कैसे एड्रियानो मोरेस के जज़्बे ने उन्हें सफलता की ओर पहुंचाया

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एड्रियानो “मिकीन्यो” मोरेस ने मार्शल आर्ट्स की दुनिया में टॉप पर आने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना किया है।

ब्राजील के ये सुपरस्टार एक बड़ी कठिनाई में फंस गए थे और फिर जैसे-जैसे वो बड़े होते गए, उन्होंने मार्शल आर्ट्स का महत्व जानकर सही मार्ग चुना। उनके पास विशेष प्रकार का टैलेंट था और सालों की मेहनत और कठोर परिश्रम के बाद वो ONE फ्लाइवेट वर्ल्ड चैंपियन बनने में सफल रहे।

अब तक वो 3 बार बेल्ट जीतने में सफल रहे हैं और मोरेस ONE: INFINITY 1 में ONE फ्लाइवेट वर्ल्ड ग्रां प्री चैंपियन और मार्शल आर्ट्स स्टार डिमिट्रियस “माइटी माउस” जॉनसन के खिलाफ अपने ताज को डिफेंड करेंगे।

अपने जबरदस्त करियर से गुजर रहे “मिकीन्यो” ने अपने जीवन के साथ-साथ करियर के उतार-चढ़ाव के बारे में बात की, जिससे उनके पास चैलेंज के सामने खड़े रहने का अनुभव है।

ब्राजील की सड़कों से उठाया गया

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“मिकीन्यो” के जीवन की शुरुआत काफी खराब हालात में हुई। जन्म के कुछ दिनों बाद ही उन्हें ब्राजील की राजधानी, ब्राजीलिया की सड़कों पर छोड़ दिया गया।

किस्मत से उन्हें अनाथालय में जगह मिली जहां वो 3 साल की उम्र तक रहे। इसके बाद उनका जीवन सही राह पर आ गया था। उन्हें उनकी मां मिरटेस मोरेस द्वारा गोद लिया गया था और इससे उन्हें साधारण जीवन जीने का मौका मिला।

उन्होंने कहा, “वो मेरे लिए सब कुछ हैं। वो मेरी आदर्श हैं। मैंने उनके लिए हर चीज़ की है और मैं उनके लिए आगे भी जारी रखूंगा।”

मिरटेस ने अपने बच्चे का साथ दिया और इसने उन्हें सफल बनने में मदद की। सहयोग के रूप में तैराकी और मार्शल आर्ट्स शामिल है। उन्होंने सबसे पहले जूडो में हाथ आजमाया और फिर कैपीरा को चुना।

हालांकि, लगातार जिम जाने की वजह से भी वो मुश्किलों से दूर नहीं रह पाए औए उस समय मोरेस ने लगभग अलग जीवन चुन लिया था। सड़कों पर रहने का उनका अनुभव छोटा रहा। एक स्ट्रीट फाइट हारने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि जीवन उनके लिए सही नहीं जा रहा। उन्हें अच्छा करने के लिए ज्यादा सीखने की इच्छा थी।

उनके दोस्त और ब्राजीलियन जिउ-जित्सु पर्पल बेल्ट विजेता गिल्डासियो फरेरा ने उन्हें अपनी जिम में आने का न्योता दिया और ये मोरेस के लिए सफलता का रास्ता बन गया।

मार्शल आर्ट्स के प्रति लगाव

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Constrictor Team के एरिक मेडेइरोस और अटाइडे जूनियर जैसे अच्छे कोच की देखरेख में मोरेस ने BJJ सीखने की शुरुआत की।

उन्होंने कहा, “कंस्ट्रिक्टर टीम ने जिउ-जित्सु के प्रति मेरी आँखें खोल दी। इसने मुझे ज़िम्मेदार, अनुशासित बनाया।”

“मुझे अन्य लोगों के प्रति काफी प्यार है, मुझे इसने ज्यादा ज्ञान, जीवन और दिमाग मे स्थिरता दिलाई।”

