कैसे अयाका मिउरा मार्शल आर्ट के जरिए मजबूत और आत्मविश्वासी महिला बनी
अयाका मिउरा महिलाओं के मिक्सड मार्शल आर्ट में सबसे रोमांचक उभरते सितारों में से एक है। उसने जापान से थर्ड-डिग्री के जूडो ब्लैक बेल्ट से अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की। शुरुआत देरी से होने के बावजूद वह इस खेल में तेजी से आगे बढ़ी। वह पहले से ही ONE चैम्पियनशिप वर्ल्ड खिताब बेल्ट को पाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।
फरवरी में उसने एक सनसनीखेज प्रत्साहक पदार्पण किया। अब वह इस शुक्रवार 2 अगस्त को ONE: डॉन ऑफ हीरोज में स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए समारा “मैरिटुबा” सैंटोस के खिलाफ लड़ने उतरेगी।
वह बताती है कि फिलिपींस के मनीला में एक्शन के लिए वापसी के बाद वह दुनिया की सबसे बड़ी मार्शल आर्ट संगठन में एक शांत, उपनगरीय लड़की से एक सर्वोत्कृष्ठ एथलीट कैसे बनी।
उसके पेशे की तलाश
मिउरा का बचपन ग्रेटर टोक्यो क्षेत्र के उपनगर साइतामा में एक करीबी परिवार में गुजरा था। वह मासूम और शांत थी। वह कहती है कि वह विशेष रूप से एथलेटिक या प्रतियोगिता में दिलचस्पी नहीं ले रही थी। किशोरावस्था में मार्शल आर्ट में रूचि लेने से पहले उसने प्राथमिक विद्यालय के माध्यम से छह साल तक जिमनास्टिक और तैराकी की।
वह बताती है कि “मेरे पिता ने टीवी पर मार्शल आर्ट देखा। इसलिए मुझे भी तब से इसमें दिलचस्पी हो गई। मैंने जूनियर हाई स्कूल में जूडो शुरू किया लेकिन मेरे माता-पिता इसके खिलाफ थे। मुझे जूडो के बारे में जो मुझे अच्छा लगता है वह है एक साफ थ्रो करने की भावना – एक इपॉन। मैंने उन्हें समझाया कि मैंने जूडो की चुनौती में कितना आनंद लिया है। मैंने अपनी भावनाओं को उन्हें बताकर मना लिया।”
यह अयाका की मार्शल आर्ट यात्रा की शुरुआत थी। इसने उसे आत्मविश्वास और ताकत के उस स्तर की तलाश करने के लिए मजबूर किया जो उसके पासा था। उसके अभ्यास सत्र बहुत थका देने वाले होते थे लेकिन उसने इसे जारी रखा। क्योंकि वह जापानी सर्किट पर कड़ी प्रतिस्पर्धा के माध्यम से ख्याति प्राप्त करते हुए बड़ा स्थान हासिल करने और अपने भविष्य के करियर की नींव रखनी थी। प्रशिक्षण कठिन था, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी।”
जूडो से मिक्सड मार्शल आर्ट तक
मिउरा की मार्शल आर्ट की यात्रा ने एक नया मोड़ लिया जब उसे दो-डिवीजन डीईईपी विश्व चैंपियन रियो चोनन के सामने बार-बार जाना पड़ा था। जो कि जापानी परिदृश्य के प्रतिष्ठित नामों में से एक था।
वह बताती है कि “मैंने मिश्रित मार्शल आर्ट में जाने का फैसला किया, जब मैं हड्डी बैठाने वाले क्लीनिक में काम कर रही थी। जहां चोनन-सान और कुछ ट्राइब टोक्यो एमएमए एथलीट इलाज के लिए आए थे। मैं उनके जिम जाना चाहता थी।”
चोनान की निगरानी में उसने अपने जूडो बेस में स्ट्राइकिंग और दांव-पेंच का मिश्रण किया। उन्होंने 22 साल की उम्र में पेशेवर प्रतिस्पर्धा में भाग लिया। इसमें उन्होंने एक मिक्सड मार्शल आर्ट की शुरुआत की। जो डीप ज्वेल्स संगठन में एक साल बाद शुरू हुई, जिसे उन्होंने पहले दौर में सबमिशन के माध्यम से जीता।
