बड़ा बदलाव था। मेरे कहने का मतलब ये नहीं है कि ब्लैक बेल्ट बनने से पहले मेरे लिए जीत दर्ज करना आसान था, लेकिन मेरा लेवल अन्य एथलीट्स से ऊपर हुआ करता था।
“मगर ब्लैक बेल्ट बनने के बाद मेरा सामना ऐसे लोगों से हुआ, जो कई सालों से इस लेवल पर थे और ब्लैक बेल्ट वर्ल्ड चैंपियन बन चुके थे। इसलिए मुझे हर एक मैच में पहले की तुलना में बहुत कठिन चुनौती का आभास होता था।”
कठिन चुनौतियां पाने के अलावा कम अनुभवी खान के लिए एक मुश्किल बात ये भी रही कि उन्हें हारने की आदत नहीं थी।
उन्होंने कहा:
“मैं मानती हूं कि मानसिक तौर पर वो मेरे लिए बड़ा बदलाव रहा क्योंकि मैं अब भी कड़ी मेहनत कर रही थी। मैं उस साल कई बड़े टूर्नामेंट्स का हिस्सा बनी, जहां हार से उबर पाना मेरे लिए आसान नहीं था। ऐसा लग रहा था जैसे मुझे प्रत्येक टूर्नामेंट में हार मिल रही थी।
“मैंने कभी ऐसा महसूस नहीं किया था क्योंकि आमतौर पर मैं टॉप एथलीट्स में से एक हुआ करती थी। इसलिए मैं मानसिक रूप से बहुत कमजोर महसूस करने लगी थी।”
ब्लैक बेल्ट होल्डर के रूप में अपनी किस्मत पर रोने के बजाय खान ने ब्रेक लेने का फैसला लिया था। उन्होंने अपने करीबियों पर भरोसा जताया और एक नई ऊर्जा के साथ लेकर वापसी की।
उस छोटे ब्रेक से उन्हें काफी फायदा हुआ। साल 2022 में उन्होंने IBJJF पैन-अमेरिकन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। वहीं इस साल जून में उन्होंने IBJJF ब्लैक बेल्ट वर्ल्ड चैंपियन बनकर अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि प्राप्त की।
खान ने बताया:
“साल 2021 के अंत में मैंने टूर्नामेंट के बाद एक हफ्ते लंबा ब्रेक लिया। मैंने अपने ट्रेनर्स और परिवार से बात की, मैं सोच रही थी कि मुझे खुद में सुधार और अगले साल को बेहतर बनाने के लिए क्या करना चाहिए।
“मुझे महसूस हुआ कि मैंने खुद में सुधार कर लिया है। मैं बड़े टूर्नामेंट्स में जीत रही थी। इसलिए उस अनुभव ने साबित किया कि मैं एक बेहतर एथलीट बनती जा रही हूं।”
कंबोडिया के लिए दिल में खास जगह
खान को गर्व है कि वो कंबोडिया से संबंध रखती हैं।
अब ONE Championship में आने के बाद 21 वर्षीय ग्रैपलर एशियाई फैंस के सामने फाइट करने के लिए उत्साहित हैं।
खान ने कहा:
“अगर ONE कंबोडिया जाकर इवेंट करता है तो मुझे बहुत खुशी मिलेगी। कंबोडिया में काफी लोग मेरे जिउ-जित्सु गेम और करियर में मेरा समर्थन करते आए हैं। जब उन्हें पता चला कि मैं ONE Championship में कंबोडिया का प्रतिनिधित्व करने वाली हूं तो वो बहुत उत्साहित हो उठे क्योंकि ONE एशिया में स्थित प्रोमोशन है।”
दक्षिण एशियाई खेलों में कई बार BJJ चैंपियन बन चुकीं खान कई बार कंबोडिया आ चुकी हैं।
उन्हें इस देश की संस्कृति और यहां के लोग बहुत पसंद हैं। वो यहां की गरीबी की देख चिंतित हुई हैं। इसलिए वो हर संभव तरीके से कंबोडिया के लोगों की मदद करना चाहती हैं।
खान ने कहा:
“मैं फाइटिंग करियर से रिटायर होने के बाद भी कंबोडिया वापस जाकर लोगों की मदद करना चाहूंगी। हमने वहां साल 2018 में नॉन-प्रॉफिट इवेंट करवाया था।
“मैंने वहां बच्चों को जिउ-जित्सु के गुर सिखाए। कुछ बच्चे पहले से ट्रेनिंग कर रहे थे, लेकिन काफी बच्चों ने इस खेल के बारे में सुना भी नहीं था। मुझे उन्हें कुछ सिखाने का अवसर मिला था।”