कैसे आइज़ैक मिशेल की ‘आध्यात्मिक यात्रा’ ने उन्हें वर्ल्ड चैंपियनशिप मैच हासिल करवाया
आइज़ैक मिशेल का सबमिशन ग्रैपलिंग की दुनिया के टॉप पर आने का सफर काफी चुनौती भरा रहा है।
अब ऑस्ट्रेलियाई स्टार अपने करियर के सबसे बड़े मौके के लिए ग्लोबल स्टेज पर मुकाबला करेंगे, उनका सामना अमेरिकी सनसनी टाय रुओटोलो से ONE वेल्टरवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड टाइटल के लिए होगा।
6 अप्रैल को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में होने वाले ONE Fight Night 21: Eersel vs. Nicolas में ये मुकाबला होगा, जिस पर दुनिया भर के ग्रैपलिंग फैंस की नजरें टिकी हुई हैं।
इससे पहले कि उनका सामना रुओटोलो के साथ हो, आइए नजर डालते हैं कि मिशेल का कामयाबी हासिल करने का सफर कैसा रहा है।
जिउ-जित्सु से हुआ लगाव
दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में जन्मे मिशेल को खेलों से बहुत लगाव था। उन्होंने सर्फिंग से लेकर स्नोबोर्डिंग और ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉल में अच्छा किया।
फुटबॉल खेलने के दौरान उन्हें आभास हुआ कि वो अधिक शारीरिक क्षमता वाले खेल में अच्छा कर सकते हैं और यहां से मार्शल आर्ट्स का सफर शुरु हुआ।
उन्होंने एक एथलीट के रूप में अपने शुरुआती दिनों के बारे में बताया:
“मैं ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉल खेल रहा था। मैं स्कूल में दूसरे खेल, स्केटबॉर्डिंग, सर्फिंग काफी कुछ कर रहा था। मुझे फुटबॉल के खेल में जुझारुपन वाली बात काफी अच्छी लगी। मैंने सोचा कि क्यों ना ऐसी जगह तलाशी जाए, जहां मैं अपनी फाइटिंग स्किल्स को इस्तेमाल कर सकूं।”
मात्र 16 वर्ष की आयु में मॉय थाई और किकबॉक्सिंग करने के बाद मिशेल को ग्रैपलिंग और ब्राजीलियन जिउ-जित्सु से खासा लगाव हो गया।
ग्रैपलिंग की कला में अपनी प्रतिभा को देखते हुए उन्होंने बाकी खेलों को छोड़कर सिर्फ BJJ पर ध्यान लगाना शुरु कर दिया:
“मैं स्केटबोर्डिंग को लेकर काफी गंभीर था और स्पॉन्सर ढूंढ़ने का प्रयास कर रहा था। सर्फिंग की वजह से मुझे हमेशा खुशी मिलती थी। लेकिन जिउ-जित्सु शुरु करने के बाद मुझे इससे बहुत लगाव हो गया और ये जारी है।”
दुनिया के अलग-अलग जिम में ट्रेनिंग
मिशेल BJJ को लेकर काफी गंभीर थे। स्कूल पूरा करने के बाद युवा ऑस्ट्रेलियाई स्टार अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर निकल गए ताकि वो दुनिया के सबसे अच्छे जिमों में प्रतिभाशाली एथलीट्स के खिलाफ ट्रेनिंग कर सकें।
उन्होंने खानाबदोश वाली जिंदगी जी और एक एकेडमी से दूसरी एकेडमी और एक टूर्नामेंट से दूसरे टूर्नामेंट में हिस्सा लिया।
उन्होंने बताया:
“मैं BJJ काफी कर रहा था और जब 18 का हुआ तो घूमना शुरु किया। मुझे घूमने और जिउ-जित्सु में आनंद आता था। मैं जिउ-जित्सु के लिए घूम रहा था। चाहे फिर वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए अमेरिका जाना हो, किसी जिम में महीना बिताने के लिए और इसकी वजह से दुनिया घूम पाया।”
