कैसे बचपन में खेलों से दूर रहने के बावजूद शॉन क्लेंसी मॉय थाई सुपरस्टार बने
शुक्रवार, 11 सितंबर को शॉन “क्लबर” क्लेंसी अपने प्रदर्शन से फैंस का दिल जीतना चाहेंगे।
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से आने वाले प्री-रिकॉर्डेड इवेंट ONE: A NEW BREED II में प्रोमोशनल डेब्यू करते हुए उनका सामना पोंगसिरी पीके.साइन्चे मॉयथाईजिम से होगा।
ये एक बहुत ही प्रतिष्ठित वर्ल्ड चैंपियन बनाम वर्ल्ड चैंपियन का मैच होगा। इसमें जीत या हार मिले, फिर चाहे ड्रॉ हो लेकिन मेन इवेंट मुकाबले में क्लेंसी के हिस्सा लेने से पूरी दुनिया के युवाओं को एक शानदार संदेश मिलेगा।
संदेश ये कि अपने सपनों को पूरा करने में देरी कभी नहीं होती। “द क्लबर” इसकी जीती-जागती मिसाल हैं।
आयरलैंड के ग्रामीण इलाकों में रहते हुए क्लेंसी कम ही खेल खेलते थे। अगर वो अपने पड़ोस या स्कूल की किसी भी टीम का हिस्सा थे तो ये बात लगभग पक्की थी कि उन्हें सबसे आखिर में ही चुना जाता था।
31 वर्षीय स्टार ने माना, “मेरी खेलकूद में रूचि नहीं थी। मेरे माता-पिता मुझे म्यूजिक और दूसरी चीज़ों के लिए प्रोत्साहित करते थे।”
ऐसे में क्लेंसी अपने बचपन के दिनों में रग्बी, फुटबॉल जैसा खेल नहीं खेलते थे, ये कुछ ऐसी चीज़ें थे जिनमें ज्यादातर बच्चों को मजा आता था।
आखिरकार, उन्होंने इस खोए हुए समय की भरपाई कर ही ली।
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क्लेंसी की उम्र जब 21 साल की थी तो वो जिम में अपने कार्डियो और ताकत को बढ़ाने के लिए एक फिटनेस ट्रेनर के साथ काम कर रहे थे।
एक दिन ट्रेनर ने उन्हें स्थानीय मॉय थाई इवेंट में शामिल होने के लिए कहा क्योंकि उनके एक दोस्त मैच में हिस्सा ले रहे थे और शहर में “द आर्ट ऑफ 8 लिंब्स” सिखाते थे। शुरुआत में आयरिश स्टार शो में जाने से हिचकिचा रहे थे।
क्लेंसी ने कहा, “शहर में एक मॉय थाई शो हो रह था।”
“मेरे पर्सनल ट्रेनर ने कहा कि मुझे शो में जाना चाहिए। वो देखना चाहते थे कि मैं इस बारे में क्या सोचता हूं। वो मुझे इसकी क्लास में ले जाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन मॉय थाई के बारे में कुछ नहीं जानता था। मैं इस चीज़ को लेकर 50-50 था।”
क्लेंसी ने आखिरकार शो में जाने का फैसला किया और यहां से उनकी जिंदगी ही बदल गई।
उन्होंने बताया, “शो शानदार था। मैं पूरे शो के दौरान अपनी सीट से चिपका रहा।”
इस खेल की तकनीक और प्रतिस्पर्धात्मकता से खुश होकर “क्लबर” ने इसमें हाथ आजमाने के बारे में सोचा।
वो अपने कुछ दोस्तों के साथ करीब 50 मिनट ड्राइव कर कोर्क शहर के Siam Warriors Boxing Club गए, जहां उन्होंने जिम के सह-मालिक और आयरिश मॉय थाई दिग्गज मार्टिन होर्गन के साथ ट्रेनिंग की।
क्लेंसी ने कहा, “मैं जिज्ञासु व्यक्ति था। जब मैं शो को देख रहा था तो सोचा, ‘ये काफी आसान लग रहा है लेकिन लोग थका हुआ महसूस क्यों कर रहे हैं?’
