कैसे कैंसर पीड़ित शख्स के शब्दों ने पॉल इलियट की जिंदगी बदलकर रख दी
पॉल “किंग ऑफ द नॉर्थ” इलियट का मानना है कि किस्मत उन्हें ONE Championship तक खींच लाई है और अब उन्हें इस मौके का पूरा फायदा उठाना है।
शुक्रवार, 28 जनवरी को ONE: ONLY THE BRAVE में ब्रिटिश स्टार अपने प्रोमोशनल डेब्यू मैच में ब्राजीलियाई एथलीट एंडरसन “ब्रेडॉक” सिल्वा से लाइट हेवीवेट मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स मैच में भिड़ेंगे और वो जानते हैं कि किकबॉक्सिंग स्टार के खिलाफ जीत उनके जीवन को नई राह पर ले जा सकती है।
सिंगापुर इंडोर स्टेडियम में इस मैच के शुरू होने से पहले यहां जानिए इलियट के ग्लोबल स्टेज तक के शानदार सफर के बारे में।
खेल दिवस के राजा
इलियट का जन्म मिडल्सबरा में हुआ, जहां वो अपने माता-पिता (दोनों आर्मी में) और बड़ी बहन के साथ रहते थे और वो मानते हैं कि उनका पालन-पोषण अच्छे से हुआ है।
उन्होंने कहा, “मैं ऐसी जगह पला-बढ़ा हूं, जो ना तो ज्यादा अच्छी और ना ही ज्यादा खराब थी।”
इलियट के माता-पिता के सेना में होने से भी उनका जीवन स्थिर रहा है, लेकिन खेलों में रुचि होने के कारण उनके परिवार के सदस्य काफी समय एक-दूसरे से दूर रहे हैं।
उन्होंने बताया, “मेरे पिता रग्बी प्लेयर हुआ करते थे और आर्मी की ओर से बॉक्सर भी रहे। मेरी मां पूरी जिंदगी फिटनेस कोच रही हैं। मेरी बहन भी प्रोफेशनल हॉकी प्लेयर हैं।”
“स्कूल में खेल दिवस के मौके पर लोग कहते थे कि, ‘ये इलियट्स का दिन रहने वाला है और कोई उनसे नहीं जीत पाएगा।’
“मुझे खेलों में रुचि थी और टैलेंट की कोई कमी नहीं थी। मैं फुटबॉल, रग्बी और एथलेटिक्स इवेंट्स में भी भाग लेता था।”
इलियट फुटबॉल में भी अच्छा कर रहे थे और लोकल प्रोफेशनल टीम हार्टलपूल और मिडल्सबरा की तरफ से भी खेले।
उन्हें माता-पिता से सपोर्ट मिला और मैचों के लिए पूरे देश में घूमना होता था। ऐसा प्रतीत होने लगा था कि इलियट वाकई में इस खेल के लिए बने हैं।
इलियट ने कहा, “मैं जानता था कि फुटबॉलर बहुत ज्यादा पैसा कमा सकते हैं। मेरे अंदर भी टैलेंट था और माता-पिता भी जानते थे कि इस खेल में काफी पैसा है इसलिए उन्होंने भी मुझे इस खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।”
“वो मुझे मेरे मैचों के लिए स्टेडियम में ले जाते थे और मुझे लगने लगा था कि आगे की जिंदगी बहुत अच्छी रहने वाली है।”
अपने जुनून का पीछा किया
फुटबॉल में सफलता मिलने के बाद भी किसी कारणवश उन्हें खेल से दूर जाना पड़ा।
उन्होंने बताया, “मुझे 15 साल की उम्र में किकबॉक्सिंग के बारे में पता चला। जापान के बड़े स्टेडियम्स में रेमी बोन्यास्की और जेरोमी ली बैनर जैसे बड़े एथलीट्स टूर्नामेंट्स में फाइट करते थे।”
“मुझे इस खेल से तुरंत लगाव महसूस हुआ और 15 साल की उम्र में अपनी पहली मार्शल आर्ट्स क्लास ली।”
इलियट ने फुटबॉल और मार्शल आर्ट्स, दोनों में आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन आगे चलकर उन्होंने मार्शल आर्ट्स में रहने का निर्णय लिया।
वो जल्द ही फुटबॉल में प्रोफेशनल करियर शुरू कर सकते थे, लेकिन उनके अंदर मार्शल आर्ट्स का भी जुनून था। हालांकि, उनके माता-पिता अपने बेटे के फैसले को समझ नहीं पाए, फिर भी उन्होंने अपना समर्थन दिया।
उन्होंने कहा, “मुझे किकबॉक्सिंग से जैसे प्यार होने लगा था और इसे करने में मुझे बहुत मजा आता था।”
“मैंने इसके साथ जूडो भी शुरू किया और साथ ही फुटबॉल भी करने की कोशिश कर रहा था। मगर एकेडमी ने मुझे बाहर कर दिया क्योंकि उस खेल से मेरा लगाव कम होने लगा था।”
“मेरा माता-पिता गुस्से में थे क्योंकि उस साल मुझे स्कॉलरशिप मिल सकती थी, लेकिन ये मेरा फैसला था। वो मुझे अपने फैसले को बदलने पर मजबूर कर सकते थे, लेकिन नहीं किया। मैं इसके लिए उनका धन्यवाद करता हूं क्योंकि मुझे नहीं लगता कि मैंने अपने जीवन में कोई गलत फैसला लिया है।”
