इंग्लिश सुपरस्टार इमान बारलौ कैसे बनीं मॉय थाई में ‘प्रीटी किलर’

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ऐसा प्रतीत होता है जैसे इमान “प्रीटी किलर” बारलौ मार्शल आर्ट्स के लिए ही बनी थीं।

शुक्रवार, 11 मार्च को ONE: LIGHTS OUT में बारलौ अपने ONE Championship डेब्यू मैच में डेनियला लोपेज़ से भिड़ेंगी। बारलौ का मॉय थाई गेम शानदार है और उनका प्रोफेशनल रिकॉर्ड 94-6-3 (1 नो कॉन्टेस्ट) का है।

अब 28 वर्षीय स्टार ग्लोबल स्टेज पर शानदार प्रदर्शन कर ONE के स्ट्रॉवेट डिविजन में आगे बढ़ना चाहेंगी।

इससे पहले वो फाइट के लिए सर्कल में उतरें, यहां जानिए इंग्लिश स्टार को “प्रीटी किलर” क्यों कहा जाता है।

मॉय थाई के लिए जन्मीं

बारलौ के मन में बहुत छोटी उम्र में मार्शल आर्ट्स के लिए जुनून पैदा होने लगा था।

उनका जन्म इंग्लैंड के एक छोटे से शहर मेल्टन मॉब्रे में हुआ, जिसे चीज़ और पाई के निर्यात के लिए जाना जाता है। वहीं दूसरी ओर, बारलौ का परिवार भी मॉय थाई से जुड़ा हुआ था।

उनके माता-पिता मॉय थाई से जुड़े रहे। इमान के पिता Assassins Muay Thai जिम चलाते और मां उस क्लब की टॉप चैंपियंस में से एक थीं।

इसलिए इमान का इस खेल से जुड़ा होना कोई चौंकाने वाली बात नहीं, वहीं उनके छोटे भाई, थाई, भी कुछ समय बाद इस खेल से जुड़े और अब प्रोफेशनल फाइटर बन चुके हैं।

“बचपन में मेरे माता-पिता मुझे जिम ले जाया करते थे। मेरे पिता ट्रेनिंग देते और मां ट्रेनिंग करती थीं। मैं वहां बैठकर खिलौनों से खेलती रहती थी।

“मैंने करीब ढाई साल की उम्र में ट्रेनिंग शुरू की। मैंने बड़ी होने के बाद मार्शल आर्ट्स मूव को कॉपी करना शुरू कर दिया। एक पुरानी कहावत है, ‘बंदर वैसा ही करता है जैसा वो देखता है।’ मैंने भी वैसा ही किया।”

अपनी मार्शल आर्ट्स यात्रा को लेकर इमान बारलौ का बयान

बारलौ मॉय थाई के खेल में एक अच्छी शिष्य रहीं, लेकिन आगे चलकर उन्होंने एक अन्य खेल में भी सफलता पाई।

उन्होंने बताया, “मैंने कुछ समय तक घुड़सवारी भी की और बचपन से मुझे खेलों से लगाव रहा था, लेकिन जब चुनाव करने का समय आया मैंने थाई बॉक्सिंग को चुना।”

“मैं रनिंग करती थी और हर तरह की रेस पसंद थी। जब मैं फाइटिंग नहीं कर रही होती थी, तब मैं एथलेटिक्स में हिस्सा ले रही होती थी। आपको बढ़ती उम्र के साथ अहसास होने लगता है कि आपके माता-पिता ने आपके लिए कितना संघर्ष किया है और यही चीज़ मुझे आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करती है।”

‘मुझे किसी चुनौती से डर नहीं लगा’

केवल 4 साल की उम्र में बारलौ ने अपने पहले इंटरक्लब मॉय थाई कॉम्पिटिशन में भाग लिया और यहीं से उनके शानदार करियर की शुरुआत हुई।

उन्होंने बचपन में थाईलैंड में भी फाइट की और वो शुरुआती सफलता साबित कर रही थी कि इस खेल में उन्हें किसी भी चुनौती से डर नहीं लगता।

“शायद मैंने 8 साल की उम्र में पहली बार थाईलैंड में फाइट की और मैं उस तरह का अनुभव हासिल कर रही थी, जैसा आम लोगों को नहीं मिलता। मैंने 12 साल की उम्र में इंग्लैंड में क्वीन के जन्मदिन के मौके पर (इंग्लैंड में सरकारी छुट्टी वाला दिन) फाइट की, लेकिन मुझे किसी चुनौती से डर नहीं लगा।

“मुझे बाद में अहसास हुआ कि वो कितना बड़ा इवेंट था। मैं नेशनल पार्क में फाइट कर रही थी। मेरे पिता ने बताया कि वहां करीब 5 लाख लोग मौजूद थे। जब आप इतने बड़े मौके पर परफॉर्म करते हैं तो इस तरह का अनुभव आपको कठिन परिस्थितियों से निजात पाने में मदद करता है।”

