डेनियल विलियम्स के खून में दौड़ रहा है मॉय थाई

Danial Williams prepares for Rodtang at "ONE on TNT I" on 7 April

“मिनी टी” डेनियल विलियम्स के पास ONE Championship डेब्यू में सुर्खियां बटोरने का मौका होगा।

गुरुवार, 8 अप्रैल को यूएस प्राइम-टाइम टेलीविजन पर आने वाले “ONE on TNT I” के मेन इवेंट में 27 वर्षीय Kao Sok Muay Thai टीम के स्टार का सामना ONE फ्लाइवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन रोडटंग “द आयरन मैन” जित्मुआंगनोन से होगा।

चाहे ONE Super Series में वो नए हों, लेकिन कॉम्बैट स्पोर्ट्स में नए नहीं हैं और मॉय थाई जैसे उनके खून में दौड़ता है।

यहां आप जान सकते हैं विलियम्स के बचपन से लेकर वर्ल्ड चैंपियन बनने तक के सफर को।

दूसरे बच्चों से काफी अलग रहे

“मिनी टी” बहुत छोटी उम्र से ही पर्थ में रह रहे हैं, लेकिन उनकी मां थाई और पिता ऑस्ट्रेलियाई और उनका जन्म भी थाईलैंड में ही हुआ था।

विलियम्स ने कहा, “मेरी मां थाईलैंड से हैं और मेरा जन्म भी वहीं हुआ था, मेरे पिता ऑस्ट्रेलियाई हैं। जब मैं 8 साल का था तो वो ऑस्ट्रेलिया आकर रहने लगे।”

“मेरे पिता पर्थ से हैं, वो थाईलैंड के सफर पर निकले थे जहां उनकी मुलाकात मेरी मां से हुई। वो ऑस्ट्रेलिया आए, लेकिन मेरे भाई के जन्म के बाद दोबारा थाईलैंड चले गए। वहां वो 4 साल रहे और मेरे जन्म के बाद वापस ऑस्ट्रेलिया आ गए।”

विलियम्स काफी शांत स्वभाव के व्यक्ति  रहे हैं। वो ऑस्ट्रेलिया या थाईलैंड में स्कूल के अन्य बच्चों की तरह नहीं थे इसलिए उन्हें काफी समय तक खुद से संघर्ष करना पड़ा।

उन्होंने कहा, “मुझे हमेशा लगता था कि मैं अन्य लोगों से अलग हूं।”

“मैंने कभी अपने एशियाई बैकग्राउंड को स्वीकार नहीं किया क्योंकि मुझे उससे शर्मिंदगी महसूस होती थी। मैं अन्य ऑस्ट्रेलियाई बच्चों की तरह अपनी पहचान बनाना चाहता था।

“जब भी हम छुट्टियों में थाईलैंड जाते, मुझे परेशानी होने लगती क्योंकि मैं और मेरे भाई वहां के माहौल से काफी अलग थे और हम दोनों को ऑस्ट्रेलिया का माहौल ही अधिक पसंद था।”

उन्हें हमेशा अपने परिवार का साथ मिला है और माता-पिता ने हमेशा उन्हें जरूरत की चीज उपलब्ध कराई हैं। वो बचपन से ही बहुत मेहनती भी रहे हैं।

अपने पिता के कारण वो मेहनती बने हैं। उनके पिता नौकरी के कारण कई बार बाहर भी जाते रहते थे। वहीं उनकी मां बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद लोकल कम्यूनिटी प्रोजेक्ट्स में अपना हाथ बंटाती थीं।

विलियम्स ने कहा, “इतने मेहनती माता-पिता मिलना मेरे लिए सम्मान की बात है।”

“मेरे पिता को कई बार कई हफ्तों के लिए बाहर भी जाना पड़ता था, उस समय मां हमारी देखभाल करती थीं और मैं भी उन्हीं के कारण इतना मेहनती बना हूं।

“मेरी मां कम्यूनिटी प्रोजेक्ट्स में हाथ बंटाती थीं और इससे उन्हें नए देश के माहौल में ढलने में भी मदद मिल रही थी। फिर उन्हें एक टमाटरों की फैक्ट्री में नौकरी मिली, जहां वो हमें स्कूल छोड़ने के बाद काम करने जाती थीं। वो भी हमेशा से बहुत मेहनती रही हैं।”

मॉय थाई की शुरुआत

विलियम्स को अपनी मां के परिवार से भी एक अनोखी चीज प्राप्त हुई थी। उनके परदादा मॉय थाई स्टार हुआ करते थे और उनके अंकल मॉय थाई में उत्तरी थाईलैंड में चैंपियन रहे।

अक्सर उनके बड़े भाई हेडन मार्शल आर्ट्स से जुड़ी फिल्में देखा करते थे, “मिनी टी” को भी वहीं से इस खेल से लगाव महसूस होने लगा था।

विलियम्स ने कहा, “मेरे भाई बहुत छोटी उम्र से ही मार्शल आर्ट्स से जुड़ गए थे और मैं अक्सर उन्हें कराटे यूनिफ़ॉर्म में देखा करता था। उन्हें ब्रूस ली और जॉन-क्लॉड वैन डैम बहुत पसंद थे।”

“मेरी मां के भाई मॉय थाई चैंपियन रहे। मेरी मां भी मॉय थाई के खेल के इर्दगिर्द रहकर ही पली-बढ़ी हैं क्योंकि उनके भाई घर पर ही ट्रेनिंग किया करते थे। इसलिए मुझे लगा कि ये खेल जैसे मेरे खून में दौड़ रहा है, मेरे परदादा भी मॉय थाई स्टार हुआ करते थे।

