पिता के प्यार और समर्थन से बना इवानिल्डो डेल्फिनो का ONE तक पहुंचने का रास्ता

Jungle Fight Flyweight Champion Ivanildo Delfino

इवानिल्डो “मॉन्स्ट्रिनियो” डेल्फिनो  को आखिरकार इस शुक्रवार, 31 जनवरी को ग्लोबल स्टेज पर चमकने का मौका मिलेगा।

ब्राजील के अपराजित एथलीट का DEEP फ्लाइवेट वर्ल्ड चैंपियन तत्सुमित्सु “द स्वीपर” वाडा से ONE: FIRE & FURY में सामना होगा। इसका फिलीपींस के मनीला से सीधा प्रसारण किया जाएगा।

ये उनके लिए दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन तक आने की लंबी यात्रा रही है, जो चोटों, हार्ट ब्रेक और दुखद घटनाओं से भरी हुई है। हालांकि, अब डेल्फिनो पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और दृढ़ नजर आ रहे हैं।

इससे पहले कि वो मॉल ऑफ एशिया एरीना में अपनी शानदार शुरुआत करें, हम इस फ्लाइवेट एथलीट के बारे में कुछ जान लेते हैं।

मछुआरे की जीवन शैली

डेल्फिनो का जन्म सॉरे में ऑस्कर नाम के एक प्यार करने वाले पिता और मारिया नाम की मां के यहां हुआ था। ये जगह उत्तरी ब्राजील के मैराजो द्वीप पर स्थित है।

उनके माता-पिता एक मछुवारे थे, जो मछली पकड़ने के उद्योग में शामिल थे और दक्षिणी अमेरिकी देश के एक क्षेत्र में पांरपरिक ड्रिंक बनाते थे।

उनका काम मेहनत और ज्यादा लोगों के साथ वाला था। यही वजह है कि डेल्फिनो, उनके भाई और बहनें अक्सर पेरेंट्स के काम में हाथ बंटाया करते थे।

वो बताते हैं, “मैं काजू-ऊना गांव में पला-बढ़ा था, जो सॉरे के समुद्र तटों में से एक है। इसके बाद हम अपने पिता के समुदाय मंगुएरास चले गए, जो कि द्वीप के एक अन्य काउंटी सल्वाटेरा में स्थित है। मेरे माता-पिता मुछुवारे थे और मैं उनकी मदद करता था।”

डेल्फिनो जब 10 साल के थे तो उनके माता-पिता ने एक-दूसरे को तलाक दे दिया था और अलग हो गए। इसके बाद उनके भाई-बहन मां के साथ अपने पुराने शहर लौट गए और डेल्फिनो पिता के साथ ही रह गए।

डेल्फिनो याद करते हुए कहते हैं, “मां मेरे भाई-बहनों के साथ सॉरे वापस चली गई थीं और मैं पिता के साथ रह गया था। मुझे मछली पकड़ने में उनकी मदद करना पसंद था।”

“हम 12 घंटे तक नाव चलाते थे, ताकि उस जगह पर पहुंच सकें, जहां पर मछलियां होती थीं। हम 30 दिनों तक वहां रहकर मछली पकड़ते थे इसलिए ये मुझे बहुत अच्छा लगता था। मछलियों के सीजन के दौरान (अगस्त और नवंबर के बीच) हमारा दिन सुबह 3 बजे शुरू होता था और शाम 5 बजे खत्म होता था।”

मार्शल आर्ट्स में पहला कदम

डेल्फिनो को बचपन में ही मार्शल आर्ट्स का चस्का लग गया था।

आठ साल की उम्र तक उन्होंने रेसलिंग से मिलती-जुलता एक ग्रैपलिंग आर्ट सीखा, जिसे माराजोआर कहते हैं। ये उनके समुदाय के स्थानीय लोगों द्वारा सिखाई और अभ्यास करवाई जाती है। इसमें उन्होंने गंदी कीचड़ वाली जगह पर समुदाय के लड़कों के साथ मुकाबले किए थे।

वो कहते हैं, “मैं एक बच्चा था इसलिए पिता मुझे मेरी उम्र के बच्चों के खिलाफ मैच में उतार देते थे। कभी-कभी तो बहुत बड़े लोगो से मेरा मैच रख दिया जाता था। मैंने उन्हें हराया है लेकिन इसके साथ मार भी खाई है।”

“मॉन्स्ट्रिनियो” को अपने पिता से मार्शल आर्ट्स में माहिर होने के लिए पूरा सपोर्ट हासिल था। यंग ब्राजीलियन एथलीट ने जब स्कूल खत्म किया और वापस सॉरे लौट गए तो उन्होंने खुद को इससे अलग कर लिया।

ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने एक फुल टाइम जॉब पकड़ ली और ऐसा लगने लगा था कि वो कभी पीछे मुड़कर देखेंगे ही नहीं। हालांकि, वो जब काम से लौटते थे तो अक्सर एक स्थानीय ब्राजीलियन जिउ-जित्सु एकेडमी से गुजरते थे और छात्रों की ट्रेनिंग की तकनीकों को गौर से देखते थे।

