मेई यामागुची ने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करार पाने के लिए किस तरह किया संघर्ष
मार्च 2007 में मेई यामागुची “वी.वी.” ने अपने पेशेवर मिक्स्ड मार्शल आर्ट में डेब्यू किया तो वह अपने पुरुष समकक्षों की बराबरी नहीं कर सकीं। लेकिन तब से बहुत कुछ बदल गया है और अब जापान की 36 वर्षीय फाइटर मार्शल आर्ट के सबसे बड़े आयोजन ONE: CENTURY PART II में जेनी हुआंग “लेडी गो गो” के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करेंगी।
एक दशक से पहले “वी.वी.” और खेल में अन्य महिलाओं के पास आज जितने अवसर नहीं थे। उन्हें इकरार और पुरुष समकक्षाें के बराबर सम्मान पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा था। वह बताती हैं कि “जब मैंने पहली बार जापान में लड़ना शुरू किया तो यहां केवल स्मैकगर्ल जैसे महिला टूर्नामेंट होते थे।”
“मैंने पेंक्रेज में लड़ना शुरू किया और जब लड़कियों का कार्ड लड़कों के कार्ड के बीच में था। जब ऐसा हुआ तो मुझे याद है कि सभी लोग कह रहे थे कि मेरी लड़ाई ’लड़कियों के कार्ड से पहले क्यों हो रही है? उन दिनों में रिकी जिम के प्रतिनिधि को ऐसा काम करना मुश्किल था। महिलाएं अभी भी इस विचार को स्वीकार कर रही थीं कि वे मिक्स्ड मार्शल कलाकार बन सकती हैं। उन लोगों के लिए जिन्होंने पहले से ही ये रास्ता चुना था। उनकी प्रतियोगिता ज्यादा चुनौतीपूर्ण नहीं थी।
यामागुची कहती हैं कि “महिला फाइटर्स को यह दिखाना था कि हमारे मुकाबले दिलचस्प थे। हमें आक्रामकता दिखानी थी। हमें यह दिखाना था कि एक महिला का कार्ड भी रोमांचक था। मुझे लगता है कि बहुत से फाइटर्स की महिला फाइटर्स पर निगाह थी। उन दिनों केवल कुछ ही महिला फाइटर थीं। तब कौशल का स्तर उतना अधिक नहीं था। बड़े लोगों के खिलाफ मैच में कौशल दिखाना हमारे लिए बहुत कठिन था।”
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यामागुची के सामने अब दो लड़ाइयां थी- एक जो वो रिंग में लड़ रही थी और दूसरी मिक्स्ड मार्शल आर्ट में महिलाओं के भविष्य को लेकर। प्रदर्शन का स्तर बहुत कम था। प्रशिक्षण में खर्चा ज्यादा होने के कारण उन्होंने पैसे कमाने के लिए अधिक प्रतिस्पर्धा की। वह बताती हैं कि “अगर मैं लड़ने के लिए तैयार होती तो शायद मुझे चोट भी लग सकती थी, जिसके इलाज के लिए मुझे डॉक्टर के पास जाना पड़ता। इसके लिए मुझे शायद इतना पैसा खर्च करना पड़ता जितना मैंने लड़ाई से भी नहीं कमाया।
“यह पागलपन था। मैं पैसे के लिए नहीं लड़ सकती थी। मैंने संघर्ष किया क्योंकि यह मेरी पसंद थी और यही मेरा जीवन था।” जैसे-जैसे समय बीतता गया और अधिक महिलाओं ने मिक्स्ड मार्शल आर्ट में कदम रखा। इससे यामागुची और अन्य लिए अवसर बढ़ गए।
2011 तक उसने पैनक्रेज में पहले महिला मुख्य कार्यक्रम के रूप में मुकाबला कर इतिहास बनाया था, जब वह 20 पुरुषों के मैच-अप कार्यक्रम से पहले वह मुकाबला होता था। इसने कई हाई-प्रोफाइल प्रतियोगिताओं के लिए रास्ता खोल दिया।
वह कहती हैं कि “पैनक्रेज के पहले बड़े मुकाबले में मैं टोमोमी सनबा के साथ मुख्य कार्यक्रम में लड़ी। वह एक महान फाइटर थीं जो लंबे समय तक पैनक्रेज़ प्रमोशन के लिए लड़ीं। वेले टूडो जापान का भी मुख्य आयोजन था जहां मैं मेगुमी फूजी के खिलाफ लड़ी थी। ये दो आयोजन मेरे लिए शुरुआत थी। इसके बाद दुनियाभर में महिलाओं के मुकाबले एक ही समय में मुख्य कार्ड और मुख्य आयोजन में होने लगे।”
यामागुची की दृढ़ता ने प्रतिफल दिया। टोक्यो के मूल निवासी दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट संगठन में मुख्य मुकाबलों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए गई हैं। संगठन के सबसे बड़े आयोजन में उनकी भी भूमिका होगी।
उन्होंने महिलाओं के मुकाबलों को सबसे आगे लाने में एक प्रमुख भूमिका निभाने में मदद की है। अपने हमवतन की अगली पीढ़ी के लिए एक रास्ता दिखाया है जैसे कि इत्सुकी हिरता ONE में पहुंची। वह प्रशंसा करके केवल प्रतियोगियों के काम को जारी रख रही है।
उन्होंने कहा कि “मैं यह सुनकर गर्व महसूस करती हूं कि जब लोग कहते हैं कि मैं अग्रणी हूं। इससे पहले भी वहां बहुत सारी अच्छी महिला फाइटर थीं जो मुकाबले करती रहीं और वे तब भी नहीं रुकी जब लोग महिला मिक्स्ड मार्शल आर्ट नहीं देखते थे।
“दर्शकों में केवल 50-60 लोग ही होते थे लेकिन वे इसके बाद भी मुकाबले करती रहीं। मेगुमी फ़ूजी और अन्य सभी महिला फाइटर्स को लोग पसंद करते हैं जिन्होंने जापान में लड़ाई शुरू की। मुझे बहुत खुशी है कि मेरे सामने दर्शक थे। ”
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