सड़कों पर घूमने वाला बच्चा क्लेबर सूसा कैसे ब्राजीलियन जिउ-जित्सु के जरिए गरीबी से निकला

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अमेरिकी प्राइमटाइम पर शुक्रवार, 30 सितंबर (भारत में शनिवार, 1 अक्टूबर) को क्लेबर सूसा इतिहास रचने की कोशिश करेंगे, जब वो पहले ONE फ्लाइवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप मैच में माइकी मुसुमेची के खिलाफ बाउट करेंगे।

दिग्गज BJJ ब्लैक बेल्ट एथलीट्स पहले भी दो बार आपस में मुकाबला कर चुके हैं। ऐसे में सिंगापुर से लाइव प्रसारित होने जा रही ये बाउट इस दिलचस्प प्रतिद्वंदिता की तीसरी बाउट होगी।

सूसा के लिए ये काफी बड़ा अवसर है, जो पहली बार ONE के ग्लोबल फैन बेस के सामने अपनी ग्रैपलिंग क्षमताओं का प्रदर्शन करने वाले हैं।

हालांकि, इस स्तर तक पहुंचने के लिए “क्लेंडेस्टीनो” को काफी सारी परेशानियों से जूझना पड़ चुका है।

तो आइए जानते हैं कि ब्राजीलियाई एथलीट की यात्रा, जिसमें वो गरीबी और टूटे दिल जैसी परेशानियों से गुजरते हुए सबमिशन ग्रैपलिंग की दुनिया के शिखर तक पहुंचे।

बहुत कम खर्च में चलता था गुजारा

ब्राजील के साओ पाउलो शहर के बाहरी इलाके में जन्मे सूसा का पालन-पोषण काफी सारे लोगों से भरे घर में अकेले रहने वाले मां ने किया था।

बचपन में उनके पास उन बुनियादी सुख-सुविधाओं का अभाव था, जो बाकी परिवारों में रहता था। फिर भी 27 साल के एथलीट जब बचपन को याद करते हैं, तब वो परेशानियों की जगह अपनी अच्छी चीजों पर ध्यान लगाना चाहते हैं।

उन्हें याद है:

“कई सारी परेशानियों के बावजूद मैं खुश रहने वाला बच्चा हुआ करता था। मैं अकेली मां का बेटा था और हमेशा से ही मैं अपनी मां के साथ रहता आया था, जिन्होंने मेरी और मेरे भाइयों की परवरिश की थी। मेरी मां के 7 बच्चे थे और उन्होंने दो को गोद लिया था। उनका दिल बहुत बड़ा था।

“मैं और मेरा भाई जब बड़े हुए, तब हम घर का खर्च उठाने में मां की मदद करने लगे, लेकिन हमारे पास किसी और चीज़ के लिए पैसे नहीं बचते थे। हम अपना गुजारा काफी कम खर्च में चलाते थे।

“मैं जिस गली में रहता था, वहां और स्कूल में मेरे काफी सारे दोस्त थे। मुझे गलियों में खेलना अच्छा लगता था। मैं पूरे दिन नंगे पैर पतंग पकड़ने के लिए भागता रहता था। मैं गलियों में घूमने वाला बच्चा था (हंसते हुए)।”

ब्राजीलियन जिउ-जित्सु (BJJ) से हुआ प्यार

जोश से भरे हुए और कुछ कर गुजरने की इच्छा के चलते सूसा का सामना 13 साल की उम्र में जिउ-जित्सु से तब हुआ, जब उनका एक चचेरा भाई उन्हें Almeida Jiu-Jitsu के सोशल प्रोजेक्ट में ले गया।

ये संगठन गरीब बच्चों को फ्री में BJJ सीखने और ट्रेनिंग देने में मदद करता था। वहीं, “क्लेंडेस्टीनो” इससे काफी पहले ही “द जेंटल आर्ट” के प्रति अपने पैशन को पहचान चुके थे।

उन्होंने बताया:

“जैसे ही संगठन में पहुंचा, मैं ‘पास द टीचर्स गार्ड’ खेलने के लिए तुरंत चला गया। बिना किसी जानकारी के मैंने फाइट के प्रति अपनी समझदारी दिखाई और कूद पड़ा (हंसते हुए)। मैंने बिना किसी तकनीक के अपना बेस्ट प्रदर्शन करके दिखाया। पहली ही क्लास में मुझे जिउ-जित्सु से प्यार हो गया था और उसके बाद मैंने ट्रेनिंग कभी रुकने नहीं दी।”

