‘सिटी ऑफ चैंपियंस’ के दिमित्री मेन्शिकोव का लक्ष्य ONE Fight Night 11 में खिताब जीतना है
रूस के एक दूरदराज के क्षेत्र में पले-बढ़े दिमित्री मेन्शिकोव के पास अपने भविष्य को संवारने की बहुत अधिक संभावनाएं नहीं थीं।
25 साल के एथलीट के पास विकल्प के तौर पर खनन का काम था या फिर स्पोर्ट्स, लेकिन एक सही फैसले ने उन्हें इस शनिवार, 10 जून को ONE Fight Night 11 के मेन इवेंट में रेगिअन इरसल की ONE लाइटवेट मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल चुनौती के करीब पहुंचा दिया।
हालांकि, मेन्शिकोव के लिए यहां तक का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था, लेकिन बड़े होने के दौरान जटिल परिस्थितियां होने के बावजूद उन्होंने कभी खुद को सीमित महसूस नहीं किया। इसकी बजाय उनका मानना है कि करियर के अन्य रास्तों की कमी की वजह से ही वो कॉम्बैट स्पोर्ट्स में इतना आगे बढ़ पाए।
उनके शहर ने पहले ही कुछ दिग्गज मार्शल आर्ट्स के फाइटर्स को जन्म दिया है। इसका पूरा श्रेय वो इस क्षेत्र के एथलीट्स की एकनिष्ठता और दृढ़ संकल्प को देते हैं।
मेन्शिकोव ने बतायाः
“मैं प्रोकोपयेवस्क शहर में पैदा हुआ और मुझे इस पर गर्व है। ये एक छोटा प्रांतीय शहर है, जहां पहले भारी मात्रा में कोयले का खनन होता था। फिर भी हम इसे फाइटर्स का शहर कहते हैं। यहां के लोग मुख्य रूप से इसी खेल को आज़माते हैं और बहुत से फाइटर्स ने इसी से शुरुआत भी की थी।
“यहां करने के लिए खेल के अलावा कुछ नहीं। हम यहां हमेशा नियम और संयम से रहते हैं। सुबह ट्रेनिंग, दिन में नींद और फिर दोपहर में ट्रेनिंग।
“हम कहीं भी बाहर नहीं जाते। ज़रा सा भी आराम नहीं करते। बस हमेशा ट्रेनिंग और कड़ी मेहनत के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं।”
सादा जीवन जीने और खुद को कला के प्रति समर्पित करने के कारण ही प्रोकोपयेवस्क के मॉय थाई और किकबॉक्सिंग एथलीट्स ने लगातार अपनी अलग पहचान बनाई है।
ऐसे में अपने बारे में मेन्शिकोव का मानना है कि वो लोग बस अलग तरह की मिट्टी के बने हैं। यही कारण है कि 2 लाख से कम आबादी होने के बावजूद जब मुकाबले की बात आती है तो शहर के एथलीट्स अपने वजन से ज्यादा के फाइटर्स से फाइट करने में सक्षम होते हैं।
रूसी एथलीट ने कहाः
“यहां के फाइटर्स अपनी विशेषताओं के साथ बेहद मजबूत हैं। उन्होंने बहुत कुछ देखा है और इसलिए वे शानदार तरीके से फाइट करते हैं।
“हमारे यहां बहुत तेज़ ठंड पड़ती है। तापमान -40 डिग्री तक गिर जाता है, लेकिन हमें सर्दी नहीं लगती क्योंकि हम जिम में वॉर्मअप करते हैं। हम कड़ी मेहनत करने और कोच की डांट की वजह से गर्म रहते हैं।”
अपने शहर का नाम रोशन करना चाहते हैं मेन्शिकोव
दिमित्री मेन्शिकोव को भरोसा है कि प्रोकोपयेवस्क के आर्टेम लेविन, आर्टेम वाखितोव और ग्रिगरी ड्रोड जैसे दिग्गज फाइटर्स की तरह वो भी इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज करेंगे, लेकिन हमेशा से उनकी सोच ऐसी नहीं थी।
एक युवा के रूप में उन्हें पहले फुटबॉल खेलना पसंद था। अपने शहर के स्थानीय कॉम्बैट स्पोर्ट्स दिग्गजों के बारे में सुनने के बावजूद वो इसमें जाने से हिचकिचा रहे थे।
हालांकि, एक बार जब दिमित्री ने Empire Club जिम के दरवाज़े पर कदम रखा तो पता चल गया था कि उन्हें उनकी मंजिल मिल गई हैः
“मैं बचपन में हमेशा मॉय थाई, किकबॉक्सिंग और अपने शहर के जाने-माने फाइटर्स के बारे में बातें सुना करता था। वो हर किसी की बातचीत में शामिल थे। मुझे लगता है कि यही वजह रही कि मैं बाद में इस खेल में शामिल हुआ।
“शुरू में मैं फुटबॉल खेलता था, लेकिन मेरे पिता चाहते थे कि मार्शल आर्ट्स में अपना करियर बनाऊं। हमारी बात हुई और तय हुआ कि मैं इसी रास्ते पर आगे जाऊंगा।
“मुझे अच्छी तरह से याद है कि मैं इसमें नहीं जाना चाहता था। मैं फुटबॉल खेलना जारी रखना चाहता था, लेकिन जैसे ही मैंने जिम में एंट्री की मुझे समझ आ गया कि मैं वहीं के लिए बना हूं। मैंने तुरंत फुटबॉल छोड़ दिया और इसमें शामिल हो गया।”
मेन्शिकोव खुशनसीब थे कि उन्हें दिग्गज कोच विटाली विक्टोरोविच मिलर के मार्गदर्शन में अपनी यात्रा शुरू करने का मौका मिला। वहां से उनके पास महान बनने का सफर शुरू करने के लिए हर ज़रूरी चीज़ उपलब्ध थी।
रूसी फाइटर अब लगातार 11 फाइट जीतने के अपने विजय रथ को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित हैं। फिर भी ONE लाइटवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने के लिए रेगिअन इरसल को पराजित करना उनके करियर की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि में से एक होगी। वो जानते हैं कि उनकी ये जीत प्रोकोपयेवस्क वासियों को गर्व से भर देगी।
वर्ल्ड टाइटल चैलेंजर ने कहाः
“मैंने जब अपने कोच विटाली विक्टोरोविच मिलर के साथ जिम में एंट्री ली तो मेरे पास एक नियम पर चलने और बेहतर ट्रेनिंग करने के सारे अच्छे मौके थे और किसी तरह की कोई समस्या नहीं थी।
“प्रोकोपयेवस्क चैंपियंस का शहर है और दुनिया को दिखाना चाहता हूं कि मैं बेस्ट हूं। ये मेरे, परिवार और मेरे शहर के लिए बहुत बड़ी जीत होगी।”