अपने हौसले के दम पर गुरदर्शन मंगत ने हेल्थ समस्याओं से छुटाकारा पाया
गुरदर्शन मंगत “सेंट लायन” ने भारतीय मिक्स्ड मार्शल कलाकार के रूप में अपना बड़ा नाम बनाने के लिए भारी बाधाओं को पार किया है।
फ्लाइवेट के दावेदार शुक्रवार, 6 दिसंबर को ONE: MARK OF GREATNESS में रीस मैकलेरन “लाइटनिंग” के खिलाफ अपनी वापसी करेंगे। 22 साल की उम्र में अपना करियर शुरू करने वाला यह योद्धा इससे पहले एक पेशेवर एथलीट के रूप में नहीं था।
हालाँकि, 32 वर्षीय योद्धा ने हर प्रतिद्वंद्वी को हराने के लिए अपनी शारीरिक सीमाओं की जटिलता को पार करने का एक तरीका ढूंढ लिया। इस तरह वह अपने देश के लिए वैश्विक मंच पर विश्व चैंपियन बनने की सबसे अच्छी उम्मीद बन गए।
मंगत कहते हैं कि वह अपनी युवावस्था में बहुत अस्वस्थ थे। उनका पालन-पोषण ऐसे घर में हुआ था, जहां उनके परिवार को पोषण के बारे में ज्यादा समझ नहीं थी। फास्ट-फूड रेस्त्रां में नौकरी करने के बाद उनका वजन असमय बढ़ गया था। एक समय में उनका वजन 175 पाउंड यानी करीब 79.5 किग्रा पहुंच गया था।
गुरदर्शन बताते हैं कि मैं मैकडॉनल्ड्स में काम करता था और मुझे नहीं पता था कि न्यूट्रिशंस क्या होते थे।
मैं मैकडॉनल्ड्स में सप्ताह में 5 बार खाता था और दिन में तीन बार वहां खाता था। मैंने वहां काम किया इसलिए मुझे 50 प्रतिशत भोजन मिला। 15 या 16 साल की उम्र तक मेरे शरीर का विकास शुरू हो गया। आप जब इस तरह का खाना खा रहे होते हैं तो वो दिखना शुरू हो जाता है।
मेरे लगातार सीने में दर्द हो रहा था क्योंकि मैं सचमुच कुछ सालों से मैकडॉनल्ड्स से दूर रह रहा था।”
- गुरदर्शन मंगत ने बताया, रीस मैकलेरन को हराने की क्या है उनकी रणनीति
- अगिलान थानी मलेशियन फैंस को देना चाहते हैं एक बेहतरीन मुकाबला
वह अंत में कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया के वैंकूवर चले गए। उसके बाद मंगत ने तय किया कि अगर वह एक पूर्ण, खुशहाल जीवन जीना चा रहे हैं तो उन्हें खुद का बेहतर खयाल रखना होगा।
अपने अतिरिक्त वजन को कम करने के लिए कदम उठाने के तुरंत बाद उन्होंने उस खेल की खोज की, जिसने सब कुछ बदल दिया।
मंगत कहते हैं कि मैं चाहता था कि जो हूं, उसे पूरी तरह बदल दूं। मैंने हमेशा सुना है कि बड़े शहर में बड़े होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। मैं उन संभावनाओं को तलाशना चाहता था इसलिए मुझे खुद को बदलना पड़ा।
मैंने काम करना शुरू किया और अपने वजन को कम कर लिया। फिर मिस्क्ड मार्शल आर्ट्स के करीब पहुंच गया, जहां से मेरी शुरुआत हुई।
इसके बावजूद उनके पास जल्द ही एक प्रतियोगी का शरीर था। फिर भी उनके पास कई अन्य भौतिक मुद्दे थे, जो उन्हें अपना सपना पूरा करने से रोक सकते थे।
वह जब छोटे थे, तब उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई थी। उस दौरान पता चला कि उन्हें अस्थमा है। इस वजह से उन्हें 15 से 20 मिनट तक कठिन मुकाबला करने में मुश्किल हो जाती थी।
सेंट लायन ने पाया कि जब उन्होंने पहली बार प्रतिस्पर्धा करने के लिए दस्ताने पहने तो वह बहुत मुश्किल में थे लेकिन प्रशिक्षकों ने उन्हें आगे बढ़ने में बहुत मदद की।
गुरदर्शन ने खुलासा किया कि उन्हें अपनी पहली शौकिया लड़ाई में अस्थमा का दौरा पड़ा था।
राउंड्स के बीच में कोच ने मुझे नीचे बैठाया और कहा कि आपकी तकनीक बेकार है लेकिन आपका दिल बहुत मजबूत है। हमने कभी किसी को इतनी मेहनत करते नहीं देखा, जितनी आप करते हो।
आश्चर्यजनक रूप से अविश्वसनीय योद्धा भावना ने उनको कड़ा मुकाबला जारी रखने और स्टारडम की तरफ अपने रास्ते को चुनने में मदद की।
अस्थमा का कोई इलाज नहीं है। मंगत अब भी समय-समय पर इसके लक्षणों से ग्रस्त हैं। उन्होंने स्मार्ट ट्रेनिंग और मजबूत इच्छाशक्ति के माध्यम से बीमारी को अपने करियर पर हावी नहीं होने दिया।
उन्होंने मुश्किलों के बावजूद पीछे हटने का फैसला नहीं किया और सामान्य लोगों की श्रेणी से आगे जाने के लिए खुद को प्रोत्साहित किया। अब उन्हें सांस लेने में कोई बाधा नहीं है। वह धीरज को अपने सबसे बड़े हथियारों में से एक बनाते हैं।
वह पूरी फॉर्म में थे, जब उन्होंने अपने दोनों विरोधियों को द होम ऑफ मार्शल आर्ट्स के पहले दो मैच जीतकर बाहर कर दिया था। उन्होंने पहले टोनी टोरु “डायनामाइट” को टोटल नॉक आउट और फिर एब्रो फर्नांडीस “द ब्लैक कोमोडो” को निर्णय के साथ पराजित किया।
मंगत कहते हैं, “जब लगता है कि मुझे जलन हो रही है या मेरा दम घुट रहा है तो मैं अपनी सांस रोककर पानी के भीतर ही लेटकर उससे लड़ने की कोशिश करता हूं।
ये सब कठिन था। मेरा दिमाग मुझे ऐसा प्रतीत कराता था कि जैसे मैं डूब रहा हूं लेकिन मैं हमेशा लड़ता रहता हूं। मैं हमेशा यही काम करता हूं और यह आसान नहीं।
मुझे इसका सामना करना सीखना था। मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स सबसे धीरज-आधारित खेलों में से एक है।
मैंने अपनी कमजोरियों को ताकत में बदलना सीख लिया है। मेरा धीरज उन चीजों में से एक है, जिनके बारे में लोग हमेशा सबसे ज्यादा बात करते हैं। एक दमा का बच्चा होने के नाते, वह आखिरी चीज है, जब लोग आपकी तारीफ करेंगे।
और पढ़ें: जानें कैसे सोवनाह्री एम को मार्शल आर्ट्स ने उनकी जड़ों तक पहुंचाने में मदद की