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एक बूढ़े व्यक्ति की सलाह काम आई
इस नए खेल में आगे चलकर इलियट ने काफी सफलता हासिल की।
एमेच्योर किकबॉक्सिंग में उनका प्रदर्शन शानदार रहा और कुछ समय बाद मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में आकर नए अवसर तलाशने शुरू किए।
मगर एक नया करियर बनाने के लिए वो काफी समय तक मार्शल आर्ट्स से दूर रहे, लेकिन एक दोस्त ने उन्हें मार्शल आर्ट्स में वापसी करने में मदद की।
उन्होंने कहा, “3 साल पढ़ाई के दौरान मैं कॉम्बैट स्पोर्ट्स से दूर रहा। मैं कॉलेज जाता और जिम में फिटनेस वेटलिफ्टिंग करने पर ध्यान देने लगा था।”
“एक बूढ़े व्यक्ति जिम में मेरे पास चलकर आए जो मेरी हर फाइट को देखा करते थे, जिन्होंने एक ट्रॉली में दवाइयां रखी हुई थीं। हमें पता चला कि उन्हें पेट में कैंसर है।
“मैं उन्हें हमेशा बताता कि मैं क्या पढ़ाई कर रहा हूं, जिसके बाद उन्होंने बताया कि उनके पास जीने के लिए केवल 6 हफ्ते बचे हैं। उन्होंने मुझसे कहा, ‘तुम क्या करने की कोशिश कर रहे हो? यहां वेटलिफ्टिंग करने के बजाय फाइटिंग में वापस जाओ, जिसमें तुम बहुत अच्छे हो।’
“उस स्थिति में रहकर उन्होंने बहुत दिल से ये बात कही। उनकी इस बात ने जैसे मुझे दोबारा से जगा दिया था और अहसास हुआ कि मुझे वापस जाना चाहिए।
“वो शायद नवंबर का समय था। मैंने अपना पूरा ट्रेनिंग प्लान बदला, फाइटिंग के लिए प्लान बनाया और जनवरी में आखिरकार मुझे फाइट मिली। वो 2017 का समय था और उसके बाद मुझे कभी हार नहीं मिली है।”
टॉप पर पहुंचने का जुनून
इलियट ने साल 2017 में अपना एमेच्योर MMA डेब्यू कर रीज़नल सर्किट में शानदार प्रदर्शन किया और कुछ समय बाद ही उनके प्रोफेशनल करियर की शुरुआत हुई, जहां अभी उनका रिकॉर्ड 4-0 का है और उन्होंने सभी मैच पहले राउंड में नॉकआउट से जीते हैं।
“द किंग ऑफ द नॉर्थ” रीज़नल लेवल पर सफलता के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाना चाहते थे, लेकिन उस दौरान उन्हें कई चोटों से जूझना पड़ा। पहले घुटने में, उसके बाद छाती के हिस्से पर और फिर दोबारा घुटने में चोट आई।
उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा था, लेकिन 2 सर्जरी के बाद वो पूरी तरह फिट नजर आए। उसके बाद उन्हें ONE से कॉल आया, जिसे लेकर वो बहुत खुश थे।
उन्होंने बताते हुए कहा, “मुझे ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। आपको पहले जैसी मानसिक स्थिति में आने के लिए बहुत लंबा समय भी लग सकता है। शरीर की चोट जल्दी ठीक हो सकती हैं लेकिन मानसिक चोट उबरने में बहुत समय लेती हैं।”
“जब मेरी वापसी हुई तो मैं ज्यादा अच्छा नहीं कर पा रहा था। मैंने मन ही मन में सोचा, ‘शायद अब मेरे करियर का अंत होने वाला है।’
“लेकिन समय बीतने के साथ मुझमें सुधार हुआ और आत्मविश्वास भी बढ़ने लगा था। अब उन बातों को कई साल बीत चुके हैं और ऐसा लगता है जैसे मैं अपनी बेस्ट शेप में हूं। मेरी स्पीड काफी बढ़ गई हैं और स्किल्स के मामले में भी मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं।
“जब आप चोटिल हों और आपने काफी समय से फाइट ना की हो, तभी ONE का कॉल आना मेरे लिए बहुत खुशी की बात रही। मुझे चाहे चोटिल होना पड़ा, लेकिन मेरी नजर में हर एक चीज़ होने के पीछे कोई ना कोई कारण जरूर होता है। मैं अब अपना ONE डेब्यू करने वाला हूं, जिसे मैं अपने लिए सम्मान का विषय मानता हूं।”
इलियट कुछ ही दिन में अपना ONE डेब्यू करेंगे और उन्होंने लाइट हेवीवेट और हेवीवेट डिविजन में अपने लिए कई बड़े टारगेट सेट किए हुए हैं। ब्रिटिश स्टार दुनिया को दिखाने को बेताब हैं कि वो कितने ऊंचे लेवल के फाइटर हैं।
उन्होंने कहा, “मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए इस लम्हे को इंजॉय करना चाहता हूं।”
“मैं फाइट में तब तक पंच और किक्स लगाना जारी रखूंगा, जब तक वो हार नहीं मान लेंगे।”
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