डेल्फिनो तब 19 साल के हो गए थे और उन्होंने इससे प्रभावित होने के बाद डोजो जॉइन करने का फैसला कर लिया था। उन्होंने मास्टर सैंड्रो ब्रागा की छत्रछाया में इसे सीखा, जिन्होंने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की। इसके बाद “द जेंटलमैन आर्ट” में महारत हासिल करने के लिए प्रतिबद्धता जल्द ही नजर आई गई। यही नहीं, उनके करीबियों ने भी इस बात को नोटिस कर लिया था।

ब्राजीलियन एथलीट कहते हैं, “मैंने प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। मुझे देखकर मेरे एक दोस्त को एहसास हुआ कि मैं अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हूं। ये देख उसने मुझे बेलेम में ट्रेनिंग करने के लिए बुलाया। मैं वहां बिना किसी उम्मीदों के गया था। इसने मुझे खुद पर विश्वास करने में मदद की। इस चीज ने मुझे भरोसा दिलाया कि मैं अपने सपनों को पाने के लिए उनका पीछा कर सकता हूं।”

डेल्फिनो जब ट्रेनिंग लेने के लिए बेलम के Marajo Brothers जिम गए तो उन्होंने शुरुआत मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की प्रैक्टिस के साथ की और जल्द ही इस खेल में खुद को ढ़ाल लिया।

घर की याद और पिता का जाना

परिवार से दूर होना और घर की सुख-सुविधाएं छोड़ना डेल्फिनो के लिए आसान नहीं था।

फिर भी वो समर्पण के लिए तैयार थे क्योंकि उनका मानना था कि मार्शल आर्ट्स उन्हें और उनके जानने वालों को बेहतर जीवन दे सकता है।

उन्होंने स्वीकारा, “मेरे लिए अपने शहर और अपने परिवार को छोड़ना वाकई मुश्किल था। फिर भी मैं इस बात से इत्तेफाक रखता था कि मुझे अपने परिवार को एक आरामदायक जीवन देना है।”

“मैंने हर फाइट जीती, उसने मेरे अंदर भरोसा जगा दिया था कि मैंने जिस करियर को चुना है, उसके जरिए मैं अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में बिल्कुल सही जा रहा हूं।”

उनके जीवन के सबसे बुरे दौर के रूप में अगस्त 2019 आया था।

डेल्फिनो के पिता फुटबॉल खेल रहे थे, जब उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया था।

वो और उनके पिता एक-दूसरे के बेहद करीब थे, इस वजह से “मॉन्स्ट्रिनियो” के लिए ये वक्त खासतौर पर बहुत कठिन था। परिवार के मुखिया होने के नाते उन्होंने अपने बेटे के मार्शल आर्ट्स जुनून को लेकर उनका पूरा समर्थन किया और अंत तक करते रहे। वो बेटे के मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स मैचों को देखने और उनका समर्थन करने के लिए जाते थे।

वो कहते हैं, “मैंने अपने पिता को हाल ही में खो दिया है। ऐसा लगता है कि वो जानते थे कि मैं बचपन से ही एक फाइटर बनना चाहता था। इस घटना ने मुझे बड़ा झटका दिया है क्योंकि मेरे लिए मेरा परिवार ही सबसे बहुमूल्य है। पिता मेरे सबसे बड़े समर्थक होने के साथ मेरे लिए प्रेरणादायक भी हैं।”

मौके का फायदा उठाया

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अप्रैल 2015 में डेल्फिनो अपने प्रोफेशनल मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करियर की शुरुआत करने के लिए तैयार थे। उन्होंने स्थानीय मैचों से अपना दबदबा बनाना शुरू किया।

अपने पहले सात मुकाबलों को जीतने के बाद सॉरे के इस एथलीट ने Jungle Fight में शामिल होने का मौका हासिल किया, इसे ब्राजील का सबसे बड़ा ऑर्गनाइजेशन माना जाता है। उन्होंने वहां पर कंपनी के फ्लाइवेट चैंपियन को चुनौती दी। “मॉन्स्ट्रिन्हो” ने पहले ही राउंड में एंटोनियो मसेडो को पराजित कर टाइटल बेल्ट अपने नाम की।

वो जीत उन्हें ONE Championship में ले आई। अपराजित ब्राजीलियन एथलीट पिछले साल ONE फ्लाइवेट ग्रां प्री में वाडा के खिलाफ अपना प्रमोशनल डेब्यू करने वाले थे लेकिन चोटों ने उनसे ये मौका छीन लिया।

अब वो पूरी तरह से ठीक हो गए हैं और फिलीपींस की राजधानी में वाडा का सामना करने और ONE फ्लाइवेट वर्ल्ड चैंपियनशिप को पाने के लिए शुरुआत करने को तैयार हैं।

वो कहते हैं, “जिंदगी ने मुझे अवसरों को पाने का मौका दिया है इसलिए वो मुझे ONE में लाई है।”

“ये बड़े सम्मान की बात है कि मैं ONE का हिस्सा बना हूं। मैं अपनी कला दिखाने और अपने देश व शहर का प्रतिनिधित्व करने के लिए बहुत खुश हूं। मुझे लगता है कि मैंने जो कुछ भी किया है, वो इसके ही लायक था। अब ये समय आनंद लेने और अपने लक्ष्यों की तलाश में निकलने का है।”

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मनीला | 31 जनवरी | ONE: FIRE & FURY | टिकेट्सयहां क्लिक करें  

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