Flashback Friday: नॉकआउट जिसने लिएंड्रो अटाईडिस के करियर को एक नई राह दिखाई
कई बार के ब्राजीलियन जिउ-जित्सु वर्ल्ड चैंपियन रहने के बाद भी लिएंड्रो “वुल्फ़” अटाईडिस को ONE Championship में एक बेहतरीन नॉकआउट आर्टिस्ट का दर्जा प्राप्त है।
ब्राजीलियाई एथलीट मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आई जीत को वो अपने करियर की सबसे खास जीत मानते हैं और उसी जीत ने उनके करियर को एक नई राह दिखाई थी।
उन्होंने 15 नवंबर 2013 को ONE: WARRIOR SPIRIT में ब्रायन रफ़ीक़ के खिलाफ अपना प्रोमोशनल डेब्यू किया था और धमाकेदार अंदाज में जीत दर्ज की थी।
अटाईडिस ने मैच से पहले होने वाली घबराहट को दूर किया और पुत्रा इंडोर स्टेडियम (बाद में अक्षियता एरीना नाम दिया गया) में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर ध्यान केंद्रित किया।
33 वर्षीय मिडलवेट स्टार ने मुस्कुराते हुए कहा, “जब मैं एरीना में था तो काफी घबराहट महसूस कर रहा था। इसलिए बार-बार बाथरूम जा रहा था और अपनी बॉडी को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था।”
“मुझे ये किसी बड़ी जिम्मेदारी की तरह प्रतीत हो रही थी। ये ब्राजील के बाहर मेरा पहला मैच था लेकिन मैं इसके लिए उत्साहित भी था। मुझे पता था कि मुझे फाइट के साथ-साथ फैंस के लिए परफ़ॉर्म करना है।”
इस मानसिकता से अटाईडिस को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में मदद मिली और उन्होंने दिखाया कि Evolve MMA टीम के साथ जुड़कर वो कितनी कड़ी ट्रेनिंग से गुजर रहे हैं।
हालांकि, दुनिया भर के फैंस उनसे वर्ल्ड-क्लास ग्रैपलिंग की उम्मीद कर रहे थे लेकिन अपने हाथों की गज़ब की ताकत से उन्होंने पहले राउंड में नॉकआउट हासिल किया तो लोग चौंक उठे थे।
- पूजा तोमर ने अपनी टॉप 5 स्पोर्ट्स मूवीज़ के बारे में बताया
- घर पर एक मार्शल आर्ट्स जिम बनाने का तरीका
- ONE Championship के इतिहास के सबसे शानदार वर्ल्ड टाइटल नॉकआउट्स
फ्रेंच एथलीट पर ओवरहैंड राइट लगाने के बाद अटाईडिस ने राइट क्रॉस लगाया और आखिर में अपने प्रतिद्वंदी के जबड़े पर शानदार क्रॉस लगाते हुए अपने अटैक को अंजाम दिया।
रफ़ीक अगले ही पल नीचे गिर पड़े और इंतज़ार कर रहे थे कि रेफरी मैच को समाप्त करने की घोषणा करें। इसी के साथ पहले राउंड में 4:14 मिनट के बाद मैच को अंतिम रूप मिला। इस नतीजे से चौंक उठने वाले व्यक्तियों में केवल फैंस ही शामिल नहीं थे।
ब्राजीलियाई स्टार ने मज़ाक में कहा, “मैं भी एक बार के लिए चौंक उठा था।”
“मैंने केवल 1 साल ही मॉय थाई की ट्रेनिंग ली थी लेकिन 25 साल BJJ अनुभव के बाद भी मैंने एक स्ट्राइकर के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की। Evolve टीम में मेरे कोच लगातार मुझे सीख दे रहे थे और स्ट्राइकिंग स्किल्स पर फ़ोकस करने के लिए प्रेरित कर रहे थे, इसलिए मैंने मैच में भी उन्हीं स्किल्स का इस्तेमाल करने की कोशिश की।
“मुझे वो पंच अभी भी याद है, मैंने उन्हें उसी तरह पंच लगाने की कोशिश की जैसा कि मेरे कोच ने मुझे सिखाया था। मैं चौंक उठा था क्योंकि मैंने नहीं सोचा था कि वो इस तरह नीचे गिर पड़ेंगे। उसके बाद मैंने रेफरी की ओर देखा और खुद से कहा, ‘मुझे लगता है कि अब मुझे फाइट को रोक देना चाहिए।'”
रफ़ीक को बेहोशी जैसी हालत में लाने के बाद भी अटाईडिस ने संयम नहीं खोया था और उन्हें तुरंत इस बात का एहसास हो चुका था कि अब उन्हें अपने अटैक को जारी रखने की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, “मैच समाप्त हो चुका था, मुझे उनपर और अधिक अटैक करने की कोई जरूरत नहीं थी। इस तरीके से ना उन्हें अधिक क्षति पहुंचती और मैं भी खुशी-खुशी रिंग से बाहर जा सकता था।”
“मैंने BJJ इसलिए सीखा था जिससे खुद पर कंट्रोल रख सकूं क्योंकि मैं स्कूली दिनों में नियमित रूप से झगड़ों में पड़ जाता था और मार्शल आर्ट्स ने मुझे सिखाया कि सम्मान देकर ही आप सम्मान प्राप्त कर सकते हैं।”
चाहे उन्हें वो यादगार जीत करीब साढ़े छः साल पहले मिली थी लेकिन “वुल्फ़” आज भी जीत के लिए उतने ही प्रतिबद्ध हैं जितने पहले हुआ करते थे।
आज वो असल में खुद को एक मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट मानते हैं। उनके पास नॉकआउट पावर है और स्ट्राइकिंग में सुधार के साथ-साथ ग्राउंड गेम में भी उन्हें हरा पाना बेहद मुश्किल है। अटाईडिस का मानना है कि वो इस स्पोर्ट के टॉप पर पहुँच सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा, “मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि कितना खुश था, क्योंकि वो मेरे करियर की पहली नॉकआउट जीत थी।”
“व्यक्तिगत तौर पर वो मेरे करियर की सबसे बेहतरीन फाइट रही। अधिकतर लोगों ने मुझसे BJJ गेम की उम्मीद की थी लेकिन मैंने एक साल में अपनी स्ट्राइकिंग पर भी बहुत ध्यान दिया और मैंने साबित भी किया है कि मैं स्ट्राइकिंग भी करने में सक्षम हूँ।
“मैंने बहुत से लोगों को स्ट्राइकिंग करते देखा था लेकिन वो काफी सालों से स्ट्राइकिंग करते आ रहे थे। किसी को नॉकआउट करने के लिए काफी चीजों पर ध्यान देना होता है। मैं दिल से ये करना चाहता था।”
ये भी पढ़ें: Flashback Friday: म्यांमार में बिबियानो फर्नांडीस का तगड़ा नॉकआउट