कैसे ऋतु फोगाट की कामयाबी में रहा परिवार का अहम योगदान
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना देख रहीं ऋतु फोगाट के लिए 16 नवंबर की तारीख बहुत ही अहम होने जा रही है।
इसी दिन बीजिंग में होने वाले ONE: AGE OF DRAGONS में ऋतु का सामना दक्षिण कोरिया की नाम ही किम से होगा। अपने पहले मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स मैच में “द इंडियन टाइग्रेस” बेहतरीन प्रदर्शन करना चाहेंगी।
करियर के इस अहम मैच से पहले ऋतु ने रेसलिंग के शुरुआती दिनों, बहनों के सपोर्ट और पिता से मिले गुरु-मंत्र के बारे में बात की।
विरासत में मिली रेसलिंग
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फोगाट परिवार आज भारत के घर-घर में जाना पहचाना नाम बन गया है। महावीर फोगाट और उनकी बेटियों ने देश में महिला रेसलिंग को मशहूर बनाने में अहम रोल निभाया है। ऋतु फोगाट को रेसलिंग विरासत में हासिल हुई। बड़ी बहनों गीता और बबीता ने कड़ी मेहनत और समाज की बंदिशों को तोड़ते हुए अपना नाम बनाया।
16 नवंबर को डेब्यू करने जा रहीं ऋतु ने बताया, “समाज और लोगों के ताने मेरे माता-पिता और बहनों को सुनने पड़े थे, बाद में रेसलिंग शुरु करने की वजह से मैं इन सब चीज़ों से बची रही।”
ऋतु ने छोटी उम्र से ही पिता की देखरेख में ट्रेनिंग शुरु की। उन्हें शुरुआत से ही पता था कि रेसलिंग में ही उन्हें अपना करियर बनाना है।
25 साल की ऋतु ने कहा, “मुझे शुरु से ही पता था कि मैंने रेसलिंग को ही अपना करियर बनाना है।”
गीता और बबीता की तरह कामयाबी की हासिल
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जब दो बड़ी बहनें देश-विदेश में हो रहे टूर्नामेंट्स में मेडल ला रही हों, तो उसी काम को कर रही छोटी बहन पर प्रेशर आना आम बात है। गीता-बबीता की कामयाबी की वजह से लोगों की ऋतु से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीदें काफी बढ़ गई थीं।
उन्होंने कहा, “हां, मुझ पर अच्छा प्रदर्शन करने का प्रेशर था। उन्होंने (गीता-बबीता) मुझे एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म मुहैया करवाया था, जिससे कि मैं आगे जाकर बढ़िया प्रदर्शन कर सकूं। गीता और बबीता की सफलता की वजह से मुझसे लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गई थीं।”
ऋतु ने उम्मीदों के इस दबाव को अपने पर हावी नहीं होने दिया और बहनों के नक्शे-कदम पर चलते हुए नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर मेडल जीते।
कई बार नेशनल रेसलिंग चैंपियन बनीं ऋतु ने आगे बताया, “जब भी मैच खेलती थी तो प्रेशर को भूलकर अपना 100 प्रतिशत देती थी।”
MMA में भारत का कोई वर्ल्ड चैंपियन ना होना बना ऋतु की प्रेरणा
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स दुनिया भर में काफी लोकप्रिय खेल बन चुका है। लेकिन भारत में अब भी MMA को जानने और फॉलो करने वालों की तादाद में उस तरह का बढोत्तरी नहीं हुई है। धीरे-धीरे MMA के प्रति देश में अब क्रेज़ बढ़ रहा है।
भारत का कोई भी मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट अभी तक वर्ल्ड चैंपियन नहीं बना पाया है। ऋतु को इस बात से प्रेरणा मिली और उन्होंने रेसलिंग छोड़कर मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स जॉइन करने का फैसला लिया।
ऋतु ने कहा, “मैं हमेशा सोचती थी कि इस खेल में भारत का कोई भी वर्ल्ड चैंपियन क्यों नहीं है। इस बात ने मुझे MMA में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।”
इस साल ONE चैंपियनशिप जॉइन करने वालीं ऋतु फोगाट देश में विमेंस रेसलिंग का जाना-माना नाम थीं, जिस दौरान उन्होंने रेसलिंग छोड़ने का निर्णय लिया।
सिंगापुर की इवॉल्व MMA टीम की सदस्य ऋतु ने कहा, “मैं कुछ अलग करना चाहती थी। मैं लंबे समय से मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स देखती आ रही थी।”
पिता से मिली जिंदगी बदल देने वाली सीख
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किसी भी खिलाड़ी की कामयाबी में उसके परिवार का बहुत अहम रोल होता है, और यही ऋतु के साथ भी हुआ। वो अपनी कामयाबी का श्रेय परिवार को देती हैं।
ऋतु ने कहा, “आज मैं जिस भी मुकाम पर हूं, उसमें मेरे परिवार का पूरा सपोर्ट रहा है। अगर परिवार का सपोर्ट ना होता, तो यहां तक नहीं पहुंच पाती।”
कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप मेडलिस्ट ऋतु के रेसलिंग छोड़ मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में जाने के फैसले ने पूरे देश को हैरान कर दिया था। हालांकि, इस बड़े फैसले पर भी बहनों और पापा ने पूरा साथ दिया।
उन्होंने बताया, “बहनों ने मुझे यही कहा कि जिस चीज़ में तुम्हारी दिलचस्पी है, तुम वही करो। पापा से मैंने सीधे बात नहीं की, बहनों ने उनसे इस बारे में बात की। मेरे पापा ने यही कहा कि देश का नाम रोशन करना है, चाहे गेम कोई भी हो।”
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, “पापा बस यही कहते हैं कि जिस भी काम को करो, उसमें पूरी मेहनत लगा दो। एक वाक्य हमेशा बोलते हैं दूरदृष्टि, कड़ी मेहनत और पक्का इरादा। इस चीज़ को अपने मन में बैठा लो और हमेशा याद रखना”
भारत में ONE: AGE OF DRAGONS का लाइव प्रसारण शनिवार, 16 नवंबर को भारतीय समय दोपहर 2:30 बजे से होगा। मुख्य कार्ड में ऋतु फोगाट का डेब्यू शाम 4:00 बजे से देखा जा सकेगा।