कैसे मार्शल आर्ट्स की दुनिया में फेयरटेक्स ट्रेनिंग सेंटर ने बनाया अपना दबदबा
दुनिया मे जाना-माना Fairtex Training Center थाइलैंड के पटाया में मार्शल आर्ट्स की बेहतरीन फैसिलिटी के लिए जाना जाता है। हालांकि, 3.5 एकड़ से ज्यादा बड़े एरिया में बने सेंटर से पहले ये एक सेंट्रल बैंकॉक में बसा एक साधारण सा मॉय थाई जिम था।
अब “8 अंगों की कला” में “द बॉक्सिंग कंप्यूटर” योडसंकलाई IWE फेयरटेक्स, सैमापेच फेयरटेक्स व स्टैम्प फेयरटेक्स और मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में डेनिस “द मेनेस फेयरटेक्स” ज़ाम्बोआंगा व मार्क “टायसन” फेयरटेक्स एबेलार्डो जैसे स्टार्स के साथ ये थाई सुपर जिम एक घरेलू नाम बन गया है।
बहुत कम ही लोग इसके शानदार इतिहास के बारे में जानते हैं, जो करीब 50 साल पुराना है।
फेयरटेक्स की शुरुआत
साल 1958 में “फेयरटेक्स” नाम को थाइलैंड में रजिस्टर करवाया गया था।
हालांकि, 1971 के दौरान फिलिप वॉन्ग ने फेयरटेक्स गार्मेंट्स फैक्ट्री कंपनी लिमिटेड की स्थापना की, जो थाई मार्केट के लिए क्वालिटी वाले कपड़े व अन्य चीजें बनाती थीं।
वॉन्ग को हमेशा से मॉय थाई से लगाव था। बचपन में उन्हें काफी परेशान किया जाता था। ऐसे में उन्होंने अपने सेल्फ डिफेंस के लिए मार्शल आर्ट्स का इस्तेमाल किया और अपने साथियों से सम्मान पाया।
इस स्पोर्ट ने उनके लिए जो किया था, उसे याद करते हुए उन्होंने कसम ली थी कि वो इसे एक ग्लोबल ब्रैंड बनाएंगे। साल 1975 में उन्होंने वो करके भी दिखाया, जब बैंकॉक के पड़ोस सुआनप्लू में पहला जिम खोला।
ओल्ड लुम्पिनी स्टेडियम के पास होने से यहां पहुंचना बहुत आसान था, जहां वॉन्ग एक दर्शक के तौर पर बार-बार जाते थे।
उनके लिए ये जिम अपने खेल को सम्मान वापस देने जैसा था और गरीबी में जन्मे लोगों को उबारने में मदद करने के लिए इसमें अवसर देना था। मेन्युफैक्चरिंग के संपन्न बिजनेस चलाने के साथ ये कैंप एक शौक के तौर पर शुरू हुआ था, जिसमें उन्होंने अपना ही पैसा लगाया था।
हालांकि, वॉन्ग की नेचुरल लीडरशिप की काबिलियत और जिम को आगे बढ़ाने में जितनी बारीकी से उन्होंने ध्यान दिया, उसमें ज्यादा समय नहीं लगा।
इसके बाद उन्होंने इसका विस्तार किया। जिम को डाउनटाउन बैंकॉक से बेंगप्ली जिले में शिफ्ट कर लिया गया, जहां उनके बेटे ने चार्ज संभालते ही खुली हवा के साथ, ज्यादा नेचुरल सेटिंग रखी, जिससे दिन में दो बार ट्रेनिंग की जा सकती थी।
वॉन्ग के बेटे प्रेम बुसाराबेवनवॉन्ग जो पटाया वाली लोकेशन के ऑपरेशन हेड थे, वहीं उनका मॉय थाई के लिए प्यार शुरू हुआ।
बुसाराबेवनवॉन्ग ने बताया, “जब मैं बड़ा हो रहा था, तब जो चीजें मुझे याद हैं, उनमें किक मारने के साथ तेज आवाजें शामिल थीं। हर दिन मैं अपने पिता के साथ जिम जाया करता था और वहां रुककर एथलीट्स को ट्रेनिंग करते देखता था।”
“ये हमारे जीवन का हिस्सा बन गया। मैं वही करना चाहता था, जो वो कर रहे थे लेकिन ये मैं पैसों के लिए नहीं बल्कि पैशन और मन के चलते करना चाहता था। अब मुझे मॉय थाई से प्यार हो गया है। ऐसे में ये मेरा जॉब है कि इसका विस्तार करके इसे और बड़ा बनाया जाए।”
जिम स्थापित करने के बाद वॉन्ग लुम्पिनी स्टेडियम में प्रमोटर बन गए। आने वाले वर्षों में जिम ने गोल्डन एरा में कई चैंपियन बनाकर काफी नाम कमाया। इनमें बंकर्ड फेयरटेक्स, नियुंगसिम फेयरटेक्स और जोंगसनान “द वुडनमैन” फेयरटेक्स के नाम प्रमुख हैं।
वॉन्ग दूरदर्शिता वाले व्यक्ति थे। उन्होंने अपनी स्थानीय जगह थाइलैंड से आगे का रास्ता देखा और मॉय थाई को दुनिया भर के दर्शकों तक फैलाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया।
