कैसे मेहदी ज़टूट ने पूरा किया अपने बचपन का सपना
मेहदी “डायमंड हार्ट” ज़टूट ONE Super Series में छाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और 2020 को अपने ONE करियर का सबसे यादगार साल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
36 वर्षीय स्टार शुक्रवार, 14 अगस्त को ONE: NO SURRENDER II के किकबॉक्सिंग बेंटमवेट मैच में लियो पिंटो का सामना करने वाले हैं।
ज़टूट जो पटाया में स्थित Venum Training Camp के सह-मालिक हैं और वो अपनी किकबॉक्सिंग और मॉय थाई स्किल्स का शानदार प्रदर्शन कर दुनिया भर के फैंस को आकर्षित करना चाहते हैं।
इससे पहले ज़टूट मैच के लिए रिंग में उतरें, आपको उनके बारे में जानना बहुत जरूरी है।
मॉय थाई से बचपन से ही रहा है लगाव
ज़टूट की मॉय थाई से पहचान स्कूल के कुछ दोस्तों ने करवाई थी। उनके दोस्त फ्रांस की राजधानी पेरिस के नोइजी-से-लेक नामक उपनगर में स्थित एक जिम में ट्रेनिंग करते थे। जल्दी ही ज़टूट का भी मॉय थाई के प्रति लगाव बढ़ने लगा।
उन्होंने बताया, “मैंने मॉय थाई की ट्रेनिंग 10 साल की उम्र में शुरू की थी और उस समय हमारी 10 लोगों की एक टीम हुआ करती थी।”
एक तरफ ज़टूट पढ़ाई भी कर रहे थे लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी मॉय थाई से बाहर किसी चीज को अपना करियर बनाने के बारे में नहीं सोचा था। वो मार्शल आर्ट्स की आगे की ट्रेनिंग के लिए थाईलैंड भी आए।
शायद ही फ्रांस के युवा लोग मॉय थाई को करियर बनाने के बारे में सोचते हों लेकिन ज़टूट का ये बचपन का सपना था कि वो बड़े होकर एक कॉम्बैट स्पोर्ट्स के एथलीट बनें। ये सौभाग्य की बात रही कि इसमें उन्हें अपनी मां का भी साथ मिला।
उन्होंने आगे कहा, “मैं जो भी कर रहा था, उसमें मेरी मां ने भी मेरा पूरा साथ दिया।”
“मैंने कभी कॉलेज की पढ़ाई के बारे में नहीं सोचा। मैं हमेशा मॉय थाई के सपने देखता था। फ्रांस में रहकर मैं काम कर रहा था लेकिन काम पर जाने से पहले ट्रेनिंग भी करता और ब्रेक के दौरान मॉय थाई की ट्रेनिंग या दौड़ के लिए जाता था।”
थाईलैंड का सफर
फ्रांस में ज़टूट उस समय ऐसे युवा स्टार्स के साथ ट्रेनिंग कर रहे थे, जिनके लिए कड़ी मेहनत ही सब कुछ थी और जब भी उन्हें मैच मिल रहे थे तो उनमें भाग लेने से भी पीछे नहीं हट रहे थे। इतना सब कुछ वो अपने फैमिली बिजनेस को संभालते हुए कर रहे थे, जिसमें वो बाथरूम के सामान बेचा करते थे।
कंपनी को इतना समय देते हुए भी उन्होंने अपने दिल की सुनी और मॉय थाई से अपने लगाव को ध्यान में रख उन्होंने अपना स्टोर खोलने का निश्चय किया।
उन्होंने बताया, “मेरे पास जो कुछ भी था, मैंने सब बेच दिया था। मेरी गाड़ी समेत सब कुछ और अपना खुद का बॉक्सिंग जिम खोला।”
उन्हें जब अपने एक स्पॉन्सर Venum से कॉल आया तो वो खुद को अपने देश से दूसरे देश में शिफ्ट करने से नहीं रोक पाए थे। उन्हें थाईलैंड में अपने जिम में एक ट्रेनर की जरूरत थी और उन्हें लगता था कि ज़टूट जिम के लिए फायदेमंद साबित हो सकते थे।
उन्होंने बताया, “मेरे बॉस ने मुझसे कहा कि उन्हें ट्रेनिंग के लिए सुविधाएं देने में दिक्कत आ रही थीं इसलिए मैंने बैंकॉक जाने का निर्णय लिया।”
