डेमेटि्रयस जॉनसन की माँ ने उन्हें दिया विश्व चैंपियन बनने का मंत्र
डेमेट्रियस जॉनसन “माइटी माउस” ने बचपन में ही अपनी मां से सीख लिया था कि कड़ी मेहनत करके जीवन में कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
उनकी उसी सोच ने अमेरिकी फाइटर को इस खेल के इतिहास में सबसे प्रमुख विश्व चैंपियन बनने में मदद की और उन्हें अब तक के सबसे बड़ी मार्शल आर्ट इवेंट में अपना कौशल दिखाने का मौका दिया।
13 अक्टूबर को ONE: CENTURY PART I में वह ONE फ्लाइवेट वर्ल्ड ग्रां प्री चैंपियनशिप के फाइनल में डैनी किंगड “द किंग” का सामना करेंगे। वह जब इस खिताबी मुकाबले के लिए जापान के टोक्यो में कदम रखेंगे तो उन्हें अपनी मां से मिली वहीं सीख याद रहेगी।
वाशिंगटन के फाइटर ने खुलासा किया कि उनकी मां ने निश्चित रूप से उन्हें खासा प्रभावित किया है। वो कहती हैं कि आप जो पाना चाहते हैं उसके लिए दिल से कड़ी मेहतन करें और उसे हासिल करें।
जॉनसन के सौतेले पिता के साथ शादी के उनकी मां करेन ने अकेले ही उनका पालन-पोषण किया था। उन्होंने हमेशा यही सिखाया कि कड़ी मेहतन कभी भी आपको नीचे नहीं गिरने देगी, बल्कि वह आपको जीने का मकसद सिखाती है।
वह जन्म से ही सुनने में असक्षम थी, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी इस कमी का बहाना नहीं बनाया। सबसे खास बात यह है कि उन्हें खुद भी अपनी मां की इस परेशानी का पता नहीं था। जब उन्हें इसका पता चला तो उस पर विश्वास करना बहुत मुश्किल था।
जॉनसन ने कहा कि जब उन्होंने अपनी मां से बात की तो उन्होंने हमेशा मुझे अपने चेहरे को देखना सिखाया। इस तरह से वो हमारे होंठ पढ़कर बातों का जवाब देती थी, लेकिन उनकी बहन के द्वारा इस बात का जिक्र करने से पहले उन्हें कभी भी इसका अहसास नहीं हुआ।
उन्होंने पहली बार जब अपनी मां से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि हां वह सुन नहीं सकती है, लेकिन इससे तुम्हे क्या परेशानी है। तुमने जब भी दूसरे कमरे से किसी चीज़ की ज़रूरत की तो मैंने हमेशा वह उपलब्ध कराई है।
उन्होंने कभी भी सांकेतिक भाषा नहीं सीखी। वह बंद कैप्शन के साथ टीवी देखती थी। इसलिए अब वह खुद भी पीछे मुड़कर देखते हैं कि उन्होंने हमेशा क्या किया है। उन्होंने मुझे सबसे ज्यादा ताकत दी है कि कैसे वह होठ पढ़ने में कुशल होने के लिए ध्यान केन्दि्रत करके काम करती थी।
जाहिर सी बात है कि उन्होंने परेशानियों से लड़कर इस कौशल को हासिल किया। उन्होंने अन्य बधिर लोगों की तरह सांकेतिक भाषा सीखने की जगह होठों के माध्यम से जीवन को पढ़ने का प्रयास किया। जब वह 60 और 70 के दशक में बड़ी होकर केंटकी से आई थीं तो उन्होंने शायद सांकेतिक भाषा सीखने का मौका नहीं मिला होगा।
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करेन ने अपने बेटे को दिखाया कि कड़ी मेहनत करने का क्या मतलब होता है और वह कभी भी उस सीख को नहीं भूले। उन्होंने कहा कि एक चीज है जो हमेशा उनके साथ रहती है। उनकी मां की कही हुई वह बात कि बस कड़ी मेहनत करो और उसके बाद तुम्हारे पास वह सब कुछ हो सकता है जो आप चाहते हैं।
33 वर्षीय ने अपनी मां के सबक को जीवन में उतार लिया और उसी के साथ आगे बढ़ते गए। यही कारण है कि उन्होंने फ्लाइवेट विश्व खिताब जीता और अपने परिवार को बेहतर भविष्य देने के लिए 11 बार इसका बचाव किया।
अपनी सभी सफलता के माध्यम से “माइटी माउस” ने चुनौती देने के बाद चुनौती देने वाले को हराने के लिए अन्य कौशल दिखाया है, लेकिन वह अपनी सफलता का ज्यादातर श्रेय अपने दृढ़ संकल्प को देते है, जो उन्होंने किशोरावस्था में अपने आप में विकसित किया था।
12 बार फ्लाइवेट मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स वर्ल्ड चैंपियन के लिए उनकी सफलता का कोई शॉर्टकट या आनुवांशिक लाभ नहीं था। उन्होंने बस अपने मां से मिले स्थाई सबक को अपनाकर यह सबकुछ कर दिखाया।
उन्होंने कहा कि जब आपके पास एक माता-पिता होते हैं जो सबसे अच्छी वित्तीय स्थिति में नहीं होते हैं, तो आप जल्दी से सीखते हैं कि यदि आप चीजों को चाहते हैं, तो आपको उन्हें पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
उन्होंने अपने करियर में पहला खिताब नहीं जीत लेने तक कड़ी मेहनत की थी। उन्हें एक अपार्टमेंट चाहिए था, वह एक कार लेना चाहते थे।इसलिए उन्होंने पूरी जिंदगी मेहनत की। उनकी मेहनत ने ही उन्हें मिक्स्ड मार्शल आर्ट में सफल रूप से स्थापित किया है।
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- जापान में PART I को 13 अक्टूबर को सुबह 9 बजे JST और PART II को शाम 5 बजे JST में देखें
- इंडोनेशिया में PART I को 13 अक्टूबर को सुबह 7 बजे WIB और PART II 3pm WIB पर देखें
- सिंगापुर में PART 1 13 अक्टूबर को सुबह 8 बजे एसजीटी और PART II 4 बजे एसजीटी पर देखें
- फिलीपिंस में PART 1 13 अक्टूबर को सुबह 8 बजे पीएचटी और PART II 4 बजे पीएचटी पर देखें
- भारत में PART 1 13 अक्टूबर को सुबह 5:30 बजे IST और PART II 1:30 बजे IST पर देखें
- यूएसए में PART I 12 अक्टूबर को 8 ईएसटी पर और PART II 13 अक्टूबर को सुबह 4 बजे ईएसटी पर देखें
ONE: CENTURY इतिहास की सबसे बड़ी विश्व चैम्पियनशिप मार्शल आर्ट प्रतियोगिता है जिसमें 28 विश्व चैंपियनशिप विभिन्न मार्शल आर्ट शैलियों का प्रदर्शन करेंगे। इतिहास में किसी भी संगठन ने कभी भी एक ही दिन में दो पूर्ण पैमाने पर विश्व चैम्पियनशिप इवेंट आयोजित नहीं किए हैं।
13 अक्टूबर को जापान के टोक्यो में प्रसिद्ध रोयोगोकू कोकूगिकन में कई वर्ल्ड टाइटल मुकाबलों, वर्ल्ड ग्रां प्रिक्स चैंपियनशिप फाइनल की एक तिकड़ी और कई वर्ल्ड चैंपियन बनाम वर्ल्ड चैंपियन मैच लाने के साथ The Home Of Martial Arts नई जमीन पर दस्तक देगा।