लियाम हैरिसन ने थाईलैंड में ट्रेनिंग के पहले अनुभव को साझा किया
पिछले 2 दशकों से ONE Super Series बेंटमवेट सुपरस्टार लियाम “हिटमैन” हैरिसन मॉय थाई की दुनिया में सफलता प्राप्त करते आ रहे हैं।
आज वो अपने खतरनाक हुक्स से फैंस का मनोरंजन करने में कोई कसर नहीं छोड़ते लेकिन करियर के शुरुआती दिनों में Bad Company के प्रतिनिधि अपने निवास स्थान इंग्लैंड में मौकों की तलाश में इधर से उधर घूमते रहते थे। साथ ही ये भी सोचते थे कि उन्हें एक ना एक दिन थाईलैंड जाने का अवसर मिलेगा जिससे उन्हें बड़ा स्टार बनने में मदद मिल सके।
8 बार के मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन ने कहा, “मेरी उम्र उस समय 16 या 17 रही होगी।”
“उस समय मुझे इंग्लैंड में ही मौके मिल पा रहे थे, हमारे एक थाई ट्रेनर हुआ करते थे जिनका नाम जिटी था। उन्होंने कहा, ‘तुम्हें जरूर थाईलैंड आना चाहिए और एक बार मेरे जिम में ट्रेनिंग करनी चाहिए।’
“हम पहले भी कई फाइटर्स को ऐसा करते देखते आए थे और बात करते थे कि उन्हें वहां कैसे मैच मिल रहे होंगे और कैसा अनुभव प्राप्त हो रहा होगा। इसलिए मैंने जिम में अपने एक साथी से कहा, ‘तो चलिए। कोशिश करने में क्या जाता है और देखते हैं हमारा करियर कहां पहुंच पाता है।'”
ये तब की बात है जब थाईलैंड में ट्रेनिंग के बारे में जानकारी मिलना बहुत मुश्किल होता था। इसलिए हैरिसन को कोई आइडिया नहीं था कि वो अपने करियर के साथ क्या कर रहे हैं। लेकिन एक दिन में 2 ट्रेनिंग सेशंस, जिनमें से प्रत्येक 3 घंटे तक चलता था, इस तरह की ट्रेनिंग से उन्हें मॉय थाई के बारे में बहुत कुछ नया जानने को मिला और यहां का अनुभव इंग्लैंड से पूर्णतः अलग था।
34 वर्षीय स्टार ने कहा, “मैं वहां पहुंचा और देखकर हैरान रह गया। उनके अनुशासन, वो किस तरह से कड़ी मेहनत कर रहे थे और मैं ये देख भी चौंक उठा था कि वहां लगभग हर थाई स्टार का साइज़ मेरे साइज़ से अलग था।”
“मैं वहां 3 हफ्तों तक रहा। मैं फाइट करना चाहता था लेकिन वहां रहते हुए मुझे एक भी मैच नहीं मिला।”
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हालांकि “हिटमैन” को शुरुआत में थाईलैंड के ऐतिहासिक स्टेडियम में मैच नहीं मिल पाया था, उस अनुभव ने उन्हें अहसास कराया कि सफलता हासिल करना इतना आसान नहीं है।
उन्होंने बताया, “जैसे ही आप प्लेन से उतरते हैं तो उमस और गर्मी के एक अलग ही लेवल से आपका सामना होता है। यहां चीजें काफी अलग थीं।”
“आप इन चीजों के लिए खुद को तैयार नहीं कर सकते। ये मायने नहीं रखता कि लोग आपसे क्या कह रहे हैं लेकिन इतनी गर्मी में 3 घंटे के ट्रेनिंग सेशंस और फिर कई किलोमीटर की दौड़ लगाना आपके दिमाग में घर कर जाती है। लेकिन सेशन के शुरू होने के 10 मिनट बाद आपको इसका अहसास होना बंद हो जाता है।”
सफर की ऐसी शुरुआत के बाद हैरिसन को धीरे-धीरे वहां के तापमान और ट्रेनिंग सेशंस के साथ तालमेल बैठाने का अनुभव हो चुका था। उन्हें अहसास होने लगा था कि वो यहां किस मकसद से आए हैं।
उन्होंने कहा, “वहां मेरे आसपास टॉप लेवल के स्टेडियम चैंपियंस थे जो जिम में ट्रेनिंग भी देते थे और मैं उनमें से हर किसी से थोड़ा-थोड़ा सीख रहा था।”
“जितना सब कुछ मैंने वहां केवल 3 हफ्तों के अंदर सीख लिया था, घर पर रहकर कई महीनों की ट्रेनिंग के बाद भी उतना सब मैं नहीं सीख सकता था। मुझे अहसास होने लगा था कि मुझे अब क्या करना है।”
