लिटो आदिवांग मुसीबतों को पीछे छोड़ कैसे बड़े स्टार बने

Filipino strawweight Lito Adiwang flexes before his match at ONE: CENTURY

अक्टूबर, 2018 में रिच फ्रैंकलिन के ONE Warrior Series (OWS) में डेब्यू करने के बाद से ही लिटो “थंडर किड” आदिवांग शानदार प्रदर्शन करते आए हैं।

अब टैलेंटेड स्ट्रॉवेट एथलीट इस शुक्रवार, 31 जनवरी को फिलीपींस में पोंगसिरी “द स्माइलिंग असासिन” मिटसाटिट के खिलाफ जीत दर्ज कर अपने शानदार सफर को जारी रखने की कोशिश करेंगे।

मनीला के मॉल ऑफ एशिया एरीना के सर्कल में थाईलैंड के प्रतिद्वंदी का सामना करने से पहले आइए जानते हैं कि वो क्या चीजें रहीं जिन्होंने आदिवांग को इतना बड़ा स्टार बनाया है।

कैसे हुई शुरुआत

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लिटो आदिवांग बागियो में पले-बढ़े हैं और वो अपने सात भाई-बहनों में से सबसे छोटे हैं। उनके माता-पिता किसानी करते हैं लेकिन आदिवांग के स्कूली दिनों के समय वो अलग हो गए थे।

ये दौर उनके लिए काफी मुश्किल था लेकिन जल्द ही उन्होंने इन परेशानियों का सामना करना सीख लिया था।

उन्होंने कहा, “जब मेरे माता-पिता अलग हुए, तब मैं और मेरे बड़े भाई ही उनके साथ रह रहे थे। दूसरे भाई-बहन बाहर पढ़ाई कर रहे थे इसलिए उन्होंने अपने स्कूलों के पास ही किराए पर रहने पर शुरू कर दिया। मैं घर के पास ही पढ़ाई कर रहा था इसलिए मैं घर पर ही रहता था।”

“मुझे लगता है कि मैंने खेल और मार्शल आर्ट्स इसलिए सीखा जिससे मेरे पास विकल्प हो सके। घर पर जो हमें समस्याएं झेलनी पड़ रही थीं उससे किसी अन्य चीज पर फ़ोकस कर पाना बहुत मुश्किल था और उसके बाद पढ़ाई पर भी ध्यान देना था।

“मैंने सोचा कि स्पोर्ट्स मुझे भावनात्मक तनाव को कम करने में मदद कर सकते थे।”

मैनी पैकियाओ के करियर से प्रेरित होकर आदिवांग Baguio सिटी नेशनल हाई स्कूल में Tomas Annex बॉक्सिंग टीम का हिस्सा बने। उन्होंने कई मौकों पर अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व किया।

कॉलेज से आदिवांग ने डिग्री प्राप्त की जिससे वो फिजिकल एजुकेशन की शिक्षा देने का करियर बना सकें।

इस दौरान उन्होंने मार्शल आर्ट्स से वुशु पर अपना ध्यान केंद्रित किया और 2 बार रीज़नल और नेशनल चैंपियन बने।

एक नया सपना

वुशु में सफलता हासिल करने के बाद आदिवांग ने फिलीपींस की नेशनल टीम का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफलता हासिल की। हालांकि, उन्हें अपनी पढ़ाई और मार्शल आर्ट्स करियर के बीच सामंजस्य बैठाने में मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा।

उन्होंने बताया, “मैं एक ही समय पर ट्रेनिंग और पढ़ाई करते हुए दबाव महसूस कर रहा था इसलिए मैंने इनमें से केवल एक का ही चुनाव करने का फैसला लिया।”

“जब मैं बड़ा हुआ तो मुझे एहसास हुआ कि मैं हमेशा स्कूल वापस जा सकता हूँ। बड़ी उम्र में शायद मैं इतना बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाता इसलिए मैंने मार्शल आर्ट्स का चुनाव करना ठीक समझा।”

आदिवांग ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व किया लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी ज्यादा प्रशंसा नहीं हुई। उन्हें खाली हाथ घर लौटना पड़ा लेकिन उन्हें एहसास हुआ कि वो अब एक दोराहे पर आ खड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा, “बागियो जाने से पहले हमसे पूछा गया कि क्या हम वुशु में ही आगे बढ़ना चाहते हैं या किसी दूसरी दिशा में आगे बढ़ना चाह रहे हैं।”

“वो मेरे लिए बहुत मुश्किल समय था क्योंकि मैं तय नहीं कर पा रहा था कि क्या मुझे वापस स्कूल लौट जाना चाहिए या नेशनल टीम के साथ अपने सफर को जारी रखना चाहिए। यदि मैंने नेशनल टीम को चुना तो मुझे मनीला में रहना पड़ता। मैं वापस घर गया और सौभाग्य से वहाँ एक मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स इवेंट हो रहा था। उसके बाद मैंने प्रोफेशनल करियर की ओर ध्यान देना शुरू कर दिया।”

उन्होंने Tribal Torogi को जॉइन किया, जहाँ उन्हें मार्शल आर्ट्स मैचों में अपनी जिम का प्रतिनिधत्व करने और सिखाने का भी मौका मिला। उसके बाद उन्हें Muayfit Malaysia में कोच के रूप में नियुक्त किया गया जहाँ उनके अंदर एक बार फिर रिंग में उतरने की भूख बढ़ने लगी थी।

सीखकर आगे बढे

मलेशिया में आदिवंग ने अपनी स्ट्राइकिंग में सुधार किया और जोहोर में हुए एक ब्राजीलियन जिउ-जित्सु टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता और Copa Da Malaysia में रजत पदक जीता।

