माइकी मुसुमेची ने जिउ-जित्सु को एक ‘वैश्विक भाषा’ की संज्ञा देकर लोगों से जुड़ने का जरिया बनाया
मौजूदा ONE फ्लाइवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड चैंपियन माइकी “डार्थ रिगाटोनी” मुसुमेची ब्राजीलियन जिउ-जित्सु (BJJ) को बढ़ावा देने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
उन्हें जल्द ही अपनी शानदार स्किल्स से सबको प्रभावित करने का दोबारा मौका मिलेगा, जहां वो 7 अक्टूबर को ओपनवेट सबमिशन ग्रैपलिंग मैच में पूर्व लाइटवेट MMA किंग शिन्या “टोबीकन जुडन” एओकी का सामना करेंगे।
ONE Fight Night 15: Tawanchai vs. Superbon में अपने अगले मैच से पूर्व मुसुमेची ने onefc.com को दिए इंटरव्यू में बताया कि कैसे जिउ-जित्सु के कारण वो कई अन्य लोगों की मदद कर पाए हैं।
5 बार के IBJJF ब्लैक बेल्ट वर्ल्ड चैंपियन ने अपने जीवन में दुनिया भर का सफर करते हुए कई जगहों पर ट्रेनिंग की और वहां काफी समय तक निवास भी किया है। जिनमें से एक जगह का नाम सिंगापुर भी है, जहां वो फिलहाल रह रहे हैं।
इस लंबे सफर के दौरान 27 वर्षीय स्टार ने BJJ की मदद से हर तरह के लोगों के साथ जुड़ने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा:
“जिउ-जित्सु एक वैश्विक भाषा की तरह है। मेरे अनुसार इस खेल की सबसे खास बात ये है कि मैंने मिडल ईस्ट, एशिया, दक्षिण अमेरिका, अमेरिका समेत पूरी दुनिया का भ्रमण किया है। वहां लोग अलग-अलग भाषाएं बोल सकते हैं, अलग संस्कृति, अलग धर्म से संबंध रख सकते हैं, लेकिन जिउ-जित्सु में आते ही सब एक ही तरीके से ट्रेनिंग करते हैं। इसलिए जिउ-जित्सु एथलीट्स के साथ संपर्क साधना बहुत आसान हो जाता है।”
मुसुमेची हमेशा से शर्मीले व्यक्तित्व के इंसान रहे हैं, जिन्हें कई बार बाहरी होने का अहसास होता है। लेकिन जिउ-जित्सु ने उन्हें बच्चों के साथ अच्छा तालमेल बैठाने में मदद की है।
उन्होंने कहा:
“मैं बचपन में काफी सफर किया करता था, जिसने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया है। मैं नई जगहों, नए राज्य में जाता था और वहां के लोग मेरे लिए पूरी तरह अंजान होते थे। मगर उनके साथ ट्रेनिंग करने से मुझे घर जैसा आभास होता था। जिउ-जित्सु के कारण अच्छा तालमेल बन पाया।”
“डार्थ रिगाटोनी” जिउ-जित्सु को एक सेल्फ-डिफेंस तकनीक या वर्कआउट के एक तरीके से कहीं ज्यादा मानते हैं।
उनके अनुसार जिउ-जित्सु, सबमिशन ग्रैपलिंग समेत अन्य सभी मार्शल आर्ट्स एथलीट्स एक-दूसरे से अच्छा तालमेल बैठा सकते हैं:
“मुझे लगता है कि दुनिया में जिउ-जित्सु को बढ़ावा मिलने से सबको फायदा होगा। ये खेल जितना ज्यादा लोकप्रिय होगा, उतना ही सबके लिए फायदेमंद होगा क्योंकि लोग एक जैसा महसूस करने लगेंगे।”
नई और कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे युवाओं के लिए मुसुमेची की सलाह
हम चाहे स्कूल की बात करें या जिउ-जित्सु अकादमी की, माइकी मुसुमेची बचपन के कठिन अनुभव के कारण जानते हैं कि सबसे अलग होने पर कैसा महसूस होता है।
अब कई सालों का अनुभव प्राप्त कर चुके मुसुमेची ने उन कठिन परिस्थितियों को याद कर बताया कि कैसे वो एक सफल एथलीट और खुश इंसान बन पाए हैं:
“मैं जटिल परिस्थितियों में घबराने लगता था और डर महसूस होने लगता था। मगर समय के साथ मुझे पता चला कि जब आप घबराहट को खुद से दूर कर देंगे तो आपके जीवन का महत्व भी कम हो जाएगा। इसलिए मैं अब कठिन परिस्थितियों से भागता नहीं हूं।”
इन दिनों BJJ स्टार उन लोगों की मदद करने से खुश हैं जो नई परिस्थितियों में दोस्त बना पाने को लेकर असहज महसूस कर रहे हैं।
उनके अनुसार आपके अंदर जुनून तब पैदा होता है जब आपके अंदर असहज होने की भावना आए। जटिल परिस्थितियों से भागने के बजाय लोगों को खुद को पहचानते हुए उस कठिन समय का सामना करना चाहिए। कुछ समय बाद यही कठिन परिस्थितियां उन्हें आसान लगने लगेंगी।
उन्होंने कहा:
“बदलाव हमेशा नई चीज़ें साथ लेकर आता है, जिससे आपका असहज होना सामान्य बात है। मगर असहजता हमें खुद में सुधार करने में मदद करती है। इसलिए मैं यही कहूंगा कि असहजता को अपनी ताकत बनाइए।
“जब आप असहज या घबराए हुए महसूस कर रहे हों, तब परिस्थिति से डरिए मत बल्कि उससे प्रोत्साहन लेते हुए खुद में सुधार करिए। इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
“आप कुछ समय तक असहज महसूस करेंगे, लेकिन ये आपके लिए अच्छा है। हमेशा नए अनुभव हासिल करते रहिए, स्थिति के साथ खुद को ढालिए। समय के साथ खुद को ढालना जानिए।”