फ्रेंच स्टार ने मैचों में भाग लेना बंद कर दिया और अपना पूरा ध्यान शिक्षा देने पर लगाया। लेकिन उन्हें कोचिंग देना और टीम का लीडर होने के साथ ये भी अहसास होने लगा था कि उन्हें रिंग में वापसी करनी चाहिए।
उन्होंने माना, “मुझे रिंग में वापसी करने के लिए कोचिंग को छोड़ना पड़ा था।”
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एक दुखद मौत
ज़टूट 26 सालों से मॉय थाई से जुड़े रहे हैं लेकिन जब वो किशोरावस्था में थे तो उनका और मार्शल आर्ट्स का लगाव खत्म होने की कगार पर आ पहुंचा था।
जब वो 14 साल के थे तो अचानक उनके हेड कोच स्वर्ग सिधार गए, जिन्हें वो अपने पिता की तरह सम्मान देते थे। इस मौत ने उनके दिल और दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी।
फ्रेंच स्टार बचपन में ही अपने पिता को खो चुके थे और अब कोच की मृत्यु से उन्हें ऐसा लगने लगा था कि उनके परिवार का एक और सदस्य उनसे हमेशा के लिए दूर चला गया है।
उन्होंने बताया, “मेरे पहले ट्रेनर की मृत्यु 1998 में हुई थी। वो मुझे अपने बेटे जैसा प्यार देते थे और मैं भी उन्हें पिता जैसा सम्मान देता था।”
“उस समय मेरी उम्र काफी कम थी और उनकी मौत की खबर को सुनकर मैं चौंक उठा था। मैं उन्हें कभी नहीं भुला सकता। उन्होंने मुझे ना केवल मॉय थाई सिखाया बल्कि जीवन के सिद्धांतों से भी अवगत कराया था।”
सौभाग्य से, उसी जिम में एक और ट्रेनर हुआ करते थे और कुछ समय बाद उन्होंने ज़टूट को ट्रेनिंग देनी शुरू की। लेकिन इसी समय युवा स्टार के मन में कई सवाल उमड़ रहे थे कि क्या उन्हें मॉय थाई छोड़ देना चाहिए।
वर्ल्ड चैंपियन बने
ज़टूट ने अपने करियर की शुरुआत फ्रांस में रहकर की थी, जहां वो 3 बार के फ्रेंच मॉय थाई चैंपियन बने और साथ ही यूरोपीयन मॉय थाई टाइटल भी अपने नाम किया था।
इसके बाद “डायमंड हार्ट” ने कई अलग-अलग कंपनियों में काम किया और इसी समय उन्होंने काफी संख्या में टाइटल्स भी जीते।
उन्होंने ISKA चैंपियनशिप जीती और Victory किकबॉक्सिंग चैंपियन भी बने लेकिन उनके करियर का सबसे यादगार लम्हा वो रहा जब वो 2013 में WBC वर्ल्ड चैंपियन बने थे।
ये वर्ल्ड टाइटल जीत इसलिए भी उनके लिए खास रही क्योंकि इस मैच में उन्होंने अपने पुराने प्रतिद्वंदी सिंगमनी केउसैम्रित से अपना बदला भी पूरा किया था, जिनके खिलाफ ज़टूट को इसी टूर्नामेंट में एक साल पहले हार मिली थी।
उन्होंने कहा, “मैंने रीमैच में टाइटल जीता। बेहतरीन थाई फाइटर्स से लेकर बेस्ट फ्रेंच फाइटर्स तक हर कोई उस मैच को वहां देखने आया था।”
अब वो अपनी उपलब्धियों में ONE वर्ल्ड टाइटल को भी जोड़ना चाहते हैं।
हालांकि, अक्टूबर 2018 में उन्हें आज ONE बेंटमवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन बन चुके नोंग-ओ गैयानघादाओ के खिलाफ हार मिली थी लेकिन उन्होंने धमाकेदार अंदाज में वापसी भी की।
फ्रेंच सुपरस्टार ने इसी साल जनवरी में पूर्व ONE वर्ल्ड टाइटल चैलेंजर हान ज़ी हाओ को हराया था और अब वो 14 अगस्त को ONE: NO SURRENDER II में अपनी जीत के सिलसिले को बरकरार रखना चाहेंगे।
एक बड़ी जीत संभव ही उन्हें एक और वर्ल्ड टाइटल के एक कदम करीब पहुंचा सकती है।
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