अच्छा अनुभव और सफलता होने के बाद आदिवांग को एहसास होने लगा कि मार्शल आर्ट्स में उन्हें आगे बढ़ने के लिए हमेशा कुछ नया सीखते रहना होगा और इस मानसिकता से उन्हें खुद की स्किल्स में सुधार करने में मदद भी मिली।

उन्होंने कहा, “एक तरफ मैं Muayfit में ट्रेनिंग दे रहा था, मेरे स्टूडेंट अलग-अलग प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे थे। मुझे एहसास होने लगा था कि कई ऐसी चीजें हैं जो स्टूडेंट, कोचों से नहीं सीख सकते।

“उन्होंने मुझे एक बार फिर रिंग में उतरने की सलाह दी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की जिम जॉइन करने की सलाह भी दी, जहाँ मैं और भी नई चीजें सीख सकता था।”

लंबे विचार के बाद और स्टूडेंट्स द्वारा मिल रही वित्तीय मदद से आदिवांग AKA थाईलैंड गए और अगले डेढ़ साल तक अपनी स्किल्स में सुधार करने पर काम किया।

वो टीम में ना केवल एक एथलीट के रूप से जुड़े बल्कि उन्हें कोचिंग टीम को जॉइन करने का भी ऑफर दिया गया लेकिन उनका फ़ोकस प्रोफेशनल मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट बनने पर ज्यादा था।

उन्होंने बताया, “मैंने पहले की तरह कोचिंग और एक एथलीट के रूप में भी आगे बढ़ना जारी रखा लेकिन इससे मुझे किसी एक चीज पर ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत आ रही थी।”

“इसलिए मैंने किसी एक को चुनने का फैसला लिया और अब मैं एक एथलीट के रूप में आगे बढ़कर यहाँ पहुंचा हूँ। मैं ट्रेनिंग और नई चीजें सीखने पर ज्यादा ध्यान दे रहा था।”

घर वापस आए

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एक एथलीट के रूप में सफल होने के बाद वो एशिया के आसपास का दौरा करने लगे और आदिवांग को Team Lakay के अपने पुराने साथियों से मिलने का मौका भी मिला और इसी टीम ने उन्हें OWS में जगह दिलाई थी।

उन्होंने बताया, “मेरी शुरुआत Team Lakay से हुई थी।”

“वुशु में जाने से पहले मैं उनके साथ वुशु की बेसिक ट्रेनिंग लिया करता था, क्योंकि वो बेस्ट हैं और हमारे प्रांत में माना जाता है कि वुशु की शुरुआत यहीं से हुई थी।

“दिसंबर 2017 के करीब सर रिच फ्रैंकलिन मनीला में ट्राइआउट कर रहे थे। मैं नवंबर में वापस घर गया और Team Lakay मेंबर्स से मिला।

“उन्होंने मुझसे कहा कि यहाँ एक ट्राइआउट हो रहा है इसलिए मैंने उसके लिए तैयारी की और वहाँ गया भी। वहाँ कई एथलीट मौजूद थे इसलिए शुरुआत में मुझे किसी ने मुझे पहचाना नहीं लेकिन वहाँ हमारे नाम पहले से रिजर्व लिस्ट में शामिल थे। जब उन्होंने अगस्त 2018 में एक बार फिर ट्राइआउट किया, मैं वहाँ भी गया और सौभाग्य से इस बार मेरा सेलेक्शन हुआ।”

स्ट्रॉवेट एथलीट को अक्टूबर 2018 में तीसरे OWS इवेंट में मैच मिला और Phuket Top Team के मैनुएल हुएर्ता “टिक” के खिलाफ उन्होंने इवेंट के सबसे शानदार नॉकआउट में से एक अपने नाम किया और इसी के साथ उनका रिकॉर्ड 7-2 का हो गया था।

अब आगे क्या होगा?

Lito Adiwang defeats Senzo Ikeda at ONE CENTURY

फिलीपींस के स्टार के करियर ने वहाँ से जैसे रफ़्तार ही पकड़ ली थी। फरवरी 2019 में हुए OWS 4 में उन्होंने एल्बर्टो को पहले राउंड में तकनीकी नॉकआउट से हराया। अगस्त 2019 में हुए OWS 5 में उन्हें एंथनी डो पर सर्वसम्मत निर्णय से जीत मिली।

एंथनी के खिलाफ आई जीत ने “थंडर किड” को मेन रोस्टर का कॉन्ट्रैक्ट दिलाने में मदद की और अक्टूबर में ONE: CENTURY में अपने डेब्यू मुकाबले में उन्होंने पहले ही राउंड में जापान के अनुभवी स्टार्स में से एक सेन्जो अकीडा को TKO से हराकर दर्शा दिया था कि वो मेन रोस्टर कॉन्ट्रैक्ट के वाकई में हक़दार रहे।

इस शुक्रवार, 31 जनवरी को आदिवांग को एक अलग तरह का अनुभव प्राप्त होने वाला है। ONE: FIRE AND FURY में वो ONE सर्कल में पहली बार अपने देशवासियों के सामने मैच के लिए उतर रहे हैं।

26 वर्षीय एथलीट ने दिखा दिया है कि उनके पास वो स्किल्स हैं जिनके भरोसे वो आगे बढ़ सकते हैं और मॉल ऑफ एशिया में बड़ी जीत उन्हें स्ट्रॉवेट डिविजन में एक नए सुपरस्टार का दर्जा दिला सकती है।

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मनीला | 31 जनवरी | ONE: FIRE & FURY | टिकेट्सयहां क्लिक करें  

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