रोजाना की ट्रेनिंग सूसा के जीवन का हिस्सा बन गई। इसके चलते वो गलियों में बिताया जाने वाला समय मैट्स पर बिताने लगे थे और सुधार की इस प्रक्रिया के दौरान ही वो अपने लिए प्रोत्साहन भी तलाश करते रहते थे।

जैसे ही उन्होंने प्रतियोगिता करनी शुरू की तो जीवनभर के लिए उन्होंने इसे अपना लिया।

उन्होंने आगे बताया:

“जिउ-जित्सु में आपको हर दिन खुद से मुकाबला करना होता है। मैंने जब प्रतियोगिता में हिस्सा लेना शुरू किया, तब मुझे इस खेल से और भी ज्यादा लगाव हो गया था।”

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सबसे बड़ा आघात

हाल ही में सूसा को काफी भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।

उनके मुताबिक, साल 2021 में “क्लेंडेस्टीनो” को जीवन के सबसे चुनौती भरे अनुभव का सामना करना पड़ा, जिसमें उनको अपनी प्यारी मां के गुजर जाने का सदमा झेलना पड़ा था।

ब्राजीलियाई एथलीट ने बताया:

“उन्हें कैंसर हुआ था और इसका पता हमें तब चल पाया, जब वो काफी एडवांस स्टेज में पहुंच गया था। इसके चलते उनका देहांत हो गया। मैं उनके साथ पूरे समय मौजूद रहा था, उनकी अंतिम सांस तक। ये मेरे लिए असहनीय पीड़ा थी और उनके जाने से पूरा परिवार सदमे में था।”

सूसा को अपने पर विश्वास और आसपास समर्थन करने वाले जिउ-जित्सु समुदाय से काफी सांत्वना मिली थी।

ब्राजीलियाई एथलीट ने इस तरह के कठिन समय में मदद के लिए वर्षों के कठिन प्रशिक्षण के माध्यम से विकसित लचीलेपन पर भरोसा किया।

उन्होंने बताया:

“ईश्वर का ध्यान करने से मेरे दिल को शांति मिली और तब जाकर मैं इस आघात को सह पाया था। उन्होंने काफी सारे अच्छे दोस्तों को मेरे आसपास भेजा, जिन्होंने मुझे अच्छी सलाह दी। खासकर मेरी जिउ-जित्सु बिरादरी ने। मैंने अपने दिल को मजबूत बनाया और अच्छे फाइटर की तरह जीवन की कठिन परिस्थितियों का सामना किया।”

‘वो किसी सपने के सच होने जैसा होगा’

पिछले एक दशक में सूसा को ग्रैपलिंग प्रतियोगिताओं में अपार सफलता मिली है, जिसमें IBJJF ब्राउन बेल्ट वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीत के साथ पैन अमेरिकन और ब्राजीलियाई नेशनल चैंपियनशिप में ब्लैक बेल्ट हासिल करना शामिल है।

अब वो इन बड़ी उपलब्धियों के आगे का मुकाम हासिल करने की उम्मीद में लगे हैं और मुसुमेची के साथ अपने आने वाले मुकाबले को वो शिखर के तौर पर देख रहे हैं।

“क्लेंडेस्टीनो” ने कहा:

“ONE फ्लाइवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड टाइटल जीतना बेशक मेरे लिए करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी, जो मेरे करियर, प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को पूरी तरह से बदल देगी।

“मुझे अपने जीवन में काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन वो किसी सपने के सच होने जैसा होगा।”

आखिर में सूसा का ये मानना है कि ONE Fight Night 2 का ये वर्ल्ड टाइटल मैच और ONE Championship का ये मंच दोनों ही सबमिशन ग्रैपलिंग के खेल को आगे बढ़ाने के लिए काफी मददगार साबित होने वाले हैं।

उन्होंने आगे कहा:

“प्रोफेशनल जिउ-जित्सु एथलीट्स को सही सम्मान मिलने का अब समय आ चुका है और मेरा मानना है कि ONE जो कर रहा है, उससे कई एथलीट्स के जीवन पर असर पड़ेगा, जो इस खेल से अपनी रोजी-रोटी चलाने का सपना देखते हैं।”

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