जोशुआ पैचीओ के लिए सिर्फ वर्ल्ड चैंपियन बनना ही सफर का अंत नहीं
जोशुआ “द पैशन” पैचीओ ने ONE स्ट्रॉवेट वर्ल्ड चैंपियन बनकर अपना सपना तो पूरा कर लिया है लेकिन उनके कठिन सफर की अभी तो शुरुआत ही हुई है।
23 वर्षीय चैंपियन को ONE: FIRE AND FURY में एलेक्स “लिटल रॉक” सिल्वा के खिलाफ अपना टाइटल डिफेंड करना है। उन्होंने आराम को दूर रखते हुए कड़ी मेहनत से टॉप पर बने रहने का दृढ़ निश्चय किया है जिससे वो एक रोल मॉडल बन सकें।
इसके साथ ही उनका मानना है कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए हमेशा अपने प्रतिद्वंदी से एक कदम आगे रहना होगा और शुक्रवार, 31 जनवरी को मनीला में भी वो इसी रणनीति के साथ उतरने वाले हैं।
उन्होंने कहा, “मैंने अपना टाइटल डिफेंड किया है और असल मायनों में मैं अब चैंपियन हूँ लेकिन वो सभी चीजें यहाँ काम नहीं आने वाली।”
अभी भी कई टॉप लेवल के चैलेंजर बचे हुए हैं और हर मैच के साथ एथलीट की स्किल्स का स्तर भी बढ़ता है। इसलिए मेरा मानना है कि मुझे भी खुद को आगे पुश करते रहना होगा और चैंपियन बने रहने के लिए अपने गेम में लगातार सुधार करते रहना होगा।
“यहाँ चीजों का अंत नहीं हुआ है। जितने समय तक हो सकता है मैं टाइटल को डिफेंड करते रहना चाहता हूँ और हर मैच में लोगों को एक अलग जोशुआ पैचीओ देखने को मिलेगा।”
पैचीओ की ऐसी मानसिकता का सबसे बड़ा कारण ये है कि वो युवा एथलीट्स को प्रेरित करते रहना चाहते हैं, जो उन्हीं की तरह मार्शल आर्ट्स में संघर्ष करते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं।
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उन्होंने आगे कहा, “मेरे लिए चैंपियन बनने का मतलब जैसे अगली पीढ़ी को प्रेरणा देना है क्योंकि इसके साथ ही हजारों-लाखों लोग आपसे उम्मीद लगाए बैठे होते हैं।”
“काफी संख्या में लोग आपको देख रहे होते हैं इसलिए मैं उनके लिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहता हूँ। साथ ही कड़ी मेहनत करना चाहता हूँ क्योंकि यहाँ से मैं नहीं चाहता कि मेरे कदम डगमगाएं। 23 साल की उम्र में मैं चैंपियन हूँ लेकिन यहाँ तक पहुंचने के लिए 10-12 साल लगे हैं।
“वो लगातार कहते रहते हैं कि अभी आप बहुत युवा हैं और इतनी छोटी सी उम्र में चैंपियन बने। लेकिन वो इसके लिए की गई कड़ी मेहनत को नहीं देखते। किसी भी एथलीट को चैंपियन बनने के लिए सालों तक ट्रेनिंग करनी होती है।
“जब आप चैंपियन बनते हैं तो ये सफर का अंत नहीं है। इसके बाद आपको चैंपियन बने रहने के लिए दोगुनी मेहनत करनी होती है।”
ये सब कहना आसान है लेकिन करना मुश्किल, खासतौर पर स्ट्रॉवेट डिविजन में प्रतिद्वंदिता का स्तर अच्छा होने के कारण लगातार 3 साल तक कोई वर्ल्ड टाइटल डिफेंस नहीं देखा गया था।
हालांकि, पैचीओ ने जो कहा उसका उन्होंने अभ्यास भी किया और रेने “द चैलेंजर” कैटलन को दूसरे राउंड में सबमिशन से हराते हुए टाइटल को डिफेंड किया और अपने डिविजन के सबसे बेहतरीन वर्ल्ड चैंपियनशिप मैचों की लिस्ट में जगह बनाई।
वो इस नए कीर्तिमान से बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे थे, “द पैशन” मानते हैं कि उन्हें मिली सफलता के पीछे केवल लगातार प्रयास करते रहना नहीं है। वो Team Lakay में अपने कोच और ट्रेनिंग पार्टनर्स की मदद के बिना वो शायद इतने बड़े स्टार ना बने होते और पैचीओ भी इस बात को मानते हैं।
उन्होंने बताया, “व्यक्तिगत तौर पर हम सभी चैंपियंस हैं, ये बेल्ट हमारे लिए ही है। यदि उन्होंने मेरा साथ ना दिया होता तो शायद मैं चैंपियन ना होता।”
“आपने देखा, उन्होंने ही मुझे ट्रेनिंग में मदद की है। वो सभी मुझसे मेहनत करवाते हैं जिससे मैं चैंपियन बना रह सकूं। हाँ, ये हमारी बेल्ट है।”
सिल्वा के साथ मुकाबले से पहले पैचीओ ने कहा कि उन्होंने अपने पार्टनर्स के साथ तीन गुना ज्यादा समय बिताना शुरू कर दिया है जिससे वो अपनी स्किल्स में सुधार कर सकें और फैंस की उम्मीदों पर खरे उतर सकें।
इसके कारण उन्होंने कहा कि ONE: FIRE AND FURY के मेन इवेंट का हिस्सा होने और अपने घरेलू फैंस के सामने मैच के बाद भी वो ज्यादा दबाव महसूस नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने जीत दर्ज करने के लिए कड़ी मेहनत की है।
पैचीओ ने कहा, “जहाँ तक मेरा, मेरी टीम का सवाल है, जब तक मुझे लगेगा कि मैं हर फाइट में उम्मीदों पर खरा उतर रहा हूँ, मुझे लगता है कि ये सब एक जगह पर आकर समाप्त हो जाएगा।”
“यदि मैं अपनी ट्रेनिंग के स्तर को बढ़ाता हूँ तो हर मैच में मुझे लगता है कि मैं टाइटल डिफेंड कर चैंपियन बना रह सकता हूँ।”
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मनीला | 31 जनवरी | ONE: FIRE & FURY | टिकेट्स: यहां क्लिक करें
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