“7 साल की उम्र में मैंने स्कूल में टायक्वोंडो सीखना शुरू किया, लेकिन मैं मॉय थाई करना चाहता था। मैं हमेशा अपने अंकल को अपनी स्किल्स से प्रभावित करना चाहता था।”

पहले उन्होंने टायक्वोंडो से निनजुत्सु में कदम रखा, लेकिन इनमें उन्हें कुछ खास सफलता प्राप्त नहीं हुई। किकबॉक्सिंग ने उन्हें प्रभावित किया, लेकिन वो जानते थे कि वो मॉय थाई के लिए ही बने हैं, जिसकी शुरुआत उन्होंने 10 साल की उम्र में की।

विलियम्स ने बताया, “शहर में विज्ञापन लगे होते थे। मैं और मेरे भाई हमेशा मॉय थाई सीखना चाहते थे। इसलिए हमने साथ मिलकर नए खेल को सीखने का प्रण लिया था।”



करियर में उतार-चढ़ाव देखे

थाईलैंड वापस आने के बाद विलियम्स ने अपने अंकल को दिखाया कि वो किस खेल से जुड़े हुए थे। उन्हें इस खेल में कैसे आगे बढ़ना है, ये सलाह भी मिली।

16 साल की उम्र में “मिनी टी” को अपनी पहली प्रोफेशनल बाउट मिली और रीज़नल लेवल पर उन्हें काफी सफलता भी मिली। साल 2015 में वो Bangkok Stadium के स्टार थानिट खोमसाई को हराकर WMC मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन बने।

लेकिन अक्सर सफलता के बाद एथलीट्स अति आत्मविश्वास का शिकार हो जाते हैं, जिसने विलियम्स को बहुत बड़ा सबक भी सिखाया।

उन्होंने कहा, “WMC वर्ल्ड टाइटल जीतने के बाद मैं बहुत खुश था इसलिए 2 महीने के लिए यूरोप में छुट्टियां मनाने चला गया था।”

“मैं जानता था कि मेरे पास K-1 वर्ल्ड टाइटल के एलिमिनेटर टूर्नामेंट में भाग लेने का मौका था, लेकिन उस समय मुझपर पार्टी करने का भूत सवार था। मेरे पास तैयारी के लिए केवल 3 हफ्ते थे और उससे पहले मैंने बहुत ज्यादा शराब का सेवन किया था, इस गलती का भुगतान भी मुझे बड़ी हार के रूप में करना पड़ा।

“मैं सोच रहा था कि मुझे हराना नामुमकिन है। अहंकार के कारण मुझे पहले ही राउंड में नॉकआउट से हार मिली।”

“मिनी टी” उस पुरानी गलती का फल भोग चुके हैं, लेकिन अब वो उस गलती को दोबारा कभी नहीं दोहराना चाहते।

उन्होंने कहा, “लगातार मैच जीतते हुए चैंपियनशिप जीत के बाद एक ही हार ने मुझे अंदर तक झकझोर कर रख दिया था, जिससे मेरे मन में बुरे ख्याल भी आने लगे थे।”

“मैं सोच रहा था कि स्कूल जाकर वही करूंगा जो मुझे मेरी मां मुझसे कहती आई हैं, लेकिन फाइटिंग मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका था। सबक लेकर मैं इस उम्मीद में दोबारा जिम में गया कि गलती को भुलाकर दोबारा सफलता की राह प्राप्त कर सकूं।”

ग्लोबल स्टेज पर सफलता प्राप्त करना अगला लक्ष्य

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अब विलियम्स ONE में मौजूदा समय के सबसे बेहतरीन मॉय थाई फाइटर के खिलाफ अपने करियर के सबसे बड़े मैच के लिए तैयार हैं।

एक समय था जब वो खुद से पूछ रहे थे कि क्या उन्हें इस खेल से जुड़े रहना चाहिए, लेकिन दृढ़ता उन्हें आज यहां तक खींच लाई है।

रोडटंग का ONE Super Series रिकॉर्ड 9-0 का है और मौजूदा ONE फ्लाइवेट वर्ल्ड चैंपियन हैं। इस 61.5 किलोग्राम कैच वेट बाउट में “मिनी टी” के पास पाने या खोने के लिए कुछ नहीं है इसलिए वो दबावमुक्त महसूस कर रहे होंगे।

ऑस्ट्रेलियाई स्टार ने कहा, “ये मेरे लिए बहुत बड़ा मौका है, लेकिन अभी तक मुझे इसका अहसास नहीं हुआ है।”

“मेरा ध्यान केवल ट्रेनिंग पर है। मैं इस बात पर समय व्यर्थ नहीं करना चाहता कि ये मैच कितना महत्वपूर्ण है, मेरा फोकस केवल रोडटंग पर है। अंत में जीत या तो उन्हें मिलेगी या मुझे, आखिरकार वो भी इंसान ही हैं।”

ये आसान नहीं होगा, लेकिन विलियम्स एक ऐसी जीत के मौके को खाली नहीं जाने देना चाहेंगे, जो उनके जीवन को नई राह दिखा सकती है।

उन्होंने कहा, “इस जीत से बहुत चीजें बदल जाएंगी। लेकिन अंत में उन लोगों का महत्व बढ़ जाता है, जिन्होंने इस कठिन मार्शल आर्ट्स सफर में हमेशा मेरा साथ दिया।”

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