कैसे गरीबी को मात देकर कामयाबी के शिखर पर पहुंचे रोडलैक
ONE Super Series को जॉइन करने के बाद से रोडलैक पीके.साइन्चे मॉयथाईजिम अपराजित रहे हैं और अब अगर वो 2 मैच और जीत जाते हैं तो उन्हें ONE वर्ल्ड टाइटल शॉट मिलना तय हो जाएगा।
“द स्टील लोकोमोटिव” इस शुक्रवार, 14 अगस्त को ONE: NO SURRENDER II में होने वाले ONE बेंटमवेट मॉय थाई टूर्नामेंट के सेमीफाइनल मैच में अपने हमवतन एथलीट और पुराने प्रतिद्वंदी सैमापेच फेयरटेक्स का सामना करेंगे।
इसके विजेता को फाइनल में प्रवेश मिलेगा और अंत में जो भी टूर्नामेंट को जीतेगा, उसे साल 2020 में आगे चलकर नोंग-ओ गैयानघादाओ के खिलाफ ONE बेंटमवेट मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल शॉट भी मिलने वाला है।
इससे पहले रोडलैक मैच के लिए रिंग में उतरें, यहां आप देख सकते हैं कि वो कैसे दुनिया के सबसे टैलेंटेड मॉय थाई एथलीट्स में से एक बने और किस तरह उन्होंने अपनी सफलता से अपने परिवार की गरीबी को दूर किया है।
कठिन परिस्थितियों से हुआ सामना
रोडलैक को कड़ी मेहनत करने और दृढ़ता का बहुत छोटी सी उम्र से ज्ञान हो गया था क्योंकि उनके परिवार को सूरत थानी प्रांत को छोड़कर सामुई द्वीप पर जाकर बसने के लिए मजबूर किया गया था।
30 वर्षीय स्टार ने कहा, “दुर्भाग्यवश, जब मैं 7 साल का था तो मेरी मां के उनके परिवार के साथ संबंध बिगड़ते जा रहे थे और हमें पहाड़ी इलाकों में जाकर रहने को मजबूर होना पड़ा था।”
“उस समय वहां कोई और नहीं रहता था और दूर-दूर तक जंगल ही जंगल नजर आता था। हम एक झोपड़ी में रहते थे और जब भी बारिश आती तो पानी से भीग जाते। हमारे पास मोटरसाइकिल भी नहीं थी, इसलिए हम स्कूल भी नहीं जा पाते थे।
“लेकिन उस जगह के मालिक को हमारे ऊपर तरस आता था। उन्होंने हम दोनों भाइयों को स्कूल में दाखिला दिलाया और एक मोटरसाइकिल भी दिलाई।
“शुरुआत में हमें काफी कठिन परिस्थितियों से जूझना पड़ा। हमारे पास वाकई में कुछ नहीं था। इस तरह के अनुभव के कारण ही मैं अपने करियर पर फोकस कर पाया हूं। मुझे अपने माता-पिता की हमेशा चिंता सताती रहती है। जबसे मेरा करियर शुरू हुआ है, मैं केवल उनकी हर संभव मदद करने के बारे में ही सोचता हूं।”
सौभाग्य से, उनके माता-पिता का अच्छा व्यवहार लोगों से अधिक दिनों तक छुपा नहीं रह सका। उन्हें गांव में आकर एक सब्जी की दुकान चलाने की अनुमति दी गई। इसके बाद रोडलैक के पिता मछ्ली पकड़ने जाते, जिन्हें बेचकर वो अपने परिवार की आय को बढ़ाना चाहते थे।
मॉय थाई सफर की शुरुआत
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खाली समय में रोडलैक मॉय थाई से पैसे कमाकर अपने परिवार की वित्तीय सहायता भी कर रहे थे। लेकिन बैंकॉक के स्टेडियम्स में मैच मिलने से पहले उन्होंने एक क्षेत्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था।
उन्होंने बताया, “वो 9 दिन तक चलने वाला एक मॉय थाई टूर्नामेंट था। मैं मैचों में भाग लेना चाहता था लेकिन मैं काफी डरा-डरा भी महसूस कर रहा था। जब प्रोमोटर ने घोषणा की कि वो अगले दिन के लिए मैच तैयार कर रहे हैं और उसके लिए उन्हें युवा स्टार्स की जरूरत है, इस सबको मैं अपने माता-पिता के साथ देख रहा था।”
