सकारात्मकता ने जेम्स नाकाशीमा को ग्लोबल स्टेज का बड़ा सुपरस्टार बनाया
जेम्स नाकाशीमा को उनके बेहतरीन कार्डियो और आक्रामकता के लिए जाना जाता है, यही चीजें उन्हें ONE लाइटवेट वर्ल्ड चैंपियन भी बना सकती हैं।
अब ONE Championship में बड़े स्टार बन चुके नाकाशीमा का जीवन हमेशा ऐसा नहीं रहा। हाई स्कूल लेवल पर रेसलिंग टाइटल जीतने के बाद भी उन्हें यूनिवर्सिटी के स्पोर्ट्स प्रोग्राम में कोई दिलचस्पी नहीं थी।
फिर भला अमेरिकी एथलीट इलिनॉय के एक छोटे से शहर से मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के ग्लोबल स्टेज तक कैसे पहुंचे?
नाकाशीमा के सफर की शुरुआत हाई स्कूल के कोच द्वारा मिली एक सलाह से हुई, जिन्होंने उन्हें लिंकन कॉलेज जाने की सलाह दी थी। वहां उन्हें हेड कोच डे क्लेम का साथ मिला और उन्हीं की मदद के कारण वो 2009 में नेशनल चैंपियन बने।
उन्हें केवल हेड कोच का ही नहीं बल्कि असिस्टेंट कोच स्टीवन ब्रैडली और टी.जे. विलियम्स का भी साथ मिला। दोनों ने युवा स्टार को मानसिक रूप से मजबूत बनाया और ग्राउंड स्किल्स में सुधार करने में भी मदद की।
लाइटवेट स्टार ने कहा, “ब्रैडली ने मुझसे कहा, ‘तुम जरूर नेशनल चैंपियन बनोगे।’ कोई मुझपर इतना विश्वास कर रहा था और यही बात मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही थी।”
“टी.जे. ने भी मुझपर भरोसा जताया और मुझे उनके साथ पहली मुलाकात भी याद है। मैं उनके पास गया और उनसे कुछ सवाल पूछे। वहीं से उन्होंने मुझे अपनी निगरानी में ट्रेनिंग देनी शुरू कराई।
“ये सब भरोसे के कारण ही हो पाया, पहले ब्रैडली और उसके बाद टी.जे. मुझे हमेशा प्रोत्साहित करते और बताते कि मैं कितनी सफलता प्राप्त कर सकता हूं, ये 2009 के मेरे कुछ यादगार पल रहे। अंत में मेरा खुद पर भरोसा बनाए रखना भी बहुत जरूरी था।”
नाकाशीमा ने NJCAA का नेशनल टाइटल जीता, लेकिन ये जीत उनके लिए आसान नहीं रही। टूर्नामेंट के पहले मैच में उनकी शुरुआत काफी धीमी रही, मगर करीबी मुकाबले के अंत में उन्हें 6-4 से जीत मिली।
उन्होंने बताया, “टूर्नामेंट का पहला मैच बेहद करीबी रहा था।”
“मैं नहीं जानता क्यों, लेकिन शायद मैं उम्मीद से अधिक चीजों को करने की कोशिश कर रहा था। मुझे याद है जब मैंने मैच में फायरमैन कैरी मूव लगाया था और मैं अब कभी इस मूव का इस्तेमाल नहीं करूंगा। वो मेरे लिए एक थोड़ा अजीब अनुभव रहा।”
“हमारा मैच ओवरटाइम पीरियड तक जा खिंचा। जैसा कि मैंने कहा कि उनमें से अधिकतर युवा स्टार्स का स्टैमिना आखिरी राउंड्स में समाप्त हो चुका होता है। इसी कारण मुझे जीत मिल पाई।”
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उस जबरदस्त वापसी के बाद आई जीत के बाद उन्होंने अगले मैचों पर अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने दी। अगले मैच में नाकाशीमा ने नॉर्थ आयोवा के ब्रेट रोज़डेल को 11-7 से हराया।
नाकाशीमा ने कहा, “वो एक आलसी स्वभाव के रेसलर रहे और मेरे एक प्रयास के बाद ही मुझे टॉप पोजिशन मिल चुकी थी। हालांकि, उन्होंने मैच में मेरे ऊपर कुछ अनोखे मूव्स का भी प्रयोग किया, जिसका वो फायदा नहीं उठा पाए। अंत में मैं उन्हें हराने में सफल रहा और आगे बढ़ चला।”
अगला नंबर नॉर्थ इडाहो के सेलिक बेल का था, जो अपने पिछले दोनों प्रतिद्वंदियों को फॉल के जरिए हरा चुके थे। सामने कठिन प्रतिद्वंदियों को देख नाकाशीमा के कोचों ने उन्हें प्रोत्साहन दिया कि वो बेल को हरा सकते हैं।
लिंकन कॉलेज के स्टार ने कहा, “बेल लगातार अपने प्रतिद्वंदियों को फॉल से हरा रहे थे। मेरे पिता ने टी.जे. से कहा, ‘क्या तुम्हें लगता है कि जेम्स उसे हरा पाएंगे?’ टी.जे. ने कहा, ‘जेम्स इस टूर्नामेंट में किसी को भी हराने में सक्षम हैं।‘’
