सिंसामट क्लिनमी ने अपनी सफलता का श्रेय बड़े भाई सुदसाकोर्न को दिया – ‘उन्हीं के कारण मैं आज भी फाइट कर रहा हूं’
सिंसामट क्लिनमी को अपने मॉय थाई करियर में हमेशा से प्रोत्साहन मिलता आया है।
26 वर्षीय स्टार शानदार डेब्यू जीत के बाद 22 जुलाई को ONE 159: De Ridder vs. Bigdash में अपने शानदार सफर को जारी रखना चाहेंगे। ONE 159 की लाइटवेट बाउट में उनकी भिड़ंत इस्लाम मुर्ताज़ेव से होगी। वो फेमस फाइटिंग फैमिली में पले-बड़े और हमेशा से फाइटर बनना चाहते थे।
उनके परिवार का थाईलैंड के पटाया में एक जिम था और इसी कारण सिंसामट को भी मॉय थाई में आने की प्रेरणा मिली।
उन्होंने ONE Championship से कहा:
“मैं बचपन में हर सुबह जिम में ट्रेनिंग करने वाले फाइटर्स को दौड़ लगाने के बाद वापस आते हुए देखता था। मैं हर रोज उन्हें ट्रेनिंग करते हुए देखता और जब स्कूल से वापस आता, तब भी वो ट्रेनिंग कर रहे होते थे। इसलिए मैंने उनकी नकल करनी शुरू की थी।
“मेरे सभी करीबी रिश्तेदार जैसे मेरे अंकल मॉय थाई चैंपियन रहे हैं। मेरे सभी अंकल फेमस मॉय थाई फाइटर्स रहे हैं। आपने योकथाई सित एओर, राम्बा सोमदेत और टपाया सित-ओर के नाम सुने होंगे। हमारे परिवार में WBC और WBA बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियंस भी हैं।”
सिंसामट को कई एलीट लेवल के मॉय थाई और वेस्टर्न बॉक्सिंग स्टार्स का साथ मिल रहा है इसलिए ऐसा लगता है जैसे वो भी इसी राह पर आगे बढ़ने वाले हैं।
वहीं वित्तीय समस्याएं भी उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही थीं और मॉय थाई उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए सहारा दे रहा था।
सिंसामट ने कहा:
“मैं दिग्गजों को अपने लिए प्रेरणा का स्रोत मानता हूं और हमेशा उनकी तरह बनना चाहता था। मैं फाइट्स के दौरान उन्हें चीयर करता था और उनकी फाइट्स को देखने के लिए हमेशा उत्साहित रहता था। इसलिए मॉय थाई की ट्रेनिंग करना मुझे अच्छा लगता था।
“मेरी मां ने हमेशा मुझसे सपोर्ट किया। वो मुझसे हमेशा कहतीं, ‘अगर तुम कुछ खरीदना चाहते हो तो फाइट करो और उससे कमाए गए पैसे से कुछ भी खरीद लेना।’ इसलिए जब मुझे साइकिल चाहिए थी, तब मैंने फाइटिंग की और अंततः अपने पैसों से साइकिल खरीदी थी।
“मैंने 7 साल की उम्र में पटाया के एक बार में फाइट की थी। मुझे उसके लिए 100 बाह्त (थाईलैंड की मुद्रा) की राशि मिली और वहां फाइट को देखने आए लोगों से टिप भी मिली। केवल एक फाइट के बाद मैं साइकिल खरीद सकता था, जिससे मैं स्कूल में अपने दोस्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना। मुझे खुद पर बहुत गर्व महसूस हो रहा था।”
सिंसामट क्लिनमी को उनके बड़े भाई ने कॉम्पिटिशन के लिए तैयार किया
सिंसामट क्लिनमी के कॉम्बैट खेलों में कई आदर्श रहे हैं, लेकिन उनके बड़े भाई सुदसाकोर्न सोर क्लिनमी ने उन्हें सबसे ज्यादा प्रेरित किया है।
सुदसाकोर्न थाईलैंड में फेमस मॉय थाई चैंपियन रहे हैं और सिंसामट को रिंग में उतरने के लिए तैयार किया था। अब वो अपने छोटे भाई के कोच बन चुके हैं और उन्हें ग्लोबल स्टेज पर सफलता प्राप्त करने में मदद कर रहे हैं।
सिंसामट ने बताया:
“मेरे भाई मुझसे 10 साल बड़े हैं इसलिए उनका बॉडी साइज़ मुझसे बहुत बड़ा हुआ करता था। एक बार हम स्पारिंग कर रहे थे, उन्होंने मुझे ऐसी चोट पहुंचाई जिसके कारण मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। वो मुझे इसलिए चोट पहुंचाते थे, जिससे मैं ज्यादा दर्द झेल पाऊं।
“जब मैंने युवावस्था में प्रवेश किया, तब मैंने उन्हें कठिन चुनौती देनी शुरू की। उन्होंने कहा, ‘मैं बूढ़ा हो रहा हूं और अब तुमसे फाइट नहीं कर सकता।’ अब वो मेरे ट्रेनर बन चुके हैं और मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है।”
एक फाइटर का जीवन आसान नहीं है, लेकिन सिंसामट के भाई अपने अनुभव से उन्हें जरूरत के समय पर फायदा पहुंचा सकते हैं।
जब सिंसामट को खुद पर संदेह होने लगा था, तब भी सुदसाकोर्न ने अपने भाई पर विश्वास जताया था।
इसी कारण सिंसामट ONE Championship में जगह बनाने के सपने को पूरा कर पाए हैं। वहीं डेब्यू मैच में दिग्गज स्ट्राइकर नीकी होल्ज़कन के खिलाफ नॉकआउट जीत उनके लिए बेहद खास लम्हा रहा।
26 वर्षीय स्टार ने कहा:
“मेरे भाई मेरे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा स्रोत रहे हैं। वो हमेशा मेरे लिए फाइट्स ढूंढते और मुझे हमेशा सपोर्ट करते आए हैं। उनके कारण ही मैं अपने फाइटिंग करियर में इस मुकाम पर पहुंच सका हूं। मेरे साथ कई दोस्तों ने भी मॉय थाई सीखना शुरू किया था, लेकिन उनमें से अधिकतर इस खेल को छोड़ चुके हैं, लेकिन अपने भाई से मिले प्रोत्साहन ने मुझे अभी तक इस खेल से जोड़े रखा है।
“मेरी होल्ज़कन के साथ फाइट के बाद वो रोने लगे थे और फेसबुक पर मैसेज किया, ‘मैं तुम्हारे प्रदर्शन से बहुत खुश हूं।’ उनके मैसेज को पढ़कर मुझे भी रोना आ गया। उन्होंने कहा कि मैंने अपने सपने को पूरा कर दिखाया है। मैं हमेशा से खुद को अच्छा फाइटर बनाते हुए उनका सिर गर्व से ऊंचा करने की कोशिश करता आया हूं। इसलिए मैं अपने भाई का सिर गर्व से ऊंचा कर बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं।”