यहां तक कि 1980 में “द लैंड ऑफ स्माइल्स” में फेयरटेक्स अकेला ऐसा जिम था, जो विदेशी लोगों को भी ट्रेनिंग देता था। मशहूर लुम्पिनी स्टेडियम में मुकाबला करने वाले कुछ शुरुआती विदेशियों को लाने में वॉन्ग का हाथ था।
बुसाराबेवनवॉन्ग के मुताबिक, ये बेंगप्ली में जिम था, जिसने फेयरटेक्स को अपने मूल थाइलैंड और विदेश दोनों में खुद का एक नाम बनाने में मदद की थी।
उन्होंने याद करते हुए बताया, “ये सब बंगप्ली वाले जिम से हुआ था, जब सब कुछ अचानक ही बदल गया। वहीं पर हमारे पास सबसे पहले विदेशी एथलीट ट्रेनिंग करने आए और छात्रावास में रुके। मैं जब पैदा हुआ तो बंगप्ली वाले घर में हम लोग चले गए इसलिए ये वो पहला जिम था, जो मुझे याद है।”
जब इंडस्ट्री बदली तो मेन्युफैक्चरिंग विदेशों में होने लगी जैसे कि वियतनाम और चीन में।
परिवार के संरक्षक ने मॉय थाई मार्केट पर फोकस करने और उपकरण निर्माण में अपना हाथ आजमाने का फैसला किया। 1994 में फेयरटेक्स ने अपने पहले बॉक्सिंग ग्लव्स बनाए। वहां से ब्रैंड बढ़ता गया और उपकरणों की एक पूरी शृंखला शामिल हो गई, जिसे चैंपियंस ट्राई और टेस्ट करते थे।
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फेयरटेक्स ने अपनी मौजूदगी ग्लोबल स्टेज पर दर्ज कराई
फेयरटेक्स को अपने आप को देश का टॉप मॉय थाई ब्रैंड बनाकर इंटरनेशनल मार्केट पर छा जाने में ज्यादा समय नहीं लगा।
वॉन्ग को अपने उपकरणों में भी उतनी ही प्रतिभा नजर आई, जितनी कि अपने एथलीट्स में नजर आ रही थी। उन्होंने जब योडसंकलाई का कॉन्ट्रैक्ट उनके पिछले स्ट्राइकर जिम से साल 2005 में खरीदा तो कई सारे लोगों को उनकी क्षमता पर शंका थी कि “द बॉक्सिंग कंप्यूटर” वेस्ट के सुपरस्टार बन पाएंगे।
उसी साल इस दूरदर्शी ने पटाया में फेयरटेक्स ट्रेनिंग सेंटर और होटल खोला। इसके साथ वह अपने एथलीट्स को समुद्र तट वाले शहर में ले आए।
अपने सभी एथलीट्स की सफलता और ट्रेनिंग की हर बारीकी को मेंटॉर करने में वॉन्ग का हाथ माना जाता है।
उदाहरण के लिए, योडसंकलाई जब थाई सर्किट पर मुकाबला करते थे तो वो क्लिंच स्पेशलिस्ट थे लेकिन वो वॉन्ग थे, जिन्होंने उनका स्टाइल बदलकर उन्हें इंटरनेशनल बाउट्स के लिए फिट बना दिया। वॉन्ग के संरक्षण में ही योडसंकलाई के भारी हाथ और करारी लेफ्ट किक को पहचान मिली।
साल 2008 में जब द बॉक्सिंग कंप्यूटर” ने लैजेंड्री जॉन वेन पार को The Contender Asia के सीजन फिनाले में हराया तो वो अचनाक सबकी नजरों में आ गए। ये जीत फेयरटेक्स के नाम और पटाया् स्थित जिम के लिए निर्णायक साबित हुई।
वॉन्ग ने इस इंडस्ट्री में कई सारे चांस लिए और अंत में सभी सही साबित हुए।
उन्होंने इस स्पोर्ट के बदलाव को एक गरीब व्यक्ति के उद्यम से लेकर थाइलैंड में एक्सरसाइज के सबसे लोकप्रिय रूप और उसके आगे तक के भविष्य के रूप में देखा है।
हालांकि, वॉन्ग ने कभी भी अपने पैशन के लिए कदम पीछ नहीं खींचे। ऐसे में अब उनके बेटे ने पटाया लोकेशन की बागडोर संभाल रखी है। बुसाराबेवनवॉन्ग अपने पिता और उनकी बनाई हुई चीजों को ही आदर्श मानते हुए बड़े हुए हैं।
फेयरटेक्स की विरासत को 21वीं सदी में आगे बढ़ाने के लिए ये युवा अपने पिता की बनाई हुई मिसाल पर ही चल रहे हैं।
उन्होंने बताया, “हम वही कर रहे हैं, जो हमें अच्छा लगता है। हमारी कोशिश इसे प्रोफेशनल बनाने की है।”
“हम वो पहले हैं, जिन्होंने प्रोफेशनल और मेगा जिम बनाया। ये हमेशा से ऐसे ही होता आया है। फेयरटेक्स का स्वभाव आपको हमारे हर प्रोडक्ट और फाइटर में देखने का मिलेगा, जो कि प्रोफेशनल, क्लीन और हाई क्वालिटी वाला है।”
“लगातार बेहतर होती हमारी ट्रेनिंग और हमारे फाइटर्स से हमें प्राकृतिक तौर पर उपलब्धि मिली, जिससे हम दुनिया में ट्रेनिंग की सबसे बेहतरीन जगह बनकर उभरे।”