इमान बारलौ ने अपने बचपन के दिनों को याद किया

एक वयस्क बनने तक बारलौ दुनिया की सबसे बेस्ट फीमेल स्ट्राइकर्स में से एक बन चुकी थीं।

उसके बाद उन्होंने Enfusion, Lion Fight, WBC और WPMF में टाइटल्स जीतते हुए अपनी विरासत को आगे बढ़ाना जारी रखा है।

मार्शल आर्ट्स सफर में एक मुश्किल आई

बारलौ को अपने मॉय थाई सफर में एक ही चुनौती का सामना करना पड़ा, लेकिन उस ब्रेक ने उन्हें कॉम्पिटिशन में वापसी के लिए प्रोत्साहित किया।

उन्होंने ONE Championship से कहा:

“स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेरी अपने पिता से बहस हो गई थी। मैं घर से करीब एक साल तक बाहर रही और मस्ती करने और पार्टी करने जैसी चीज़ों पर ध्यान देने लगी थी। मुझे लगा कि मेरे जीवन में उस दौर का आना जरूरी था, जिससे मुझे पता चल सके कि मैं अपने जीवन में क्या करना चाहती हूं।

“मैं काफी समय से थाई बॉक्सिंग कर रही थी, मेरे मन में सवाल था कि क्या मैं इस खेल के लिए बनी हूं। मुझे अपनी डाइट समेत कई कड़े नियमों का पालन करना होता था, बचपन में आप कुछ भी खा लेते हैं, लेकिन मुझे लंच में भी एक डाइट को फॉलो करना होता था। मेरे मन में सवाल था कि, ‘मैं सबसे अलग क्यों हूं?'”

मगर उन्हें सही राह पर आने में ज्यादा समय नहीं लगा। कॉम्पिटिशन से दूर रहने के बाद उन्हें अपने जीवन में फाइटिंग की कमी महसूस होने लगी थी।

उन्होंने कहा, “लाइफ बहुत बोरिंग होने लगी थी इसलिए मैंने थाई बॉक्सिंग में वापस आने का फैसला लिया और यहां से मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसके बाद मुझमें शारीरिक और मानसिक तौर पर भी बहुत सुधार हुआ।”

“एक साल कॉम्पिटिशन से दूर रहने के बाद मुझे अहसास हुआ कि मैं फाइटिंग के लिए ही बनी हूं। ट्रेनिंग दोबारा शुरू करते हुए मुझे पता चला कि मेरा वजन 10-15 किलोग्राम बढ़ चुका है और ये भी पता पता चला कि मेरा स्टैमिना जवाब दे चुका है। शुरुआत में मुझे बहुत परेशानी हुई, लेकिन अब सब ठीक है।”

‘मैं इसी खेल के प्रति समर्पित हूं’

बारलौ ONE Championship में आने से पहले ही मॉय थाई में सबसे बेहतरीन पाउंड-फोर-पाउंड एथलीट्स में से एक बन चुकी थीं और अपने प्रोमोशनल डेब्यू में भी वो इस शानदार सफर को जारी रखना चाहती हैं।

अपनी शानदार स्किल्स और हिम्मत के कारण वो बहुत लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं और अब उनके पास बहुत बड़े फैनबेस को प्रभावित कर दुनिया में एक अलग पहचान बनाने का मौका है।

“मैं नियमित रूप से बड़ी चीज़ों को हासिल करना चाहती हूं। जब तक मेरा करियर चल रहा है, उस दौरान मैं हर संभव चीज़ को हासिल करना चाहती हूं। मैं लोगों को दिखाना चाहती हूं कि आप किसी चीज़ के प्रति प्रतिबद्ध होकर उसे हासिल कर सकते हैं। ये मायने नहीं रखता कि आप पुरुष हैं या महिला, हमें केवल मेहनत करते हुए आगे बढ़ते रहना है।”

बारलौ ने ONE Championship से अपनी महत्वाकांक्षाओं को जाहिर किया

इंग्लिश स्टार इस शुक्रवार सर्कल में कदम रखने को लेकर उत्साहित हैं और अपनी कड़ी मेहनत और त्याग को ध्यान में रख शानदार प्रदर्शन करना चाहती हैं।

उन्होंने कहा, “मैं तीसरे राउंड में स्टॉपेज से जीत हासिल करना चाहती हूं, जिससे पहले और दूसरे राउंड में अपनी स्किल्स से सभी को प्रभावित कर सकूं। मैं लोगों को अपने शानदार गेम से अवगत कराना चाहती हूं।”

“मैं लंबे समय से जिम में कड़ी मेहनत कर रही हूं और सर्कल में पहली बार कदम रखना जैसे किसी सपने के सच होने जैसा है। जब रेफरी कहेंगे, ‘फाइट,’ ‘मेरे दिमाग में यही बात चल रही होगी कि यही समय है जब मैं खुद को इतने बड़े लेवल पर खतरनाक कंटेंडर के रूप में स्थापित कर सकती हूं।'”

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