रेमंड मागोमेडालिएव को मार्शल आर्ट्स में अनुशासन और सफलता कैसे मिली
रेमंड मागोमेडालिएव ONE Championship के वेल्टरवेट डिविजन के अगले बड़े सुपरस्टार बनने की काबिलियत रखते हैं।
30 वर्षीय रूसी स्टार शानदार लय में हैं और बुधवार, 8 अप्रैल को “ONE on TNT I” में टायलर मैकग्वायर को हराकर वर्ल्ड चैंपियनशिप मैच के कारीब पहुंच सकते हैं।
मागोमेडालिएव का 7-1 का रिकॉर्ड दर्शाता है कि वो मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में अभी नए हैं, लेकिन उन्हें मार्शल आर्ट्स का काफी अनुभव प्राप्त है और दुनिया के कई टॉप लेवल के एथलीट्स को चुनौती दे चुके हैं।
कजाकिस्तान छोड़ा
मागोमेडालिएव का जन्म कजाकिस्तान में हुआ और उनका बचपन ऐसे वातावरण में गुजरा जब सोवियत संघ का विघटन हुआ था।
जब वो 5 साल के थे, उनका परिवार दागेस्तान के छराडा जिले के छोटे से गांव इरीब में आकर रहने लगा।
क्षेत्र की राजधानी माखाछकला से वो अब बहुत दूर रहते थे, लेकिन मागोमेडालिएव को शहर की भागदौड़ से दूर का जीवन अच्छा लग रहा था।
उन्होंने कहा, “बचपन में हम पहाड़ी इलाकों में स्थित एक गांव में रहते थे। अपने दोस्तों के साथ अक्सर बकरियां चराने जाता था।”
“मेरी मां एक दूध की फैक्ट्री और पिता एक दूसरी फैक्ट्री में काम करते थे। वो मुझे हमेशा पढ़ाई करने का प्रोत्साहन देते और मां खेलों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करती थीं।”
लेकिन इस सब के बावजूद मागोमेडालिएव को अपने मन मुताबिक चीजें करना पसंद थी। इस तरह के बर्ताव को उनके माता-पिता ने एक अच्छी चीज में तब्दील करने के बारे में सोचा।
मार्शल आर्ट्स के सफर की शुरुआत हुई
अपने बेटे को सही राह पर आगे बढ़ने और इस नई जगह पर अपने पैर पसारने के काबिल बनाने के लिए मागोमेडालिएव के माता-पिता ने उन्हें मार्शल आर्ट्स क्लास जॉइन कराई।
उन्होंने बताया, “9 साल की उम्र में मेरे मार्शल आर्ट्स सफर की शुरुआत हुई। उस समय मैंने वुशु सांडा सीखना शुरू किया था।”
“10 साल की उम्र में मेरे पिता मुझे रेसलिंग स्कूल ले गए। दागेस्तान में मुश्किलों से बचने के लिए आपका ताकतवर होना जरूरी है।”
मागोमेडालिएव ने स्वीकार किया कि शुरुआत में उन्हें कॉम्बैट स्पोर्ट्स में उनका आगे बढ़ने का कोई मन नहीं था। लेकिन कड़ी मेहनत और दृढ़ता का नतीजा रहा कि जल्द ही उन्हें सफलता भी मिलने लगी थी।
उन्होंने कहा, “मेरे मार्शल आर्ट्स सफर की शुरुआत में मैं अनुशासन पर कोई ध्यान नहीं देता था।”
“मुझे नहीं लगता था कि मेरे अंदर कोई टैलेंट है। मैं बहुत पतला था। मेरे हाथ और पैर काफी लंबे थे, लेकिन इनसे रेसलिंग में मुझे कोई मदद नहीं मिली।
“बचपन में मैं चीजों को बहुत जल्दी सीख रहा था और कड़ी मेहनत भी कर रहा था।”
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मॉस्को के जीवन से तालमेल बैठाया
किशोरावस्था में मागोमेडालिएव ने एक और बदलाव के लिए लंबा सफर तय किया, वो आगे की पढ़ाई और ट्रेनिंग के लिए 2,000 किलोमीटर दूर मॉस्को आ गए।
वो बचपन में काफी कठोर स्वभाव के व्यक्ति हुआ करते थे, लेकिन नए शहर के रहन-सहन के तरीके से तालमेल बैठाने के लिए उन्हें थोड़ा समय चाहिए था।
उन्होंने कहा, “17 साल की उम्र में मुझे आगे की पढ़ाई के लिए अपने माता-पिता, परिवार और दोस्तों से दूर जाना पड़ा।”
“शुरुआत में मुझे काफी दिक्कतें आईं क्योंकि एक छोटे से गांव से इतने बड़े शहर में जगह बनाना आसान नहीं था, लेकिन इस अनुभव ने मुझे अनुशासन के बारे में जरूर सिखाया।”