“पहली क्लास अटेंड करने के बाद ही मुझे इसकी लत सी लग गई। मैं काफी थक गया था और मुझे अहसास हो चला था कि इसमें काफी कुछ सीखने और आगे बढ़ने को है। मैं पूरी तरह से मंत्रमुग्ध हो गया था। ये खेल मेरे लिए चुनौती भरा था और मुझे चुनौतियां पसंद हैं।”
करीब 1 हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद ही उनका मैच का हिस्सा बनने का मन हुआ।
लेकिन जब उन्होंने स्थानीय फाइट्स में हिस्सा लिया तो उनके जेहन में प्रोफेशनल बनने की कोई लालसा नहीं थी। वो उस समय सिर्फ और सिर्फ अपनी स्किल्स को टेस्ट करना चाहते थे।
क्लेंसी ने कहा, “मैंने शुरुआत में इसे एक चैलेंज के तौर पर लिया और हर बार एक चैलेंज पूरा करने के बाद दूसरे चैलेंज का हिस्सा बनना चाहता था। आम जिंदगी में भी यही होता है, आप एक लक्ष्य हासिल करने के बाद दूसरे की ओर अग्रसर हो जाते हैं।”
“इसलिए मैंने खुद के सामने कुछ लक्ष्य रखे। मैं चीज़ों को बड़े परिपेक्ष में नहीं देख रहा था। ये खुद को लगातार अच्छा करने के प्रक्रिया जैसी थी।”
ट्रेनिंग करने के करीब डेढ़ साल बाद क्लेंसी के सामने एक ऐसा मौका आया, जिसकी वजह से “द आर्ट ऑफ 8 लिंब्स” के प्रति उनका प्यार और ज्यादा बढ़ गया।
उनका एक दोस्त अपने अगले मुकाबले की ट्रेनिंग के लिए थाईलैंड जा रहा था, ऐसे में “क्लबर” भी उनके साथ चले गए। एक बार जब वो कैंप में आए तो हक्के-बक्के रह गए।
उन्होंने कहा, “मैं पूरी तरह से हैरान रह गया था।”
“बाद में लगा कि ये बहुत शानदार है। मुझे लगा कि मैं फिलहाल कुछ भी नहीं हूं और बाकी लोगों से काफी पीछे हूं। अगर आप उस समय जिम में किसी से भी पूछते तो सब यही कहते कि मुझे ट्रेनिंग कर अपनी स्किल्स को परफेक्ट करने की जरूरत है।
“जब मैं रात में सोने के लिए जाता था तो मेरा शरीर कुछ मूव्स करता था। मेरे दोस्त मुझ पर हंसते थे। वो कहते थे कि मुझे नींद में शैडो बॉक्सिंग करनी चाहिए क्योंकि मैं सिर्फ ट्रेनिंग के बारे में ही सोचता था।
“अगर आपको जिंदगी में किसी भी चीज में परफेक्ट बनना है, चाहे वो बड़ी हो या छोटी, तो आपको अपने कंफर्ट ज़ोन से बाहर निकलना ही होगा। जिस जगह पर इस खेल का जन्म हुआ, वहां इसमें महारत हासिल करने से अच्छी जगह भला कौन सी हो सकती है? मुझे खुद को आगे बढ़ाना था और उस खेल से जुड़े लोगों से सीखना था।”
आखिरकार, क्लेंसी को मॉय थाई से इतना लगाव हो गया कि वो रहने, ट्रेनिंग और मुकाबलों के लिए थाईलैंड ही आ बसे।
इस खेल में देरी से शुरुआत करने के बावजूद अपनी कड़ी मेहनत के दम पर उन्हें फल मिलने लगा था।
जुलाई 2019 में तीस साल की उम्र में उन्होंने पहला वर्ल्ड टाइटल जीता और वो WBC मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाले पहले आयरिश एथलीट बने।
बाद में उन्हें 2019 WBC मॉय थाई फाइटर ऑफ द ईयर खिताब जीता और फिर ONE Championship की ऑल-स्ट्राइकिंग ब्रांच ONE Super Series में आने का न्यौता मिला।
ONE जॉइन करने के बारे में क्लेंसी ने कहा, “तैयारी में खून-पसीना, आंसू सब कुछ लगता है। सालों की तपस्या की वजह से इस पल को जी पा रहा हूं।”
“बड़ी स्टेज पर अपनी स्किल्स को टेस्ट और अपने देश का प्रतिनिधित्व करना, इस बात को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। ये हर फाइटर के लिए बहुत बड़ी बात है।”
Siam Warriors के प्रतिनिधि पूरी दुनिया में टीवी पर शुक्रवार को नजर आएंगे। इसके साथ ही वो अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लेंगे क्योंकि वो ONE Super Series में फाइट करने वाले पहले आयरिश एथलीट होंगे।
क्लेंसी की पोंगसिरी के खिलाफ एक शानदार बाउट देखने को मिलेगी। भले ही ONE: A NEW BREED II में मैच का नतीजा कुछ भी हो, क्लेंसी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा-स्त्रोत बनेंगे।
ये अपने आप में ही एक बड़ी जीत है।
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