अमीर खान के पिता ने उन्हें करियर में नई ऊंचाइयों को छूने में कैसे मदद की
एक अच्छे गोल्फ़र से मार्शल आर्ट्स हीरो बनने की अमीर खान की ट्रांसफॉर्मेशन शायद उनके पिता के साथ के बिना सफल नहीं हो सकती थी। खान को अपने पिता ताजुदीन की मदद से मानसिक मजबूती मिली है।
सिंगापुर के एथलीट को शुक्रवार, 28 फरवरी को होने वाले ONE: KING OF THE JUNGLE में जापानी ग्रैपलर किमिहीरो एटो का सामना करना है। उन्हें अपने पिता के सपोर्ट पर पूरा भरोसा रहा है।
युवा अवस्था में खान के पिता उन्हें रोज अच्छे दृष्टिकोण से आगे बढ़ने का महत्व समझाते थे।
Evolve टीम के 25 वर्षीय स्टार ने कहा, “मेरे पिता हमेशा सकारात्मक तरीके से सोचते थे। जब भी मेरा कोई दिन खराब जाता तो मैं याद करता कि वो मुझे हर मुसीबत के प्रति सकारात्मक तरीके से सोचने के लिए प्रेरित करते थे।
“बुरी चीजें हर किसी के साथ होती हैं, आपको केवल उनसे सीख लेकर आगे बढ़ते रहना होता है। वो रोज यही कोशिश करते थे कि जिंदगी का ये सिद्धांत मुझे अच्छे से समझ आए।”
ताजुदीन अक्सर सकारात्मक मानसिकता बनाए रखने सिद्धांतों के बारे में ही बात किया करते हैं। यहाँ तक कि वो लाइटवेट एथलीट और उनके भाई को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे।
खान ने बताया, “मेरे पिता दृढ़ निश्चयी हैं लेकिन निष्पक्ष भी हैं। मुझे उनकी तारीफ केवल तभी मिलती जब मैं अच्छा प्रदर्शन करता था। जब भी मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता तो वो तारीफ नहीं करते लेकिन ये जरूर बताते कि मैं कैसे और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकता था।
“उनके प्रोत्साहन से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है और मैंने हर चीज के बारे में सकारात्मक तरीके से भी सोचना सीख लिया है।”
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ताजुदीन ने अपने बेटे को किशोरावस्था के दौरान बहुत सी चीजें सीखने में मदद की हैं।
सिंगापुर के एथलीट को टॉरेट सिंड्रोम नामक रोग लग गया था, जो एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होता है जिसकी वजह से उनकी मसल्स में समस्या होने लगी थी। खान की इस हालत की वजह से उनके क्लासमेट नियमित रूप से उनका मजाक उड़ाया करते थे।
लाइटवेट स्टार ने बताया, “लोग हमेशा मेरा मजाक उड़ाते थे। मुझे याद है कि स्कूल से आने के बाद मैं रोते हुए अपने पिता से पूछा करता था कि मुझे क्या समस्या है? लेकिन मेरे पिता ने मुझे कभी ऐसा एहसास नहीं होने दिया कि मैं दूसरे लोगों से अलग था।
“उन्होंने मुझसे कहा कि मुसीबतें हर किसी के जीवन में आती हैं। हम सभी को किसी ना किसी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और ये सब मुझपर निर्भर करता था कि मैं इस सबसे आगे बढ़कर मैं कितनी सफलता प्राप्त करने वाला था।”
अपने पिता के इस तरह के दृष्टिकोण से खान ने अपने सोचने का तरीका बदला और इन मुसीबतों का डटकर सामना करते रहे।
उन्होंने आगे कहा, “वो कभी ये नहीं चाहते थे कि मैं बहाने बनाऊं। मैंने अपनी हालत को दूसरे नजरिए से देखना शुरू कर दिया था और सोचा कि इसका सामना मुझे ही करना है किसी और को नहीं। इसी सोच से मेरे अंदर प्रतिस्पर्धात्मकता का जन्म हुआ और इसी वजह से संघर्ष के दौर में भी मैं मजबूती से आगे बढ़ता रहा।”
जब खान को पता चला कि मॉय थाई की ट्रेनिंग से उन्हें टॉरेट सिंड्रोम में फायदा पहुंच रहा है तो उन्होंने इस खेल को भी एक नए नजरिए से देखना शुरू कर दिया।
इन बदलावों से प्रोत्साहित होकर ताजुदीन ने उन्हें हाई स्कूल की पढ़ाई के लिए अमेरिका भेज दिया। वहाँ रहते हुए उन्होंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग ली और फरवरी 2014 में एक क्षेत्रीय इवेंट में अपना प्रोफेशनल डेब्यू भी किया।
इस सब के बावजूद एशिया में अपने घर से एक नई जगह (नॉर्थ अमेरिका) जाना उनकी जिंदगी में बड़े बदलाव लाने वाला फैसला साबित हुआ, इसके अलावा किशोरावस्था में रहते हुए उनपर आगे बढ़ने का भार भी था। हालांकि घर से दूर रहने से उन्हें मानसिक मजबूती प्रदान भी की थी।
उन्होंने कहा, “ये फैसला चुनौतीपूर्ण था लेकिन इसी समय में मुझे ज्यादा से ज्यादा सीख मिल सकती थी। मुझे मजबूरन अपने घर से दूर एक दूसरे देश में अकेले रहना था।
“मैंने अपने पिता से काफी साड़ी अच्छी चीजें सीखी हैं, संघर्ष की स्थिति से कैसे पार पाएं और मुश्किल समय में भी आशावादी कैसे बने रहें, ये ऐसी चीजें थीं जिन्होंने मुझे लगातार आगे बढ़ने में मदद की है।”
ये सकारात्मक सोच आज भी खान को प्रभावित कर रही है लेकिन एक नए तरीके से।
लाइटवेट स्टार अपने रोल मॉडल से मिली शिक्षा की मदद से अपने सामने आने वाली चुनौतियों को पार कर आगे बढ़ रहे हैं। वो अब खुद पिता बन चुके हैं और उनका बेटा 11 महीने का हो चुका है, जिसका नाम लियोनेल है।
खान ने बताया, “मेरे पिता ने कभी मुझे मार नहीं लगाई और ना ही मेरे साथ बुरा बर्ताव किया। वो जानते थे कि सकारात्मक तरीके से किससे कैसे बात करनी है और इसी चीज को मैं अपने बेटे को भी सिखाना चाहता हूँ।
“हमारे घर में कभी नकारात्मकता ने जन्म नहीं लिया क्योंकि मेरे पिता हर किसी को साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति रहे हैं। जब वो मुसीबतों से घिरे हुए थे, उसके बावजूद वो अपनी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ते थे।”
अब खान पहले से कहीं अधिक प्रेरित महसूस कर रहे हैं और एटो पर जीत कर वो अपने पिता का भी धन्यवाद वक्त कर सकते हैं कि उन्होंने पूरी जिंदगी अपने बेटे पर भरोसा बनाए रखा। इसके अलावा वो अपने बेटे के लिए भी एक उदाहरण स्थापित करना चाहते हैं।
Evolve टीम के मेंबर ने कहा, “मेरे पिता यही चाहते थे कि मैं जो चीज हासिल करना चाहता हूँ उसी के साथ बना रहूँ और उसी के साथ आगे बढूं। मेरे पिता ही एकमात्र वजह हैं जिससे मैं हमेशा सकारात्मक तरीके से सोच पाता हूँ और मैं उनका सर गर्व से ऊंचा भी करना चाहता हूँ।”
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