“मिकीन्यो” ने बताया कि उनका “द जेंटल आर्ट” के प्रति उनका शुरुआती अनुभव खराब था और उन्हें शुरुआत में आनंद नहीं आया।

बहुत जल्दी उन्होंने शानदार सुधार किया और सफलता की सीढ़ी चढ़ते हुए अपनी स्किल्स का विकास किया।

उनके कोच ने सपोर्ट किया और लगातार प्रतियोगिताओं के चलते भी उन्होंने सुधार किया, जब तक वो दुनिया के सबसे अच्छे प्रतियोगी बन गए। 2014 में मोरेस ने NAGA No-Gi प्रो डिविजन चैंपियनशिप जीती और एक साल बाद उन्होंने ब्लैक बेल्ट पर भी कब्जा कर लिया।

उन्होंने कहा, “मैंने लगातार कोशिश की, और जिउ-जित्सु को समझने में काफी समय लगा क्योंकि ये कठिन है, कुछ लोग इसे जल्दी सीख जाते हैं लेकिन मेरे लिए ये काफी मुश्किल था। मुझे समय की जरूरत थी।”

उस समय “मिकीन्यो” ने बॉक्सिंग और मॉय थाई की भी ट्रेनिंग की क्योंकि वो मार्शल आर्ट्स में मुकाबला करना चाहते थे।

उन्होंने सितंबर 2011 में डेब्यू किया था और अपने पहले ही मुकाबले में सबमिशन से जीत हासिल की। वो लगातार 8 बाउट जीतने में सफल रहे और नवंबर 2013 में उन्होंने ONE Championship में कदम रखा।

एक साल के अंदर ही उन्होंने जेहे “ग्रैविटी” युस्ताकियो को ONE: RISE OF THE KINGDOM के मेन इवेंट के दूसरे राउंड में हराकर अपनी पहली ONE फ्लाइवेट चैंपियनशिप पर कब्जा कर लिया। इस दौरान ब्राजीलियन सुपरस्टार एक ऐसे स्थान पर पहुंच गए थे, जहां से वो अपना नाम बना सकते थे।

टॉप पर आई मुश्किल परिस्थितियां

बतौर वर्ल्ड चैंपियन, मोरेस का जीवन सही चल रहा था जहां उन्होंने रिकु शिबुया के खिलाफ चैंपियनशिप को डिफेंड किया लेकिन नवंबर 2015 को उनका सामना अनडिफिटेड काइरत अख्मेतोव के खिलाफ हुआ जहां वे हार गए।

15 मुकाबलों में ये उनकी सिर्फ दूसरी हार रही लेकिन “मिकीन्यो” को एक बड़े बदलाव की जरूरत थी जिससे उनका करियर और स्किल्स अलग स्तर पर पहुंच जाए।

वो ध्यान खींचने वाली चीज़ें और ब्राजील के आर्थिक दबाव से दूर रहना चाहते थे। उनके लिए अपनी टीम, दोस्त और परिवार (खासकर उनकी माँ) को छोड़ना मुश्किल था। उन्होंने वहीं किया जो उनके करियर के लिए अच्छा साबित हो सकता था और वो American Top Team के साथ ट्रेनिंग करने के लिए यूनाइटेड स्टेट्स शिफ्ट हो गए। उस जगह उनमें मार्शल आर्टिस्ट के साथ ही बतौर इंसान सुधार हुआ।

उन्होंने बताया, “मुझे फ्लोरिडा जाने का मौका मिला था और मुझे ये पसंद आया।”

“मुझे American Top Team परिवार में जुड़ना अच्छा लगा। सबका बर्ताव अच्छा था और मैंने मौके का आनंद उठाया।”

इस बड़े बदलाव का फायदा उन्हें मिला। मोरेस लगातार हर बाउट में और भी अच्छे होते जा रहे थे। पहले उन्होंने यूजीन टोक्वेरो को सबमिट कराया और इसके बाद अगस्त 2016 में उन्होंने टिलेक बैटरोव को टैपआउट कराकर ONE अंतरिम फ्लाइवेट वर्ल्ड टाइटल को जीता।

