इरसल को उम्मीद है कि उनका वर्ल्ड टाइटल डिफेंस सूरीनाम के युवाओं को प्रोत्साहित करेगा
रेगिअन “द इम्मोर्टल” इरसल नीदरलैंड्स के निवासी हैं लेकिन मूल रूप से सूरीनाम से आते हैं।
ONE: FISTS OF FURY III में उन्हें मुस्तफा “डायनामाइट” हैडा के खिलाफ अपने ONE लाइटवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल को डिफेंड करना है। वो खुद को युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनाना चाहते हैं।
इसलिए शुक्रवार, 19 मार्च को “द इम्मोर्टल” का अपनी चैंपियनशिप बेल्ट को रिटेन करना और भी जरूरी हो गया है।
इरसल ने कहा, “जब मैं वापस गया तो मैंने देखा कि बच्चे मुझे अपने रोल मॉडल के तौर पर देख रहे हैं। मेरी उपलब्धियों को देख वो मेरी तरफ सफलता प्राप्त करना चाहते हैं।”
“वर्ल्ड चैंपियनशिप बेल्ट को सूरीनाम लेकर जाना, बच्चों के चेहरे पर खुशी के भाव देखना मुझे अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसलिए मैं उनके लिए इस टाइटल को डिफेंड करना चाहता हूं।”
इरसल का जन्म सूरीनाम में हुआ था, जो दक्षिण अमेरिका के पूर्वोत्तर तट पर स्थित है और जब उनका परिवार यूरोप आया तब इरसल की उम्र केवल 4 साल थी।
“द इम्मोर्टल” का बचपन अच्छे माहौल में गुजरा, भविष्य में ज्यादा अवसर पाने की तलाश में उनके माता-पिता नीदरलैंड्स में आकर बसे थे।
उन्होंने कहा, “अच्छे भविष्य के लिए मेरे परिवार ने नीदरलैंड्स आने का कठिन फैसला किया।”
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नए देश में आने के बाद वो साथी डच-सूरीनामी लोगों के साथ रहकर ही पले-बढ़े हैं और इस दौरान उन्हें कई स्ट्राइकिंग सुपरस्टार्स का भी साथ मिला। जिनमें रेमी बोन्यास्की और टायरोन स्पॉन्ज भी शामिल रहे।
इरसल हमेशा से अपने जन्मस्थान से जुड़े रहे हैं और 2019 में वापसी के बाद वो युवाओं को प्रोत्साहित करने के लक्ष्य से आगे बढ़े।
उन्होंने बताया, “मुझे राष्ट्रपति के निवास स्थान पर आमंत्रित किया गया था, मैंने उन्हें बेल्ट दिखाई और मैंने कई स्कूलों में जाकर लोगों को प्रोत्साहित करने की कोशिश भी की।”
“मैंने जिम में जाकर लोगों को प्रेरित करने के लिए उनके साथ ट्रेनिंग भी की। वो एक अच्छा अनुभव रहा, अगर दोबारा मौका मिला तो मैं दोबारा वहां जाना चाहूंगा।”
28 वर्षीय स्टार अपने करियर में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं और अपनी विरासत को बरकरार भी रखना चाहते हैं। वहीं अब वो अपने देश के युवाओं को दिखाना चाहते हैं कि जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है।
इरसल भी अपने आइडल्स को फॉलो करते हुए इस मुकाम पर पहुंचे हैं। उसी तरह इरसल अब मार्शल आर्ट्स के जरिए लोगों को अपने सपनों की ओर दृढ़ता से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
बिलमेर में स्थित “द इम्मोर्टल” के घर के पास एंटोन डी कोम की एक मूर्ति है, जिन्हें वो अपने आइडल के रूप में देखते थे। इरसल अपनी खुद की मूर्ति की स्थापना की बात पर हंस भी दिए, उनका लक्ष्य केवल अगली जेनरेशन के युवाओं को आगे सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना है, फिर चाहे वो सूरीनाम में हों या सूरीनाम से किसी दूसरे देश में जाकर बस गए हों।
उन्होंने मज़ाकिया अंदाज में कहा, “मुझे नहीं लगता कि मेरी कभी कहीं मूर्ति बनेगी, लेकिन बड़े सपने देखने से किसी को भला कौन रोक सकता है।”
“बच्चों को बड़े सपने दिखाने के लिए मुझे सूरीनाम बार-बार जाना चाहिए। खासतौर पर फाइटर्स को ट्रेनिंग करते देख मुझे बहुत खुशी हुई।”
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