मार्शल आर्ट ने इलियास एन्नाहाची को परेशानियों से बाहर निकालकर दिया गौरव का मार्ग
इलियास एन्नाहाची ONE सुपर सीरीज़ में कदम रखने वाले सबसे नए डच-मोरक्को किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन हैं। उन्होंने अपने पदार्पण में पेचडम “द बेबी शार्क” पेचीइंडी अकादमी को हराकर फिर से स्वर्ण पर कब्जा करने की योजना बनाई है।
नीदरलैंड के 23 वर्षीय खिलाड़ी उस समय शीर्ष पर पहुंच जाएगा जब वह 16 अगस्त शुक्रवार को ONE फ्लाइवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए ONE: ड्रीम्स ऑफ गोल्ड में थाई सुपरस्टार से भिड़ेंगे।
The Home Of Martial Arts में एन्नाहाची एक नया नाम हो सकता है, लेकिन उनके छह किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल बताते हैं कि
थाईलैंड के बैंकॉक स्थित इम्पैक्ट एरिना में उनके डिवीजन के नंबर एक को उनके खिलाफ अपने करियर की सबसे कठिन परीक्षा देनी पड़ेगी।
इससे पहले कि वह बेल्ट पर कब्जा करने के लिए पेचडम के गृहनगर पहुंचे, उससे पहले एसबी जिम प्रतिनिधि ने खुलासा किया कि कैसे जीवन भर की मेहनत ने उन्हें एक विशिष्ट एथलीट बना दिया है और उन्हें मार्शल आर्ट के लिए वैश्विक मंच पर कदम रखने के लिए तैयार किया है।
सम्मान के लिए जूझता एक परिवार
एन्नाहाची का जन्म नीदरलैंड के उट्रेच में मोरक्को निवासी माता-पिता के यहां हुआ था। उनके माता-पिता को परिवार को बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए काफी तकलीफो का सामना करना पड़ा था।
वह बताते हैं कि अप्रवासी होने के कारण लोग उन्हें रिफ्यूजी की नजरों से देखते थे। ऐसे में उन्हें अपने अधिकारों के भी लड़ाई लड़नी पड़ती थी। कई बार तो उनके पिता को कई लोगों से फाइट तक करनी पड़ती थी।
वह बताते हैं कि उनका मूल निवास मोरक्को है, लेकिन उनका जम्न नीदरलैंड में हुआ था। वह तब से नीदरलैंड में ही रह रहे हैं और यहीं पर बड़े हुए हैं। उनका जीवन नीरदलैंड में ही शुरु हुआ और अब यह उन्हें अपने घर जैसा लगता है।
उनके पिता स्थानीय नगरपालिका में कचरा एकत्रित करने वालों में थे, जबकि उनकी मां घर पर रहकर बच्चों की देखभाल करती थी। वह एक सेवानिवृत की तरह घर पर काम करती थी। उन्हीं के प्रयासों से आज उनके बच्चों को अच्छी परवरिश मिली है।
वह कहते हैं कि उनका बचपन अपने भाई-बहनों के साथ बीता और जहां उनका पालन-पोषण हुआ वह बहुत अच्छी जगह है। उनका परिवार ही उनकी दुनिया है और वही उनका प्ररेणा स्त्रोत भी है।
खून में दौड़ता है मार्शल आर्ट
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एन्नाहाची ने अपने पिता और चाचा के जरिए मार्शल आर्ट्स के बारे में जाना था। वे दोनों शौकिया कराटेबाज थे। उनके पिता हमेशा मार्शल आर्ट का अभ्यास करते रहते थे। उन्होंने और उनके भाई ने कराटे का अभयास किया और मेरे चचेरे भाइयों ने किकबॉक्सिंग का अभ्यास किया। उन्हें लगता है कि मार्शल आर्ट उनके खून में दौड़ता है।
बचपन में फुटबॉल ही एन्नाहाची का जुनून था। जिम में शामिल होने से पहले वह बहुत लंबे नहीं थे। अपने रिश्तेदारों में यह एक चुनौती थी। उन्होंने 11 साल की उम्र में अपना पहला किकबॉक्सिंग सबक लिया था। उनके चचेरे भाई ने बताया कि उनकी उम्र का एक और लड़का था जो एक अच्छा किकबॉक्सर है और उन्हें हरा सकता है।
एन्नाहाची बताते हैं कि वह शुरू से ही विश्वास से लबरेज रहे हैं। ऐसे में जब भी लोग कहते थे कि मैं कुछ नहीं कर सकता तो मैं उन्हें खुद को साबित करके दिखाना चाहता था। इसके बाद उन्होंने अपने चचेरे भाई के जिम में प्रवेश लिया और फिर उससे फाइट करना शुरू कर दिया। उस दौरान मेरे ट्रेनर ने बताया कि मैंने बहुत अच्छा किया है, इसलिए मुझे बेच दिया गया। दो महीने बाद, मेरी पहली फाइट थी।
अपनी पहली बाउट के बाद, युवा डचमैन झुका हुआ था और उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनके पिता उनके मुख्य समर्थक थे, और उनके एक प्रशिक्षण सहयोगी के रूप में उन्होंने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि उनका बेटा उनकी इच्छा को पूरा करे।
