रेसलिंग से MMA में आने वाले ईरानी सुपरस्टार अमीर अलीअकबरी का ग्लोबल स्टेज पर पहुंचने तक का सफर
लाखों सोशल मीडिया फॉलोअर्स और गजब के फैन बेस की वजह से अमीर अलीअकबरी अपने देश ईरान में पहले से ही एक आइकॉन बन चुके हैं।
अब ONE Championship में वो इंटरनेशनल स्टारडम हासिल करने का लक्ष्य बना रहे हैं।
अलीअकबरी का अगला कदम तब आएगा, जब वो अमेरिकी प्राइमटाइम पर शुक्रवार, 26 अगस्त (भारत में शनिवार, 27 अगस्त) को होने वाले ONE Fight Night 1: Moraes vs. Johnson II में पूर्व वर्ल्ड टाइटल चैलेंजर मॉरो सेरिली के खिलाफ हेवीवेट MMA मुकाबले मे वापसी करेंगे।
उनको पता है कि अपने प्रोफेशनल करियर में हार के बाद एक जीत जरूरी है, लेकिन वो 26 अगस्त को उत्तरी अमेरिकी प्राइमटाइम में अपनी पहली मौजूदगी को लेकर भी उत्साहित हैं।
इससे पहले कि 34 साल के एथलीट सिंगापुर इंडोर स्टेडियम में सेरिली के खिलाफ मुकाबले में उतरें, आइए जानते हैं कि उन्होंने ईरान के ग्रामीण इलाके से दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में चोटी के हेवीवेट एथलीट्स के साथ मुकाबला करने का सफर कैसे तय किया।
ग्रामीण इलाके में बीता शुरुआती जीवन
भले ही अब अलीअकबरी अपने देश की राजधानी में 90 लाख लोगों के साथ रहते हों, लेकिन उनके जीवन के शुरुआती दिन देश के एक छोटे हिस्से में गुजरे हैं।
उन्होंने बताया, “मेरा जन्म पूर्वी अजरबैजान राज्य में हुआ था, लेकिन आज मैं तेहरान में रहता हूं।”
हेवीवेट एथलीट की कुछ परवरिश उस क्षेत्र में हुई, जो अजरबैजान और अर्मेनिया की सीमाओं से लगा है, वहां उनका पालन-पोषण उनके माता-पिता ने 5 भाई-बहनों के साथ किया था।
उन्होंने कहा, “मेरा एक भाई और चार बहने हैं। मेरे माता-पिता खेत में काम किया करते थे, लेकिन काफी समय पहले उन्होंने ये काम छोड़ दिया था और वो भी तेहरान में रहते हैं।”
राष्ट्रीय खेल में हुए शामिल
युवा ईरानी लोगों के लिए एथलेटिक्स में शामिल होना हमेशा से ही जीवन का एक बड़ा हिस्सा माना जाता है। खासकर, देश के राष्ट्रीय खेल रेसलिंग में।
इससे काफी प्रतिष्ठा जुड़ी होने के चलते काफी संख्या में युवा इस खेल में शामिल होते हैं। ऐसे में अलीअकबरी ने भी मैट पर अपने भाई के नक्शेकदम पर चलना ही चुना।
AAA Team के प्रतिनिधि ने कहा, “जब मैं 10 साल का था, तभी से मैंने रेसलिंग की प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी थी। मेरे बड़े भाई रेसलर थे। उन्होंने ही मुझे प्रोत्साहन दिया था और इसकी दुनिया में लाए थे।”
“मेरे परिवार में केवल मेरा भाई ही अकेला व्यक्ति था, जो इस खेल की प्रैक्टिस करता था, लेकिन रेसलिंग ईरान का सबसे प्रमुख खेल है। ऐसे में हर परिवार में दो से तीन रेसलर्स का होना सामान्य सी बात है।”
उदाहरण स्थापित करने के साथ अलीअकबरी के बड़े भाई उनके प्रेरणास्रोत भी थे, जो उन्हें अपने नए प्रयास में आगे बढ़ाने में मदद भी कर रहे थे।
उन्होंने आगे बताया:
“क्योंकि मुझे ये खेल पसंद था इसलिए मेरे भाई मुझे हमेशा ट्रेनिंग और स्किल सुधारने के लिए प्रोत्साहित करते थे।”
वर्ल्ड चैंपियन बने
