कैसे रोडटंग जित्मुआंगनोन एक मॉय थाई सुपरस्टार बने
रोडटंग “द आयरन मैन” जित्मुआंगनोन आज मॉय थाई में मुकाबला करने वाले सबसे बेहतरीन एथलीट्स में से एक हैं। वो अब ONE Championship में सफल एथलीट्स की लिस्ट में शामिल हो गए हैं।
आज वो भले ही कामयाबी के शिखर पर हों लेकिन फथालुंग प्रांत से आए मॉय थाई के बेहतरीन एथलीट को कई कठिनाइयों से गुजरते हुए काफी लंबा रास्ता तय करना पड़ा है।
विनम्र शुरुआत
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Posted by ทินกร ศรีสวัสดิ์ on Tuesday, March 21, 2017
सिर्फ 8 साल की उम्र में रोडटंग ने दक्षिणी थाइलैंड के एक स्थानीय मंदिर में अपनी पहली मॉय थाई बाउट की थी।
केवल दो हफ्तों की ट्रेनिंग के साथ ही उन्होंने अपना डेब्यू जीतकर किया। फिर छोटे से ही अंतराल में आठ और जीत अपनी झोली में डाल लीं।
उन्होंने याद करते हुए बताया, “मैं इससे हैरान रह गया था और मुझे तुरंत समझ में आ गया था कि फुल टाइम मॉय थाई सीखना होगा।”
रोडटंग की शुरुआती जिंदगी को उनकी विनम्र परवरिश से पहचाना जा सकता है। उनके परिवार के पास एक छोटा सा जमीन का हिस्सा था, जो 12 सदस्यों के परिवार के लिए एक ठीक-ठाक घर के लायक था।
उनके माता पिता को हर रोज रबर ट्री फार्म पर काम करना होता था, जो उस इलाके को घेरे हुए थे। उन्हें हर रोज की दिहाड़ी नहीं मिलती थी और जॉब सिक्यॉरिटी तो किसी सपने की तरह थी। इसी के चलते उनके माता और पिता को पेड़ पर की जाने वाली मेहनत के हिसाब से पैसे दिए जाते थे।
पूरे परिवार के लिए चीजें जुटा पाना आसान काम नहीं था। इस युवा ने अपने माता पिता पर पड़ने वाले भार को देखा और उनकी मदद करने का संकल्प लिया।
दक्षिणी थाइलैंड में छह साल तक चक्कर लगाते हुए और जहां भी संभव होता, वहां मुकाबला करते हुए वो परिवार में अपनी जिम्मेदारी निभाते रहे। फिर रोडटंग एक नई यात्रा पर निकल गए। इसके बाद वो करीब 1000 किलोमीटर की दूरी तय कर बेहतर मौकों की तलाश में देश की राजधानी बैंकॉक पहुंचे।
बैंकॉक में कठिन शुरुआत
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Posted by ทินกร ศรีสวัสดิ์ on Sunday, March 18, 2018
रोडटंग को उत्तरी थाइलैंड के जाने पहचाने Jitmuangnon जिम में जाने का मौका मिला।
नया माहौल उनके लिए फथालुंग प्रांत से काफी अलग व कठिन था, जिसकी उन्हें आदत नहीं पड़ी थी। वहां का ट्रेनिंग सेंटर काफी उन्नत था और वहां एक फुल साइज रिंग भी थी। ये उनके पुराने जिम से काफी बेहतरीन था, जिसमें केवल दो हेवी बैग और फटे हुए पैड्स थे।
इसके साथ ही वहां के सेशन काफी कठिन भी थे। उन्हें वहां छह घंटे प्रैक्टिस करनी पड़ती थी। उनके थकाने वाले सेशन और घर से दूर रहने के कारण दक्षिणी थाई युवा एथलीट पर काफी दबाव था।
रोडटंग अपने माता-पिता और भाई बहनों के प्यार से काफी दूर थे। उन्हें इन कठिन परिस्थितयों को सामना बड़े होते हुए एकसाथ करना पड़ रहा था। हालांकि, अपने निश्चय के चलते वो इतना पैसा बना पा रहे थे, जिससे वो अपने परिवार की सहायता कर सकें।
हालांकि, ऐसा बिना त्याग के वो नहीं कर पा रहे थे। एक समय आया, जब वो अपनी उम्मीदों से पीछे रह गए और अपने करियर के सबसे निचले स्तर पर आ गए।