वह कहते हैं कि मार्शल आर्ट उन्हें एक अच्छा एहसास देता है। फाइट में कड़ी मेहनत के बाद आपको जो सम्मान मिलता है। उसका अलग ही अहसास होता है। अभी तो वह महज 23 साल के ही हैं।
उन्होंने कहा कि ”उन्होंने सबसे ज्यादा अपने पिता की प्रशंसा की। उन्होंने हमेशा मुझे प्रशिक्षण में शामिल किया और वह अब भी ऐसा ही करते हैं। इससे मुझे ऊर्जा और शक्ति मिली कि मैं कड़ी मेहनत करूं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूं।”
सही दिशा में निर्देशित
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एन्नाहाची ने अपने पिता के लिए जो सम्मान रखा था, वह उन्हें तनाव में ले गया। यह तनाव उनके मार्शल आर्ट करियर को पटरी से उतरा सकता था। जब वह 16 साल के थे तो उन्होंने अच्छे समय की तलाश में अपने प्रशिक्षण की उपेक्षा करना शुरू कर दिया।
उन्हें दोस्तों व मार्शल आर्ट में से एक का चयन करना पड़ा। क्योंकि उन्होंने अपने दोस्तों के साथ के लिए किकबॉक्सिंग की उपेक्षा करना शुरू कर दिया था और गलत रास्ते पर चल रहा था। उस दौरान वह देर से घर आते थे और बुरी आदतों के शिकार हो गए थे।
17 साल की उम्र में उनके पिता ने उन्हें अपने भविष्य के बारे में सोचने के लिए कहा और उन्हें एक अल्टीमेटम दिया कि या तो किकबॉक्सिंग को गंभीरता से लें और रिंग से वापस चले जाएं। इससे वह अपने सालों की मेहनत को आसानी से बर्बाद कर देंगे। उस दौरान मार्शल आर्ट व दोस्तों में से किसी एक का चयन करना बहुत मुश्किल था। वह दोनों चीजें एकसाथ करना चाहते थे।
हालांकि मेरे पिता की बातों ने मेरी आंखें खोल दी और मार्शल आर्ट का चुन लिया। इस मार्शल आर्ट ने उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए स्थिरता प्रदान की। इसके बाद सब कुछ ठीक होने लगा और लगातार आगे बढ़ता गया।
मार्शल आर्ट को चुनने के बाद मैने सुनिश्चित किया कि मैं बुरी चीजों को पीछे छोड़ सकता हूं। मार्शल आर्ट ने मुझे सम्मान देना, कम उम्र में परिपक्व होना और आपके पास मौजूद चीजों से खुश होना सिखा दिया।
सफलता के मार्ग पर नहीं देखा पीछे मुड़कर
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Posted by ONE Championship on Wednesday, July 17, 2019
अपने खेल के लिए नए सिरे से प्रतिबद्धता के साथ एन्नाहाची ने बड़ी सफलता हासिल की। उन्होंने अपने करियर में 34-3 का शानदार रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने एनफ्यूजन वर्ल्ड टाइटल जीता और उसका बचाव किया। ब्लेड वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने के लिए जापान की यात्रा की और चीन में डब्ल्यूएफएल वर्ल्ड टाइटल पर भी अपना कब्जा जमाया।
उनकी सफलता ने रिंग में उनकी रोमांचक शैली के साथ उन्हें दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट संगठन के साथ अनुबंध दिला दिया। अब उन्हें लगता है कि उनके पास अपने कौशल का प्रदर्शन करने और खेल में सबसे बड़ा पुरस्कार जीतने का सबसे अच्छा मंच है।
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने ONE Championship साथ करार किया तो अहसास हुआ कि उन्हें उनकी सारी मेहनत का फल मिलना शुरू हो गया है। ONE ने उनके लिए वो दरवाजे खोले हैं जिनके जरिए वह खुद को साबित करते हुए अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पेचडम को हराना कोई आसान काम नहीं है। आखिरकार वह भी मूवा थाई और किकबॉक्सिंग की शीर्ष रैंक पर रहे हैं। हालांकि एन्नाहाची के पास आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा और भूख है फिर चाहे कोई भी थाई उस के सामने हो।
एन्नाहाची कहते हैं कि “मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा मेरे माता-पिता द्वारा सिखया गई लड़ना नहीं छोड़ने की बात है। मैं अपने परिवार को और अधिक साबित करना चाहता हूं। मैं मेरी पत्नी, बहन, भाई व माता-पिता को प्रशिक्षण व बलिदान का कर्ज चुकाना चाहता हूं।”