एक साल बाद “मिकीन्यो” का आखिर उस आदमी से सामना हुआ, जिसने बतौर वर्ल्ड चैंपियन उनकी जगह ली थी। उनसे दूसरे मुकाबले में मोरेस खेल के हर हिस्से में अच्छे नजर आ रहे थे और इस वजह से जजों की ओर से उनके पक्ष में निर्णय आया। इसके बाद उन्होंने दोनों फ्लाइवेट बेल्टों को एक कर दिया और वो फिर ONE फ्लाइवेट वर्ल्ड चैंपियन बन गए।

उन्होंने कहा, “काइरत अख्मेतोव इस दुनिया के सबसे अच्छे फ्लाइवेट हैं और मुझे याद है मैं अपनी बेल्ट को वापस लेते समय काफी भावुक हो गया था।”

“मैंने सीखा कि मैं बहुत बार नीचे जा सकता हूँ लेकिन मुझे खड़ा होना है और फिर लड़ाई करनी है… फाइट में ही कभी हार नहीं माननी चाहिए बल्कि जीवन में भी हारना नहीं चाहिए।”

ONE के इतिहास के सबसे सफल फ्लाइवेट

चैंपियनशिप जीतने के तीन महीने बाद मोरेस ने फिर सर्कल में वापसी की और नवंबर 2017 में डैनी किंगड को हराकर पहली बार बेेेेल्ट को डिफेंड किया और उनकी टाइटल बादशाहत लंबी नहीं चली।

“मिकीन्यो” ने एक साल बाद विभाजित निर्णय की वजह से जेहे “ग्रैविटी” युस्ताकियो  के खिलाफ रीमैच में टाइटल गंवा दी।

मोरेस ने बताया, “मुझे उस समय विश्वास नहीं हुआ, मुझे पता है क्योंकि मैं समझ रहा था कि मैंने उन्हें खिलाफ दूसरी फाइट में काफी अच्छा काम किया था।”

“जब रेफरी ने उनका हाथ उठाया, मुझे यकीन नहीं हुआ, लेकिन मुझे जल्द ही रीमैच मिला और मैंने फिर कर दिखाया। मैं सिर्फ वहां गया और अपना काम किया। उनके खिलाफ 5 राउंड अच्छे गए थे और इसके बाद जजों ने मेरे पक्ष में निर्णय दिया। मुझे अच्छा लगा।

“ग्रैविटी” के घर फिलीपींस जाकर उन्हें उनके फैंस के सामने हराना बड़ी बात थी। वो इसके साथ ONE के इतिहास के पहले स्टार बने जो 3 बार बेल्ट जीतने में सफल रहा और इसके साथ ही उन्होंने “माइटी माउस” के खिलाफ वर्ल्ड चैंपियन बनाम वर्ल्ड चैंपियन मैच सेट कर दिया।

ये 31 वर्षीय स्टार बिना किसी शक ONE के सबसे अच्छे प्रतियोगी में से एक है लेकिन जो उन्हें खास बनाता है, वो है अपनी सफलता को दूसरों की मदद के लिए उपयोग करना। उन्होंने BJJ के सोशल प्रोजेक्ट में कई बच्चों की मदद की है।

मोरेस ने बताया, “सबसे खास चीज़ मार्शल आर्ट्स के बारे में है कि आप जो भी करते हैं वो पूरी दुनिया के लिए करते हैं। यही है जो आप सीखते हैं और यही आप आगे सिखाते हैं।”

“ये सब कुछ संतुलन पर निर्भर करता है। आप दुनिया के लिए, दूसरों और खुद के लिए अच्छे आदमी बनते हैं। आप अच्छी चीज़ें कर सकते हैं और मार्शल आर्ट्स इसमें आपकी मदद करता है।

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