वह कहती है कि “यह एक अच्छा एहसास था, लेकिन मुझे अभी भी बहुत कुछ सीखना था। एक हार के बाद- एक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ उसके 21 मुकाबलों के रिकॉर्ड के साथ- उसके दूसरे प्रो मैच में, साइतमा मूल की इस खिलाड़ी ने लगभग दो साल बिताए। अगले 24 महीनों में अपने सात मुकाबलों में से छह में जीतकर उसने अपनी जगह हासिल की और होम ऑफ मार्शल आर्ट्स में वापसी की।
रास्ता दिखाया
मिउरा का कहना है कि उनकी कोई भी सफलता उनके कोच के बिना संभव नहीं होगी, जिन्होंने ONE फ्लाईवेट स्टार युया “लिटिल पिरान्हा” वाकमात्सु को भी परामर्श दिया। वह कहती हैं कि ”उन्होंने मेरी हर चीज में मदद की और सहयोग दिया है। उसकी वजह से मैंने उच्च स्तर का अनुशासन और आत्म-नियंत्रण सीखा है। मैं खुद का विश्लेषण अच्छे से करने में सक्षम हूं- मेरा प्रशिक्षण, स्थिति, तकनीक, कौशल और मेरी ताकत और कमजोरियां।”
चोनान सोशल मीडिया पर बहुत खुला हुआ है। जब उसका कोई भी एथलीट उस पेशेवर अंदाज का प्रदर्शन नहीं करता है जिसकी वह अपेक्षा करता है। लेकिन वह अपने विद्यार्थियों की प्रशंसा करने में भी विलम्ब नहीं करता।
वह आगे कहती है कि “चोनन-सान ने मुझे प्रशिक्षण और प्रतियोगिता में सबसे कठिन और सबसे दर्दनाक क्षणों के माध्यम से आगे बढ़ने का महत्व सिखाया है। कुछ एथलीटों ने मिउरा की तुलना में उसे बेहतर बताया, जिसने प्रतिकूल परिस्थितियों पर पार पाने की क्षमता के कारण अपने करियर में “ज़ोंबी” उपनाम हासिल किया।
शीर्ष पर पहुंचने का लक्ष्य
मिउरा का ONE पदार्पण सही तरह से हो गया है। बावजूद इसके कि वह वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपनी पहली विदेश यात्रा पर गई। उन्होंने मैट पर पूर्व ONE वूमैन स्ट्रॉवेट वर्ल्ड खिताब चैलेंजर लौरा बालिन को पटक दिया और केवल 73 सैकंड के बाद अपने ट्रेडमार्क स्कार्फ-होल्ड आर्मलॉक सबमिशन के माध्यम से उसे हरा दिया। यह स्पष्ट था कि यह जीत उसके लिए कितनी मायने रखती थी। क्योंकि वह रिंग के केंद्र में भावनात्मक रूप से भी लगभग टूट गई थी।
वह कहती है कि “मुझे मिक्सड मार्शल आर्ट में प्रतिस्पर्धा से इतना लगाव इसलिए भी है क्योंकि जब आप जीतकर रिंग में खड़े होते हैं तो हर तरफ आपका नाम पुकारा जाता है और यह सबसे अच्छा एहसास है।
उनके प्रदर्शन ने जूडोका को 2019 में शीर्ष प्रतिभाओं में से एक बना दिया। वह प्रशंसकों को याद दिलाना चाहती है कि ONE: डॉन ऑफ हीरोज पर क्यों है। इस शुक्रवार मिउरा का इरादा एक बार फिर से अपनी शैली में जीतने का है।
वह कहती है कि “अब मेरे लिए पहली बात यह है कि मैं समारा सैंटोस के साथ अपनी अगली लड़ाई भले ही नहीं जीत सकूं लेकिन मैं उसे रोकना चाहती हूं। फिर बाद में इस साल या अगले साल मैं एक विश्व खिताब मैच और विश्व चैंपियन बनना चाहूंगी।”
मनीला | 2 अगस्त | 7PM | डॉन ऑफ हीरोज | टीवी: वैश्विक प्रसारण के लिए स्थानीय सूची का अवलोकन करें | टिकट: http://bit.ly/oneheroes19