“बेल को मैंने कड़ी चुनौती दी और मैंने उन्हें झकझोर कर रख दिया था। मुझे याद है कि उस जीत के बाद मैं अपनी छाती चौड़ी कर चल रहा था।”
लगातार 3 जीत के बाद नाकाशीमा फाइनल में पहुंचे, जहां उनका सामना आयोवा सेंट्रल के ब्रैडली बैंक्स से होना था। इससे पहले उनका मैच शुरू हो पाता, बैंक्स के भाई भी नेशनल टाइटल जीत चुके थे।
लेकिन लिंकन कॉलेज के युवा स्टार बैंक्स फैमिली की सेलिब्रेशन पार्टी में खलल डालने वाले थे।
नाकाशीमा ने कहा, “ब्रैडली ने मेरे खिलाफ अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश की, वहीं उनका ब्रैकेट मुझसे थोड़ा आसान रहा। वो मैच में केवल डिफेंसिव रणनीति के साथ उतरे और पूरे मैच में वैसा ही करते रहे।”
उस डिफेंस के कारण मैच ओवरटाइम पीरियड तक चला गया। जो सबसे जल्दी अपने प्रतिद्वंदी पर पकड़ बना पाता वो नेशनल चैंपियन बनने वाला था।
नाकाशीमा ने आगे कहा, “वो बच निकलने में सफल हो रहे थे इसलिए मुझे जल्द से जल्द कुछ करना था। मैच खत्म होने में केवल 10 सेकंड शेष थे और उन्हें जीत मिलने वाली थी। मैंने उन्हें स्विच लगाकर 2 पॉइंट स्कोर किए, इसी कारण मुझे जीत मिली।”
धैर्य बनाए रखने का नाकाशीमा को पूरा फायदा मिला और उन्हें अहसास हुआ कि वो लिंकन कॉलेज से बाहर की दुनिया में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
उन्हें कई टॉप रेसलिंग टूर्नामेंट्स से जुड़ने के ऑफर मिलने लगे। विलियम्स युवा रेसलर को NCAA चैंपियनशिप दिखाने ले गए, जहां कॉलेज से निकले बेस्ट रेसलर्स परफ़ॉर्म करते थे। इनमें से एक एथलीट जॉर्डन बुरो ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा।
उन्होंने कहा, “टी.जे. को मुझपर भरोसा था और उन्होंने मुझसे कहा ,’तुम्हें इसी तरह की ट्रेनिंग करनी है। जॉर्डन ही तुम्हें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेंगे।”
जॉर्डन 4 बार के वर्ल्ड चैंपियन, 2012 ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता भी रहे और यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का में भी परफ़ॉर्म कर चुके थे। अपने कोच की सलाह को मानते हुए नाकाशीमा भी उसी राह पर चल पड़े।
उन्होंने कहा, “मैंने नेब्रास्का फोन किया और उन्होंने मुझसे कहा, “हमें बहुत खुशी होगी अगर आप हमारे साथ जुड़ेंगे।”
नाकाशीमा उस साल मई में लिंकन कॉलेज से ग्रेजुएट हुए और 3 दिन बाद खुद को नेब्रास्का में पाया।
उन्होंने कहा, “मैंने गर्मियों का पूरा सीजन ट्रेनिंग करते हुए गुजारा। सीजन के शुरुआत होने से पहले ही मुझे स्कॉलरशिप भी मिली।”
अमेरिकी स्टार मानते आए हैं कि 2009 में NCJAA नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप जीतना उनके करियर के सबसे खास लम्हों में से एक रहा। दूसरा खास लम्हा तब आया जब पिछले साल नवंबर में उन्होंने ONE: INSIDE THE MATRIX II में ONE वेल्टरवेट वर्ल्ड चैंपियन कियामरियन “ब्रेज़ेन” अबासोव को चुनौती दी थी।
अगले मैच में वो भार वर्ग में बदलाव कर एक नए सफर की शुरुआत कर रहे हैं। लाइटवेट डिविजन के सफर पर निकले नाकाशीमा को पहले मैच में शुक्रवार, 22 जनवरी को ONE: UNBREAKABLE में #4 रैंक के कंटेंडर शिन्या “टोबीकन जुडन” एओकी की चुनौती से पार पाना होगा।
अब बड़ा सवाल ये है कि क्या नाकाशीमा जापानी लैजेंड को चौंकाते हुए क्रिश्चियन ली को चैलेंज करने के एक कदम करीब पहुंच पाएंगे।
ऐसा कर पाना बहुत मुश्किल होगा, लेकिन नाकाशीमा खुद पर भरोसा होने के कारण ही सफलता प्राप्त करते आए हैं।
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