‘बुशेशा’ के गेम पर एक नजर: फैंस को BJJ लैजेंड से क्या उम्मीद रखनी चाहिए
जब मार्कस “बुशेशा” अल्मेडा अपने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स डेब्यू के लिए ONE Championship के सर्कल में कदम रखेंगे तो वो लम्हा कॉम्बैट स्पोर्ट्स जगत के लिए यादगार बन जाएगा।
उन्हें सबसे आइकॉनिक BJJ एथलीट्स में से एक माना जाता है और शुक्रवार, 24 सितंबर को ONE: REVOLUTION में फैंस उनकी एंडरसन “ब्रेडॉक” सिल्वा के खिलाफ हेवीवेट बाउट का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।
अल्मेडा के MMA में आने की बात 2015 से सुनने को मिलती रही है, लेकिन अब फैंस को लंबे इंतज़ार के बाद उनका MMA डेब्यू देखने को मिलेगा।
मगर इससे पहले किन चीजों ने उन्हें BJJ के महान एथलीट्स में से एक बनाया और किस तरह उनके स्किल सेट ने उन्हें मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में आने में मदद की। यहां आप “बुशेशा” के करियर और सिल्वा के खिलाफ मैच के बारे में जान सकते हैं।
सर्वश्रेष्ठ प्रतिद्वंदियों के खिलाफ अपार सफलता
पहले आइए नजर डालते हैं कि अल्मेडा ने अपने करियर में कितनी उपलब्धियां हासिल की हैं।
“बुशेशा” 13 बार IBJJF ब्राजीलियन जिउ-जित्सु वर्ल्ड चैंपियन रहे हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इसके अलावा उन्होंने 2 बार IBJJF नो-गी वर्ल्ड चैंपियनशिप्स, 2 ADCC वर्ल्ड चैंपियनशिप्स के अलावा कई अन्य टाइटल्स भी जीते हैं।
उन्हें उपलब्धियों के मामले में कोई मात नहीं दे सकता, यहां तक कि उन्होंने पूर्व ONE लाइट हेवीवेट वर्ल्ड चैंपियन रोजर ग्रेसी, आंद्रे गल्वाओ, अलेक्सांद्रे “सांदे” रिबेरो और मार्सेलो गार्सिया को भी पीछे छोड़ दिया है। लेकिन उनका BJJ गेम उन्हें मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में कैसे मदद करेगा?
वो रेसलिंग भी कर सकते हैं
“बुशेशा” ग्राउंड गेम में महारत रखते हैं, लेकिन ऐसे कई BJJ एथलीट्स रहे हैं जिन्हें MMA में आने के बाद ग्राउंड फाइटिंग में दिक्कत हुई है।
लेकिन ब्राजीलियाई एथलीट के लिए ये ज्यादा बड़ी समस्या नहीं है क्योंकि उन्हें आक्रामक तरीके से डबल-लेग टेकडाउन और टॉप पोजिशन हासिल करने के लिए जाना जाता है।
191 सेंटीमीटर लंबे अल्मेडा अपनी ताकत के बल पर टॉप पोजिशन हासिल करते आए हैं और अगर टेकडाउन का प्रयास विफल रहा तो उनके पास कई अन्य तरीके के मूव्स भी मौजूद हैं।
उनका सिंगल-लेग टेकडाउन करने का तरीका भी शानदार है। वो अपने विरोधी की बॉडी के ऊपरी हिस्से पर पकड़ बनाते हुए बॉडी लॉक्स भी लगा लेते हैं, जिससे उनका एक भी मूव खाली ना जाए।
अल्मेडा American Kickboxing Academy में डेनियल कॉर्मियर और खबीब नर्मागोमेडोव जैसे टॉप एथलीट्स के साथ ट्रेनिंग करते रहे हैं। अब वो American Top Team में मो लवाल और स्टीव मोको जैसे वर्ल्ड-क्लास ट्रेनर्स की निगरानी में ट्रेनिंग करते हैं।