समय बीतने के साथ मागोमेडालिएव मॉस्को के माहौल से अच्छी तरह वाकिफ हो गए और आज भी वहीं रहते हैं। वहीं वो अपनी मार्शल आर्ट्स स्किल्स में भी सुधार करते रहे और इस दौरान कॉम्बैट सैम्बो और हैंड-टू-हैंड फाइटिंग में नेशनल चैंपियन भी बने।
उन्हें टीवी पर कॉम्बैट स्पोर्ट्स स्टार्स को देखकर अपनी जिंदगी में भी कुछ करने की प्रेरणा मिली।
उन्होंने बताया, “जब मुझे अहसास हुआ कि मैंने अपने एमेच्योर करियर में काफी कुछ हासिल कर लिया है, उसके बाद मैं प्रोफेशनल लेवल पर खुद को परखना चाहता था।”
“मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करियर की शुरुआत से पहले मैं K-1 ग्रां प्री देखा करता था। मुझे मैच देखने बहुत पसंद थे, फाइट करना पसंद था और इसी कारण मैंने भी मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में एंट्री ली।”
हालांकि, उनके माता-पिता ने अपने बेटे को मार्शल आर्ट्स सीखने के लिए कहा था, लेकिन उन्हें मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में जाने का फैसला रास नहीं आया। लेकिन 5-0 के रिकॉर्ड के बाद वो अपने बेटे का साथ दे रहे हैं।
खराब दौर को भुलाते हुए सफलता प्राप्त की
मागोमेडालिएव ने 17 सेकंड में आई शानदार नॉकआउट जीत के बाद ONE में एंट्री ली, लेकिन ग्लोबल स्टेज पर उनका डेब्यू अच्छा नहीं रहा।
नवंबर 2018 में हुए ONE: CONQUEST OF CHAMPIONS में उस समय अपराजित रहे जेम्स नाकाशीमा से हार से ज्यादा निराश होने की भी जरूरत नहीं थी। लेकिन उनका मानना था कि उस दिन उन्हें सर्कल में कदम ही नहीं रखना चाहिए था।
मागोमेडालिएव ने कहा, “पहली हार के बाद मैं खुद से नाराज था। मैं बीमार था और घुटने की समस्या से भी जूझ रहा था।”
“मेरे कोच ने मुझे फाइट ना करने की सलाह दी या फिर मैच को स्थगित करने की मांग करने के लिए कहा, लेकिन मैं जल्द से जल्द डेब्यू मैच के लिए सर्कल में उतरना चाहता था। फिर भी मैंने फाइट करने का निर्णय लिया, जो एक बहुत गलत फैसला रहा। प्रोफेशनल तरीके से ना सोचने को लेकर मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था।”
रूसी स्टार की इस गलती के कारण उनका हाथ भी चोटिल हो गया, जिसके कारण उन्हें 1 साल का ब्रेक लेना पड़ा, लेकिन लंबे समय बाद हुई वापसी को मागोमेडालिएव ने यादगार बनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी।
जनवरी 2020 में हुए ONE: A NEW TOMORROW में बियर्डेड वॉरियर ने शुरुआत से ही जोई “मामाज़ बॉय” पाइरोटी पर अटैक करना शुरू किया, निरंतर अटैक करते रहे और अंत में गिलोटीन चोक लगाकर उन्हें फिनिश किया।
उसी साल उन्होंने ONE: COLLISION COURSE II में पहले से भी शानदार प्रदर्शन करते हुए एडसन “पैनिको” मार्केस को नॉकआउट कर उन्हें पहली हार का स्वाद चखाया।
मॉस्को निवासी एथलीट का मानना है कि इन 2 बड़ी जीतों ने दिखा दिया है कि वो किस स्तर के एथलीट हैं।
अब उन्हें खबीब नर्मागोमेडोव की Eagles MMA टीम का साथ मिल रहा है और मागोमेडालिएव अपने खराब डेब्यू को पीछे छोड़ दुनिया के बेस्ट एथलीट्स का सामना करने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मैंने खुद को एक टॉप-लेवल के फाइटर के रूप में साबित किया है और भविष्य में वेल्टरवेट वर्ल्ड चैंपियन बनना मेरा सपना है।”
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