फेयरटेक्स का भविष्य
अब कैंप में काफी सारे नए एथलीट मौजूद हैं, जो चीजों को आगे ले जा रहे हैं। इनमें सबसे आगे युवा स्टैम्प फेयरटेक्स हैं, जो जिम की पहली महिला प्रतियोगी हैं।
स्टैम्प ONE एटमवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियनशिप पर राज कर रही हैं। वो पांच साल की उम्र से मुकाबला करती आ रही हैं लेकिन फेयरटेक्स आने के बाद से वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धमाल मचा रही हैं।
पटाया स्थित मेगा जिम से ही उन्होंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करियर की शुरुआत की थी और अब उनके पास 4-0 का शानदार प्रोफेशनल रिकॉर्ड भी है।
फेयरटेक्स का मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में शामिल होना काफी बड़ा कदम था, जिसे लेकर काफी बहस भी हुई थी।
फेयरटेक्स ट्रेनिंग सेंटर के मैनेजिंग डायरेक्टर बुसाराबेवनवॉन्ग ये मानते हैं कि उनके पिता इस तेजी से बढ़ते हुए खेल को जिम की विरासत में नहीं शामिल करना चाहते थे।
उन्होंने बताया, “मेरे पिता काफी संकोची थे क्योंकि उन्हें मॉय थाई से बहुत प्यार था लेकिन करीब ढ़ाई साल पहले हमने उन्हें मना लिया।”
“मार्केट बदल रहा था और हम मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स टीम शुरू करना चाहते थे। इक्विपमेंट की ओर से तो हमने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की तरफ विस्तार करके ग्लव्स, गी और ट्रेनिंग गियर बनाना शुरू कर दिए थे। इसके साथ ही हम मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में खुद के चैंपियन भी चाहते थे इसलिए हमने एक टीम बनानी शुरू कर दी।”
इसमें ONE Championship के बेहतरीन एथलीट्स जैसे मार्क एबेलार्डो, डेनिस ज़ाम्बोआंगा, जेनी “लेडी गोगो” हुआंग और स्टैम्प भी शामिल हैं।
स्टैम्प ने बताया, “फेयरटेक्स एक ऐसा जिम है, जो खुलते ही मौके देता है। मिस्टर वॉन्ग हमेशा ही हमारा खयाल रखते और भरपूर समर्थन करते हैं।”
“मिस्टर वॉन्ग के कारण फेयरटेक्स जिम दूसरे जिमों से बिल्कुल अलग है। वो हर बारीकी से हमारा खयाल रखते हैं। हम खाना और स्टे फ्री में करते हैं बल्कि वो हमें हमारी पढ़ाई में भी मदद करते हैं। हमारी ट्रेनिंग के लिए वो स्पेशल कोच बुलाते हैं, जो अपने फील्ड में बेस्ट होते हैं।”
स्पोर्ट में महिला एथलीट के तौर पर स्टैम्प की सफलता के चलते उन्होंने पूरी दुनिया के एथलीट्स को प्रभावित किया है।
उदाहरण के लिए, ज़ाम्बोआंगा अपना घर छोड़कर फिलीपींस से थाइलैंड आ गईं, ताकि वो फेयरटेक्स में फुल टाइम ट्रेनिंग कर सकें। वर्तमान में इस फिलीपीना एथलीट के पास प्रोफेशनल मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में 7-0 का का रिकॉर्ड है। इस समय वो विमेंस एटमवेट डिविजन में नंबर-1 कंटेंडर हैं।
उन्होंने बताया, “मैंने फेयरटेक्स इसलिए चुना क्योंकि मैं वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग लेकर चैंपियनों के साथ खुद को ट्रेन करना चाहती थी, ताकि मैं खुद को चुनौती दे सकूं।”
“फेयरटेक्स में ट्रेनिंग करने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि यहां मेरे ट्रेनिंग पार्टनर्स सामान्य लोग भी हो सकते हैं और स्टैंप फेयरटेक्स जैसे वर्ल्ड चैंपियंस भी।”
फेयरटेक्स की सफलता की जड़ें पैशन से जुड़ी हुई हैं, ताकि बेस्ट दिया जा सके। अब जब ये जिम ONE Championship के साथ नए युग की शुरुआत कर रहा है, तो ऐसे में ये बताना मुश्किला होगा कि ये अपने एथलीट्स को कितनी दूरी तक ले जाने वाला है।
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