चोरफाह Vs. पेटसुकुमविट: ONE Friday Fights 3 में जीत के 4 तरीके
ONE Championship के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में हुए पहले 2 इवेंट्स में धमाकेदार मॉय थाई एक्शन देखने को मिला और अब ONE Friday Fights 3 के मेन इवेंट में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल सकता है।
3 फरवरी को होने वाले इवेंट को चोरफाह टोर.सांगटीनोई और पेटसुकुमविट बोई बांगना का मैच हेडलाइन करेगा। इस मैच में फैंस को 2 टॉप लेवल के थाई फाइटर्स भिड़ते दिखेंगे, जिन्हें अपने आक्रामक स्टाइल के लिए जाना जाता है।
उन्हें अटैक के बदले अटैक करने से डर नहीं लगता इसलिए उनके बीच रिंग में खतरनाक एक्शन देखे जाने की उम्मीद रखिएगा।
आइए यहां जानते हैं चोरफाह vs. पेटसुकुमविट फ्लाइवेट मॉय थाई बाउट में एथलीट्स को किन 4 तरीकों से जीत मिल सकती है।
#1 खतरनाक राइट अटैक्स
चोरफाह और पेटसुकुमविट काफी हद तक समान हैं। वो ऑर्थोडॉक्स स्ट्राइकर्स हैं और उनके राइट अटैक बहुत खतरनाक होते हैं।
राइट पंच और एल्बोज़ का लैंड होना इस मैच में बड़ा अंतर पैदा करेगा क्योंकि उनकी एक ही स्ट्राइक मैच की दिशा बदल सकती है।
29 वर्षीय चोरफाह अब तक अपनी दमदार स्ट्राइक्स के दम पर 100 जीत दर्ज कर चुके हैं, वहीं उनके 24 वर्षीय प्रतिद्वंदी का रिकॉर्ड भी कुछ ऐसा ही है। वो अपने विरोधी को फिनिश करने के जितने ज्यादा प्रयास करेंगे, उतना ही उनके फिनिश होने की संभावना बढ़ जाएगी।
पेटसुकुमविट ने कहा है कि उन्होंने काउंटर अटैक का प्लान बनाया है इसलिए वो धैर्य से काम लेकर सही मौके की तलाश करेंगे, मगर ऐसा करते समय उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
उनमें से जिसका शॉट पहले लैंड होगा, बढ़त उसी के हाथ लगेगी। जब 2 खतरनाक स्ट्राइकर्स आमने-सामने आ रहे हों तो एक छोटी सी गलती भी मैच का रुख पलट सकती है।
#2 चोरफाह दबाव बनाने में माहिर
चोरफाह को फ्रंट-फुट पर रहकर फाइट करना पसंद है, लेकिन ऐसा करते हुए उन्हें पेटसुकुमविट के पंचों से सावधान रहना होगा। वो अगर अच्छा डिफेंस करते हुए अटैक कर पाए तो उनकी स्थिति मजबूत हो जाएगी।
वो कई बार टॉप लेवल के फाइटर्स के खिलाफ इसी रणनीति के बलबूते अच्छा कर चुके हैं।
चोरफाह 2 बार Rajadamnern Stadium फाइट ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीत चुके हैं, जिनमें से एक मौके पर उनकी भिड़ंत मौजूदा ONE फ्लाइवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन रोडटंग जित्मुआंगनोन से हुई। ये स्पष्ट है कि वो किसी भी हालत में पीछे हटने को तैयार नहीं होंगे।
हर एक एथलीट इस तरह के अटैक को नहीं झेल पाता। वहीं ये पेटसुकुमविट का ONE डेब्यू होगा इसलिए उनके कंधों पर पहले मैच में अपनी छाप छोड़ने का दबाव होगा।
चोरफाह ने माना कि उन्हें अपने डेब्यू में दबाव के कारण तगीर खलीलोव के खिलाफ हार मिली थी, मगर उस खराब अनुभव से सबक लेकर वो इस बार शुरुआत से अपने विरोधी को झकझोरना चाहेंगे।
#3 पेटसुकुमविट के खतरनाक बॉडी शॉट्स
पेटसुकुमविट को तकनीकी आधार पर चोरफाह के अटैक्स से बचना होगा। ये अच्छी बात है कि उनके पास इस स्थिति से निपटने के लिए तरीके मौजूद हैं।
Rajadamnern Stadium मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन के बॉडी शॉट्स दमदार होते हैं। उन्हें मिडसेक्शन पर स्ट्रेट और हुक्स लगाना पसंद है, जिनके प्रभाव से आमतौर पर उनके प्रतिद्वंदी दर्द से कराहते हुए नजर आते हैं।
वो अगर पंच नहीं लगा पाए तो उनके पास खतरनाक नी स्ट्राइक्स भी हैं। ये नी अटैक चोरफाह को सावधान कर रहे होंगे कि वो अगर फ्रंट-फुट पर रहकर अटैक करेंगे तो इसका उन्हें भुगतान भी करना पड़ेगा।
वहीं पेटसुकुमविट के बॉडी शॉट्स मैच को फिनिश कर सकते हैं, जो उन्हें क्षण भर में जीत दिला सकती है।
#4 किसका स्टैमिना बेहतर है?
दोनों एथलीट्स निडर और आक्रामक हैं इसलिए रिंग में बहुत खतरनाक एक्शन देखने को मिलेगा।
अपना सर्वश्रेष्ठ देना और परफॉर्मेंस बोनस हासिल करने के जुनून का क्राउड के एनर्जी लेवल के साथ मिश्रण दोनों एथलीट्स को दमदार स्ट्राइक्स लगाने को प्रोत्साहित कर रहा होगा।
मगर 9 मिनट तक तेजी से फाइट करना आसान नहीं होता इसलिए जिसका एनर्जी लेवल पहले जवाब देगा, उसे जबरदस्त शॉट्स का प्रभाव झेलना पड़ेगा यानी स्टैमिना इस मैच के परिणाम में अहम भूमिका निभा सकता है।
चोरफाह और पेटसुकुमविट को बैंकॉक सर्किट में 5 राउंड्स के मैचों का काफी अनुभव है, लेकिन ONE ज्यादा एक्शन को तवज्जो देता है इसलिए किसी अन्य जगह के मुकाबले यहां का फाइटिंग स्टाइल अलग होगा।
दोनों थाई स्ट्राइकर्स को रिंग में एक्शन से भरपूर फाइट करना पसंद है, लेकिन इन परिस्थितियों में एक छोटी सी गलती भी उनपर भारी पड़ सकती है। इसलिए जो एथलीट स्थिति के हिसाब से खुद को ढाल पाएगा, उसी को जीत मिलने की संभावना भी अधिक होगी।