ईरान में रेसलिंग की गजब लोकप्रियता के चलते प्रतिस्पर्धा का स्तर काफी ज्यादा है। ऐसे में काफी कम एथलीट शिखर तक पहुंच पाते हैं। इसके बावजूद अलीअकबरी की दुर्लभ प्रतिभा ने चीजों को जल्दी ही स्पष्ट कर दिया।
इन चीजों को समझते हुए ट्रेनिंग और मैट पर अपना करियर सेट करने के लिए उन्होंने खुद को समर्पित कर दिया।
उन्होंने याद करते हुए बताया, “कुछ समय तक ट्रेनिंग करने के बाद मुझे महसूस हुआ कि मुझमें सफल बनने के गुण मौजूद हैं इसलिए मैंने इसे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया।”
वहां से अलीअकबरी ने नेशनल सर्किट पर सफलता हासिल करनी शुरू की। उन्होंने ईरानी प्रीमियर रेसलिंग लीग 2007-08 में मुकाबला किया।
इसके बाद 2009 में उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में ग्रीको-रोमन रेसलिंग में गोल्ड मेडल जीता।
और 2010 में उन्होंने रूस में वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान गोल्ड पर कब्जा जमाकर खुद को इस खेल के सबसे अच्छे एथलीट के तौर पर स्थापित किया।
MMA की ओर किया रुख
ढेर सारी वाहवाही बटोरने के बाद अलीकबारी ने 2014 में रेसलिंग छोड़ दी और एक प्रोफेशनल एथलीट के रूप में शुरुआत में खेल से संन्यास लेने पर विचार किया।
हालांकि, इस दौरान उनकी किसी और चीज में रुचि बढ़ गई थी।
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में रेसलिंग बैकग्रांउड से कई सफल चैंपियंस को बनता हुआ देखने के बाद ईरानी एथलीट ने इस सभी तरह के स्पोर्ट में हाथ आजमाने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, “मुझे रेसलिंग में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा था इसलिए मैंने प्रैक्टिस करनी बंद कर दी थी। चूंकि, मुझे MMA पसंद आता था इसलिए मैंने खुद को इस ओर आगे बढ़ाया।”
अपने इस नए उद्देश्य के साथ अलीअकबरी थाईलैंड चले आए और इस कॉम्बैट के सभी पक्षों में ट्रेनिंग शुरू कर दी। केवल एक ही साल के बाद वो प्रोफेशनल मुकाबला करने के लिए तैयार हो गए।
ईरान के सबसे बड़े रेसलिंग स्टार में आए बदलाव के चलते उनके हेवीवेट MMA डेब्यू के आसपास काफी लोगों की दिलचस्पी इसमें बढ़ चुकी थी। ऐसे में वो अपनी ख्याति पर खरे उतरे और 17 सेकंड में तकनीकी नॉकआउट से उन्होंने जीत हासिल कर ली।
इसके बाद 34 साल के एथलीट ने दुनिया भर के देशों में बड़े कार्ड्स पर मुकाबला किया, जिसमें जापान और रूस भी शामिल रहे। इस दौरान अपने से अनुभवी विरोधियों के बावजूद उन्होंने 10-1 का रिकॉर्ड बनाया।
इसके चलते उन्हें ONE का कॉन्ट्रैक्ट हासिल हुआ। हालांकि, अलीअकबरी को दो हार का सामना जरूर करना पड़ा, लेकिन वो संगठन में अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए सेरिली के खिलाफ चीजों को बदलने की उम्मीद रखते हैं।
उन्होंने आगे बताया:
“हाल ही में मैंने जिन समस्याओं का सामना किया, उन्हें हल करने का तरीका तलाशा है। मैं काफी बेहतर स्थिति में हूं और वापसी के लिए तैयार हूं।
“मुझे लगता है कि मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है। मेरे प्रतिद्वंदी काफी तगड़े फाइटर हैं। ऐसे में मैं अपना पूरा जोर लगा देने वाला हूं। मैं सभी को जोश से भरा मुकाबला देने का वादा करता हूं।”