पिछले कुछ समय में फैंस ने एलीट लेवल के ग्रैपलर्स को MMA में संघर्ष करते देखा है और अक्सर फाइट को ग्राउंड पर लाने की कोशिश में वो खुद नीचे गिर जाते हैं।
इसलिए “बुशेशा” कोई गलती ना करते हुए टॉप पोजिशन हासिल करना चाहेंगे।
टॉप पोजिशन से उन्हें हटाना बहुत मुश्किल
31 वर्षीय हेवीवेट स्टार एक बार टॉप पोजिशन हासिल कर लेते हैं तो एलीट लेवल की स्किल्स वाले फाइटर्स के लिए भी उनसे बच पाना मुश्किल हो जाता है।
अल्मेडा निरंतर पोजिशन बदलते रहते हैं और ऐसा करते हुए उन्हें ग्राउंड स्ट्राइकिंग करने या सबमिशन मूव लगाने के ज्यादा मौके मिल पाते हैं।
टॉप लेवल के हेवीवेट ग्रैपलर्स भी उन्हें पोजिशन बदलने से रोकने में नाकाम रहे हैं इसलिए उनके विरोधी को हमेशा सावधान रहकर स्ट्राइक्स लगानी चाहिए।
“बुशेशा” साइड कंट्रोल, बैक कंट्रोल प्राप्त करने के बाद या माउंट पोजिशन में रहते हुए कई तरीकों से मैच को फिनिश करना जानते हैं।
माउंट पोजिशन में रहते हुए आर्मबार लगाते हैं। इसी मूव की मदद से वो 2016 में वर्ल्ड चैंपियन बन पाए थे।
बैक कंट्रोल में रहते हुए चोक लगाते हैं। उनके पास मैच को फिनिश करने की कई BJJ तकनीक हैं और साथ ही उनके रीयर-नेकेड चोक से बच पाना भी बहुत मुश्किल है।
बॉटम पोजिशन में रहकर भी दमदार अटैक
अल्मेडा को BJJ में काफी अनुभव है इसलिए वो इस खेल के हर क्षेत्र में महारत रखते हैं। टॉप गेम के साथ-साथ वो नीचे रहकर भी अटैक कर सकते हैं।
इसलिए MMA में आने के बाद उनकी तकनीक उन्हें बॉटम पोजिशन में रहते हुए भी बढ़त दिला सकती है।
शानदार तरीके से लेग लॉक लगाते हैं, टो होल्ड और नी बार भी लगाते हैं।
इन तकनीकों का इस्तेमाल वो गार्ड पोजिशन में रहते हुए करते हैं।
उनका टो होल्ड भी बहुत प्रभावशाली होता है क्योंकि ऐसा करते समय अल्मेडा के पैर उनके विरोधी के हिप्स पर होते हैं। ऐसा करते समय वो ग्राउंड-एंड-पाउंड अटैक के खिलाफ अच्छा डिफेंस भी कर सकते हैं।
अगर लेग लॉक सही से लग गया तो मैच के फिनिश होने की संभावनाएं काफी ज्यादा हो जाती हैं। लेकिन लॉक लगाते समय स्वीप करने के मौके भी मिलते हैं, जिससे अल्मेडा टॉप कंट्रोल भी हासिल कर सकते हैं।
बहुत ताकतवर एथलीट हैं
“बुशेशा” ग्रैपलिंग में महारत रखते हैं, लेकिन कुछ लोग ये भूल जाते हैं कि उनके पास ताकत की भी कोई कमी नहीं है।
वो खुद से कम वजन वाले एथलीट की तरह मूव करते हैं और उन्हें अपनी शानदार तकनीक के लिए जाना जाता है। साथ ही उनकी एथलेटिक एबिलिटी भी शानदार है।
जब उन्हें अपने विरोधी के करीब रहकर फाइट करनी पड़े, तब उनकी ताकत काम आती है। कई बार उनके प्रतिद्वंदी उनकी स्ट्राइक्स को पकड़ लेते हैं। ऐसी स्थिति में ताकत उन्हें खतरे से दूर रहने में मदद करती है।
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