उन्होंने माना, “मैं कई सारे मुकाबले लगातार हार गया। मेरे पास न ही पैसा बचा था और न ही प्रोत्साहन।”
हार के चलते अन्य मैचों में बुक होना काफी मुश्किल हो गया था। करियर में पहली बार रोडटंग को लग रहा था कि आगे बढ़ने के लिए उनके पास कोई उद्देश्य नहीं बचा है। आगे बढ़ने के लिए कुछ न होने के चलते उनके कड़ी मेहनत वाले सेशन तब उनके लिए बोझ बनते जा रहे थे, जिन्हें सहना मुश्किल बन गया था।
प्रेरणादाई मौजूदगी
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Posted by ทินกร ศรีสวัสดิ์ on Saturday, September 9, 2017
कठिन दौर के बावजूद वहां पर एक ऐसे व्यक्ति थे जो “द आयरन मैन” में प्रतिभा देख चुके थे और वो थे जिम के मालिक हुआन जित्मुआंगनोन। उन्हें रोडटंग की प्रतिभा पर काफी भरोसा था, जिसके चलते वो फिर से अपने सही रास्ते पर आ सकें।
उन्होंने माना, “वो मिस्टर हुआन ही थे, जिन्होंने मुझे फिर से ट्रेनिंग के लिए प्रोत्साहित किया।”
अपने नए उद्देश्य के साथ रोडटंग एक बार फिर से रिंग में उतरे और फिर शिखर पर पहुंचकर अपना सफर जारी रखा। इसके बाद वो दो बार Omnoi Stadium चैंपियन बने।
जब लग रहा था कि चीजें उनके पक्ष में जा रही हैं, तभी एक दूसरी परेशानी उनके सामने आ गई, जब अचानक मिस्टर हुआन का निधन हो गया।
रोडटंग और उनके ट्रेनिंग पार्टनरों के लिए मिस्टर हुआन पिता के समान थे। उनके गुजर जाने से न केवल युवा एथलीट्स के लिए बड़ा नुकसान हुआ था बल्कि पूरे मॉय थाई समुदाय के लिए ये बड़ा झटका था।
इसके साथ में कैंप के मालिक होने के साथ वो मशहूर Rajadamnern Stadium में एक प्रोमोटर भी रहे और स्टेडियम के पास ही अपना स्थानीय जिम भी चलाते रहे।
उनके गुजर जाने से जिम करीब-करीब खत्म होने की कगार पर आ गया था।
इच्छा न होते हुए भी मिस्टर हुआन की विरासत को मिटने से बचाने के लिए रोडटंग आगे आए और अपने मेंटॉर की पत्नी, जिन्हें वो और उनके जिम के साथी प्यार से Mae Ae (माता Ae) बुलाते थे, उनको अपने गुजर चुके पति का काम आगे बढ़ाने में मदद की।
उन्होंने कहा, “मैं उनके पास रोजाना तब तक रहा, जब तक वो फिर से मजबूत नहीं हो गईं। अब वो एथलीट्स का ध्यान रखती हैं और मुझे ONE Championship के लिए भी मदद करती हैं।”
अगला चैप्टर
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Posted by ทินกร ศรีสวัสดิ์ on Monday, November 20, 2017
अब एथलीट्स की टीम फिर से साथ आ गई है और हर कोई अपनी जिम्मेदारी निभाकर Jitmuangnon जिम चलाने में मदद कर रहा है।
रोडटंग अब मॉय थाई में एक जाना पहचाना नाम बन चुके हैं। इसके लिए उनके भारी हाथों, तेजी और धमाकेदार स्टाइल से काफी मदद मिली।
अपने जिम को सहयोग देने के साथ ही उनकी उपलब्धियों ने उन्हें अपने परिवार का ध्यान रखने में भी मदद की। उन्होंने अपनी मां के लिए फथालुंग में एक घर खरीदा है और वो भविष्य में इससे भी ज्यादा करने की इच्छा रखते हैं।
कम उम्र में ही उन्होंने सैकड़ों बाउट्स जीतीं और थाइलैंड के कई बड़े खिताब अपने नाम कर लिए थे।
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