रोडटंग और तबारेस की भिड़ंत से पहले मॉय थाई में थाई और पश्चिमी स्टाइल के बीच का अंतर जानिए
ONE Championship प्रोमोशन के इतिहास में पहली बार अमेरिकी धरती पर इवेंट आयोजित करेगा, जहां एडगर तबारेस के खिलाफ ONE फ्लाइवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन रोडटंग जित्मुआंगनोन अपने खिताब का बचाव करेंगे।
6 मई को कोलोराडो के 1stBank सेंटर में ONE Fight Night 10: Johnson vs. Moraes III के को-मेन इवेंट में ये बेहतरीन मुकाबला होगा।
ये बाउट विशेष तौर पर मॉय थाई के थाई बनाम पश्चिमी स्टाइल की एक खास भिड़ंत होगी। तो फिर आइए जानते हैं कि एक ही कला के ये दो रूप किस तरह एक-दूसरे से भिन्न नज़र आते हैं।
मॉय थाई का उदय
सदियों पुराने इतिहास के साथ मॉय थाई थाईलैंड का प्राचीन मार्शल आर्ट है। 16वीं शताब्दी में स्याम आर्मी ने हैंड-टू-हैंड कॉम्बैट के एक रूप में इसकी शुरुआत की थी। बाद में इसे 18वीं सदी के देश के राजा नरेशुआन ने एक खेल के रूप में विकसित किया था।
धीरे-धीरे मॉय थाई सैन्य और नागरिक आबादी के बीच लोकप्रिय होता गया। हालांकि, हाल ही के कुछ सालों में ये थाईलैंड के सबसे बहुमूल्य खजाने के रूप में उभरकर आया है।
पारंपरिक थाई स्टाइल
इस आर्ट के अन्य संस्करणों की तुलना में पारंपरिक मॉय थाई को अधिक तकनीकी और बुद्धिमता वाला माना जाता है। ये स्ट्राइकिंग की विस्तृत रेंज (जिसमें एल्बो व नी शामिल हैं) के लिए मशहूर होने के साथ क्लिंचिंग और थ्रो पर फोकस करने वाले आर्ट है।
ONE Championship में ढेर सारे एथलीट्स हैं, जो पारंपरिक मॉय थाई स्टाइल के लिए पहचाने जाते हैं। इनमें ONE फेदरवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन तवनचाई पीके साइन्चाई और ONE बेंटमवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन नोंग-ओ हामा हैं।
थाईलैंड के मॉय थाई सर्किट में अपना नाम बनाने के बाद निश्चित रूप से रोडटंग इस कैटेगरी में फिट बैठते हैं। साथ ही सर्कल में बहुत आक्रामकता भी दिखाते हैं।
दुनिया भर में फैला है मॉय थाई
1980 के दशक में किकबॉक्सिंग के इवेंट्स में वृद्धि और रमोन डेकर्स (डच किकबॉक्सिंग के नए स्टाइल को बढ़ाने वाले) जैसे मार्शल आर्ट्स दिग्गज के प्रभाव की वजह से मॉय थाई ने दुनिया भर में अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी थी।
असलियत में, वो मॉय थाई सीखने और प्रतिस्पर्धा करने के लिए थाईलैंड गए। वहां उन्होंने खेल के कुछ बेहतरीन एथलीट्स को पछाड़ा, जिससे मार्शल आर्ट्स की लोकप्रियता पूरे पश्चिमी जगत में तेजी से बढ़ती चली गई।
कॉम्बैट स्पोर्ट्स संगठनों ने मॉय थाई को प्रोमोट करना शुरू किया और कई देशों ने टीवी पर इसका प्रसारण किया। इससे मॉर्शल आर्ट्स की विशेष तौर पर यूएस, यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, नीदरलैंड्स, फ्रांस, जर्मनी और ब्राजील सहित सभी पश्चिमी देशों में रुचि बढ़ने लगी।
नए तरीके का वेस्टर्न स्टाइल
पश्चिम में मॉय थाई की ट्रेनिंग करने वाले एथलीट्स ने क्लिंचिंग और एल्बो स्ट्राइक्स से पंच और किक की तरफ स्थानांतरित होना शुरू किया। ऐसे में वो किकबॉक्सिंग के बारे में जो कुछ भी जानते थे, उसे उन्होंने इसमें शामिल करना शुरू किया।
इससे पश्चिमी देशों में मॉय थाई का उदय हुआ। फाइटर्स ने आक्रामक शैली पर ज्यादा फोकस किया और पारंपरिक मॉय फीमर स्टाइल (खड़े रहकर काउंटर अटैक वाला स्टाइल) की बजाय आक्रामकता दिखाने की परंपरा शुरू की।
पूर्व ONE फ्लाइवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन जोनाथन “द जनरल” हैगर्टी , ONE स्ट्रॉवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन जोसेफ “द हरिकेन” लसीरी और रोडटंग का सामना करने वाले तबारेस जो कि ONE एथलीट्स ONE Fight Night 10 में पश्चिमी मॉय थाई स्टाइल का ही प्रदर्शन करेंगे।