मिशेल की यात्रा उन्हें पूरे उत्तर अमेरिका, जिसमें कनाडा से कोस्टा रिका तक की रोड ट्रिप भी शामिल है, ले गई। इस दौरान उन्होंने मैरीलैंड स्थित Team Lloyd Irvin और न्यूयॉर्क के Renzo Gracie Academy में ट्रेनिंग की।
उन्होंने बताया:
“विदेश जाना, बड़ी टीम का हिस्सा बनना और ऐसा कुछ पहली बार अनुभव करना, ये आंखें खोलने वाला रहा।”
जीवन के सही मायनों की तलाश
25 वर्षीय की उम्र तक एडिलेड निवासी एथलीट ने खुद को दुनिया के टॉप सबमिशन ग्रैपलर्स में से एक बना लिया था। इस दौरान उन्होंने कई सारे बड़े नामों को भी हराया।
लेकिन मिशेल के लिए BJJ सिर्फ मेडल जीतने तक ही सीमित नहीं है बल्कि उन्हें इससे खुशी का अहसास होता है।
उन्होंने कहा:
“जब मैं बड़ा हो रहा था, तब मेरे माता-पिता अलग हो गए और इस चीज ने मुझे जिउ-जित्सु में अच्छा करने में मदद की। मैं हर रोज इसकी प्रैक्टिस कर खुश था।
“ना सिर्फ ये मेरे लिए एक करियर था बल्कि जीने का तरीका बन गया था। लेकिन ये एक आध्यात्मिक यात्रा रही है और सही मायनों की तलाश। इसके लिए मैं जिउ-जित्सु का धन्यवाद करता हूं।”
भले ही उन्हें खेल के सबसे दिलचस्प और आक्रामक स्टाइल वाले ग्रैपलर्स में से एक माना जाता हो, लेकिन मिशेल का मानना है कि जिउ-जित्सु ने उन्हें मैट पर और मैट के बाहर शांति प्रदान करने में मदद की है।
उन्होंने समझाया:
“मैंने पाया कि आप बहुत शांत हो सकते हैं। फिर आप मैट और मैट के बाहर भी ये चीज कर सकते हैं।”
ऑस्ट्रेलिया में खेल की लोकप्रियता बढ़ाने का लक्ष्य
मिशेल की दुनिया भर में यात्रा और शानदार करियर के कारण ही उन्हें ONE Fight Night 21 में वर्ल्ड टाइटल मैच हासिल हुआ है।
वो जानते हैं कि ONE का बड़ा प्लेटफॉर्म और रोस्टर में पाउंड-फोर-पाउंड दिग्गजों जैसे माइकी मुसुमेची, टाय और केड रुओटोलो के होने की वजह से इस खेल को बढ़ने में बहुत मदद मिली है।
उन्होंने कहा:
“मैं मानता हूं कि ONE Championship दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है क्योंकि वो सर्वश्रेष्ठ लोगों को ला रहे हैं और दूसरों को भी अच्छे मौके दे रहे हैं।”
फिलहाल मिशेल का ध्यान सिर्फ और सिर्फ रुओटोलो के खिलाफ होने वाले वर्ल्ड टाइटल मैच पर टिका है।
लेकिन वो अभी से तय कर चुके हैं कि उन्हें एक खिलाड़ी के रूप में रिटायर हो जाने के बाद क्या करना है। वो लोगों का जीवन बदलते हुए ऑस्ट्रेलिया में जिउ-जित्सु का विस्तार करना चाहते हैं।
उन्होंने बताया:
“मैं अपने करियर के बाद ऑस्ट्रेलिया में एक स्कूल खोलना चाहता हूं और लोगों को उन चीजों के बारे में बता सकूं, जो मैंने विदेश में रहकर सीखीं।
“मैं जिउ-जित्सु को ऑस्ट्रेलिया के लोगों के जीवन में शामिल करना चाहता हूं। इससे ना सिर्फ ऑस्ट्रेलिया से चैंपियन निकलकर सामने आएंगे बल्कि जिउ-जित्सु उनकी जिंदगी बदलने में भी सफल होगा।”