एक तरफ Bad Company के स्टार थाईलैंड में ट्रेनिंग कर रहे थे लेकिन वो साथ ही वहां की संस्कृति के बारे में भी जानना चाहते थे।
हैरिसन ने कहा, “मैं बाहर घूमने भी जा रहा था और सभी चीजों को एक साथ करने की कोशिश कर रहा था। कभी-कभी रात को मैं बाहर जाकर ड्रिंक भी करता था। मैं वहां पहले कभी नहीं गया था इसलिए ऐसे अद्भुत देश में रहकर मैं केवल जिम में ही फंसकर नहीं रहना चाहता था।”
हैरिसन जल्द ही यूनाइटेड किंगडम वापस लौट आए। हालांकि, घर पर रहकर वो थाईलैंड में ली गई ट्रेनिंग को बार-बार दोहराने में सक्षम थे लेकिन साथ ही उन्हें थाईलैंड के कड़े ट्रेनिंग सेशंस की याद भी आ रही थी।
उन्होंने बताया, “वहां मैंने बहुत छोटी-छोटी चीजें सीखीं जिनका प्रयोग मैं स्पारिंग सेशंस के दौरान कर रहा था, जैसे स्वीप और क्लिंचिंग गेम में रहते हुए अटैक करना। लेकिन जब आप वापस घर आ जाते हैं तो ट्रेनिंग पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। यहां 7 फुल-टाइम ट्रेनर्स मेरे आसपास मौजूद नहीं थे जो मुझे अपनी गलतियों को सुधारने में मदद कर सकते थे।”
“थाईलैंड में मुझे किसी दूसरी बात की चिंता नहीं थी, केवल ट्रेनिंग पर ही ध्यान लगाना था और ऐसा करने में मुझे मजा भी आ रहा था। यहां मुझे पैड वर्कआउट करने के बाद अपने साथियों के लिए पैड्स को पकड़ना पड़ता था। दूसरी ओर थाईलैंड में 7 से 8 एलीट लेवल के ट्रेनर्स हर समय आपके आसपास घूमते रहते जिनका पूरा फोकस आपके ऊपर ही होता।”
अगले 18 महीने तक ब्रिटिश स्टार मॉय थाई के गढ़ में वापसी के बारे में ही सोचते रहे लेकिन इस बीच उन्हें यूरोपियन सर्किट में भी पहचान मिलने लगी थी।
हैरिसन जानते थे कि बेस्ट बनने के लिए उन्हें बेस्ट एथलीट्स को हराना होगा। इसलिए उस समय 19 वर्षीय स्टार ने 2 साल के लिए थाईलैंड जाने का फैसला लिया। इस बार उनका एक ही लक्ष्य था कि किस तरह सफलता हासिल की जाए।
उन्होंने बताया, “जब मैं वापस वहां गया तो मैंने उनसे कहा, ‘मेरे साथ भी अन्य फाइटर्स की तरह का व्यवहार किया जाए। मैं अन्य युवा थाई स्टार्स की ही भांति जिम में ही जमीन पर सो जाया करता था। इस तरह मैंने वहां अपना जीवन व्यतीत किया, यही चीजें मैं करना चाहता था।”
कड़ी ट्रेनिंग के प्रति प्रतिबद्धता और बेस्ट बनने की चाह का फल जल्द ही “हिटमैन” को मिलना शुरू हो गया और उन्हें काफी ऊंची रैंकिंग के स्टेडियम एथलीट्स के खिलाफ मैच मिलने लगे।
उन्होंने बताया, “मुझे वहां कई मैच मिलने शुरू हो गए, साथ ही स्टेडियम चैंपियंस और टॉप लेवल के एथलीट्स के साथ मुकाबलों से मुझे अच्छा अनुभव प्राप्त हो रहा था। हर कोई जानता था कि मैं कौन हूं, इसलिए वो अनुभव भी मेरे लिए खास रहा।”
“मैंने सोचा, ‘यही तो मैं करना चाहता था। मैंने अपनी एक नई पहचान बनाना चाहता था, जिससे इंग्लैंड वापस जाकर इस अनुभव से अपने साथियों को फायदा पहुंचा सकूं और मुझे पहचान मिले।”
अगर हैरिसन को सर्कल में उनका ड्रीम मैच मिलता है और उसके बाद अगर ONE बेंटमवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन नोंग-ओ गैयानघादाओ को चैलेंज करते हैं तो उन्हें पहले से भी अधिक पहचान और सफलता मिल सकती है।
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