“मेरे पिता ने मुझसे पूछा कि क्या मैं मैचों में भाग लेना चाहता हूं और मुझे नहीं पता कि मुझ पर कौन सा भूत सवार हुआ और अगले ही पल मैंने प्रोमोटर के पास जाकर मैच की मांग कर डाली।
“मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रहा हूं, मेरे प्रतिद्वंदी एक बड़े जिम में ट्रेनिंग करते थे। मैं दूसरे खेल खेलकर फिट जरूर था लेकिन कभी मॉय थाई की ट्रेनिंग नहीं ली थी, मैं केवल रिंग में उतरना चाहता था। इसके बावजूद मैं मैच में चौथे राउंड तक डटा रहा और अंत में रेफरी ने मैच समाप्ति की घोषणा कर दी।
“चाहे उस मैच में मुझे हार मिली हो लेकिन मैं दोबारा रिंग में उतरना चाहता था। मैं अपने प्रतिद्वंदी से रीमैच चाहता था और उन्हें हराना चाहता था। इसलिए मैंने ट्रेनिंग लेनी शुरू की।”
रोडलैक ने अपने रिश्तेदारों की मदद से एक सैंडबैग और बॉक्सिंग ग्लव्स का प्रबंध किया। वो रोज अभ्यास करते और क्षेत्रीय स्तर पर मैचों में भाग भी ले रहे थे। जब उन्हें लगा कि वो उस लड़के को हराने के लिए तैयार हो चुके हैं जिसने उन्हें कुछ समय पहले हराया था, उन्होंने प्रोमोटर से रीमैच की मांग की।
रोडलैक ने कहा, “मेरी मांग तुरंत मान ली गई और आखिरकार मैंने उसे लड़के को हराकर ही दम लिया।”
इसलिए “द स्टील लोकोमोटिव” के मार्शल आर्ट्स सफर की असल शुरुआत 10 साल की उम्र में हुई थी। शुरुआत में वो अपने पिता के साथ अपने घर के सामने ट्रेनिंग किया करते थे लेकिन धीरे-धीरे बदलाव आने शुरू हुए।
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एक बड़ी सफलता
अगले 2 साल तक रोडलैक ने इसी तरह की ट्रेनिंग करनी जारी रखी और उनके पास कोई साधन भी नहीं हुआ करते थे। लेकिन कुछ समय बाद ही उन्हें Jaotalaytong नाम के जिम को जॉइन करने का अवसर मिला।
रोडलैक ने कहा, “घर पर रहकर मुझे जितना सीखना था, मैं उतना सीख चुका था। तभी एक ट्रेनर मेरे पास आए और मुझसे कहा कि क्या मैं उनके जिम को जॉइन करने का इच्छुक हूं। मेरे पिता ने मुझसे पूछा कि मैं क्या करना चाहता हूं।”
“मैं जाना चाहता था और देखना चाहता था कि मैं इसमें कितना आगे तक जा सकता हूं। जिम में ट्रेनिंग करना और घर पर ट्रेनिंग करने का अनुभव काफी अलग था। वहां सब कुछ अनुशासन के अनुरूप होता था, इसलिए मुझे एक बार फिर शुरू से सब सीखना पड़ा।”
इस दौरान उन्होंने केवल ट्रेनिंग के दौरान नई तकनीक ही नहीं सीखीं बल्कि खुद से उम्र में बड़े एथलीट्स को बैंकॉक सर्किट में सफल होते भी देखा था और इसी राह पर वो भी आगे बढ़ना चाहते थे।
उन्होंने कहा, “करियर की शुरुआत में मेरे पास पैसे की काफी कमी हुआ करती थी। इसलिए मैं आगे मिलने वाले अवसरों के बारे में नहीं सोचता था। ये केवल मेरे लिए एक अच्छा अनुभव रहा, जिसका मैं पूरा आनंद ले रहा था।”
“लेकिन जब Jaotalaytong जिम में पहला कदम रखा तो मुझे समझ आने लगा था कि ये स्पोर्ट मुझे और मेरे परिवार को कहां पहुंचा सकता है।”
हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद रोडलैक ने बैंकॉक जाने का निर्णय लिया, जिससे वो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ और भी अच्छी ट्रेनिंग ले सकें।
मैनेजमेंट में मास्टर्स डिग्री प्राप्त करने तक वो बैंकॉक में Sitsongpeenong Gym में ट्रेनिंग करते रहे और अपनी स्किल्स में सुधार के साथ-साथ मैचों में भाग भी ले रहे थे। कुछ साल बाद उन्होंने देश के सबसे बड़े और सम्मानित ट्रेनिंग सेंटर्स में से एक PK.Saenchai Muaythaigym को जॉइन किया।
आगे का प्लान
रोडलैक अब अपने नए जिम में टॉप लेवल के एथलीट्स के साथ ट्रेनिंग करते हैं, जिसे साल 2016 में Lumpinee Stadium ने जिम ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से सम्मानित किया था।
उन्होंने बताया, “PK को जॉइन कर मैं बहुत उत्साहित महसूस कर रहा था। घबराहट भी हो रही थी और डर भी लग रहा था कि कहीं मैं इसमें जगह पक्की नहीं कर पाया तो क्या होगा, लेकिन मुझे साथी एथलीट्स से काफी कुछ सीखने को मिला और खुद में काफी सुधार भी किया।”
“यहां हम एक परिवार की तरह रहते हैं। टॉप लेवल के एथलीट्स के साथ ट्रेनिंग करना मेरे लिए सम्मान की बात है।”
इसके कुछ समय बाद ही उन्हें ONE Championship से जुड़ने का भी अवसर मिला और ONE Super Series में अभी तक का उनका रिकॉर्ड 3-0 का रहा है।
जून 2019 में ONE: LEGENDARY QUEST में अपने प्रोमोशनल डेब्यू में रोडलैक ने करीबी मुकाबले में लियाम “हिटमैन” हैरिसन को उलटफेर का शिकार बनाया था। उसके 2 महीने बाद ONE: DAWN OF HEROES में उन्होंने एंड्रयू “मैडडॉग फेयरटेक्स” मिलर के खिलाफ तीसरे राउंड में TKO (तकनीकी नॉकआउट) से जीत दर्ज की।
उसके बाद इसी साल जनवरी में हुए ONE: FIRE & FURY में क्रिस शॉ को सर्वसम्मत निर्णय से हराकर उन्होंने जीत की हैट-ट्रिक पूरी की थी।
अब रोडलैक ONE बेंटमवेट मॉय थाई टूर्नामेंट में प्रवेश पा चुके हैं। अगर वो सैमापेच पर जीत हासिल करने के बाद “द मिलियन डॉलर बेबी” सांगमनी क्लोंग सुआनप्लूरिज़ॉर्ट और कुलबडम “लेफ्ट मीटियोराइट” सोर. जोर. पिएक उथाई के बीच होने वाले अगले सेमीफाइनल के विजेता के खिलाफ फाइनल में जीत दर्ज करने में सफल रहते हैं तो उन्हें वर्ल्ड चैंपियन बनने का मौका मिल जाएगा।
रोडलैक इससे पहले वर्ल्ड टाइटल जीतने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं, वो ऐसा केवल अपने लिए नहीं बल्कि उस व्यक्ति के लिए करना चाहते हैं जो शुरू से लेकर अब तक उनके साथ खड़े रहे हैं।
उन्होंने कहा, “शुरुआत में मेरे पिता रोज मुझे जिम ले जाया करते थे। अब भी जब थाईलैंड में मेरा कोई मैच होता है तो वो उसे जरूर देखने आते हैं। मेरे पिता हमेशा से मेरे साथ खड़े रहे हैं।”
“मेरा ONE वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना अभी भी पूरा नहीं हुआ है। अगर मैं उसे जीत पाया तो उसे अपने परिवार और कैम्प को समर्पित करूंगा।”
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