सुपरलैक की जबरदस्त फाइट आईक्यू का विश्लेषण
सुपरलैक कियातमू9 ONE Championship में सबसे बुद्धिमान एथलीटों में से एक हैं और इसका श्रेय उनकी जबरदस्त फाइट आईक्यू को जाता है। वास्तव में रिंग के अंदर दिखाई जाने वाली उनकी समझदारी ने उन्हें #1 रैंक का फ्लाइवेट मॉय थाई कंटेंडर बनने और 128-29-4 का शानदार प्रोफेशनल स्ट्राइकिंग रिकॉर्ड हासिल करने में मदद की है।
ONE फ्लाइवेट मॉय थाई वर्ल्ड ग्रां प्री के क्वार्टर फाइनल में अपने पिछले मुकाबले के दौरान “द किकिंग मशीन” ने #4 रैंक के फ्लाइवेट किकबॉक्सर टाईकी “साइलेंट स्नाइपर” नाइटो पर सर्वसम्मत निर्णय से जीत हासिल की और सेमीफाइनल में जगह बनाई, जहां उनका अगला मुकाबला #5 रैंक के वॉल्टर गोंसाल्वेस से होगा।
हालांकि, ग्रां प्री में अपने सफल प्रदर्शन से पहले ही चार बार के मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन ने लगातार अपनी दो सबसे बड़ी ताकत का इस्तेमाल किया और खुद की जीत की ओर सफल कदम बढ़ाए जिसमें उनके काउंटर-अटैक्स और ताकतवर किक्स शामिल थे।
काउंटर-अटैक्स के सम्राट
अपनी बुद्धिमानी भरी आक्रामक तकनीकों के अलावा सुपरलैक बैकफुट पर मुकाबला करते हुए भी उतने ही कड़े एथलीट साबित हो सकते हैं।
इसका सबसे बेहतर उदाहरण आपको जुलाई 2020 में हुए ONE: NO SURRENDER में अपने हमवतन और #3 रैंक के फ्लाइवेट मॉय थाई प्रतियोगी पानपयाक “एंजेल वॉरियर” जित्मुआंगनोन के साथ मुकाबले से मिल जाएगा।
इस बाउट के दौरान पानपयाक के हर वार पर “द किकिंग मशीन” ने तुरंत प्रक्रिया करते हुए पलटवार किया था। पूरे मुकाबले में सुपरलैक ने सब्र के साथ अपने विरोधी के वार करने का इंतजार किया, ताकि वो कई तरह के कॉम्बिनेशन्स के साथ उन पर जवाबी कार्रवाई करके हावी हो सकें।
सुपरलैक ने एक साल पहले ONE: WARRIORS OF LIGHT में पुर्तगाली स्ट्राइकर रुई बोटेल्हो का सामना करते हुए अपने शानदार काउंटर-अटैक्स का एक और उदाहरण पेश किया था।
“द किकिंग मशीन” आत्मविश्वास के साथ बोटेल्हो के इर्द-गिर्द घूमते रहे और वो अपने प्रतिद्वंदी के हमलों से जरा भी परेशान नहीं दिख रहे थे। जब बोटेल्हो ने वार किया तो सुपरलैक ने दूरी कम करके और खुद के हमलों के साथ स्ट्राइक्स करके मुकाबला में मिले अवसर का पूरा फायदा उठाया। ये सब उस छोटे से समय में हुआ, जिससे पहले कि उनके प्रतिद्वंदी हमले की सीमा से बाहर जा सकें।
बोटेल्हो के पूरा जोर लगा देने के बावजूद उन्हें दो बार के लुम्पिनी स्टेडियम वर्ल्ड चैंपियन के समझदारी भरे जवाबी हमलों का खमियाजा भुगतना पड़ा।
एक सही राइट किक, जो कभी नहीं चूकती है
सुपरलैक को ऐसे ही “द किकिंग मशीन” नहीं कहा जाता है। ये थाई वॉरियर अपनी तगड़ी किक्स के लिए मशहूर हैं, जिसका प्रदर्शन उन्होंने बीते मई को हुए ONE 157: Petchmorakot vs. Vienot में नाइटो के खिलाफ ग्रां प्री क्वार्टर फाइनल्स में किया था।
सुपरलैक के दबाव तले दबे “साइलेंट स्नाइपर” को हेड किक्स से लेकर लो किक्स और पुश किक्स तक लगीं, लेकिन जापानी एथलीट इनसे खुद का बचाव करने के लिए कुछ नहीं कर पाए। ऐसे में जब नाइटो को पता चल गया कि अब उन्हें क्या करना है और वो अगला वार कहां करने वाले हैं तो “द किकिंग मशीन” ने उन्हें चौंकाते हुए वहां किक मारी, जहां वो उसका बचाव नहीं कर रहे थे।
थाई एथलीट ने “साइलेंट स्नाइपर” के जवाबी हमला करने से पहले हेड किक्स लगाने के लिए पुश किक्स का इस्तेमाल किया। जब भी दोनों एथलीटों के बीच का अंतर खत्म होता था तो वो हार्ड लो किक्स का निशाना लगाते थे। इस तरह से सुपरलैक ने नाइटो के पैरों को थका दिया था और तीसरे राउंड तक चलने वाला मुकाबला खत्म होने तक उनकी हिम्मत को पस्त कर दिया था। ये सब उनकी सही किक्स के चुनाव से ही संभव हो पाया था।
सुपरलैक ने इसी तरह की स्किल्स का प्रदर्शन फाहदी “द ग्लैडिएटर” खालेद के खिलाफ ONE: A NEW BREED II में किकबॉक्सिंग रूल्स के तहत किया था। उन्होंने तुर्की के विरोधी के खिलाफ जरा भी रहम नहीं दिखाया था और पीछे हटकर मुकाबला करते हुए भी गति बनाए रखी थी। जैसे ही खालेद आगे बढ़ने की कोशिश करते, वैसे ही वो एक के बाद एक बॉडी किक्स चलाने लगते थे।
अपने मुकाबले में एक समय पर सुपरलैक ने कई सारी किक्स लगातार चला दीं, वो भी बिना रुके और इस दौरान खालेद केवल उनसे बचने और पलटवार करने के बारे में सोचते ही रहे।
इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं है कि अपने गजब के काउंटर-अटैक्स और सही किक्स के साथ मॉय थाई दिग्गज सुपरलैक इस खेल के सबसे बुद्धिमान फाइटर्स में से एक के रूप में गिने जाते हैं।